15+ प्रयागराज(इलाहाबाद) में घूमने की जगह, कुंभ नगरी के लोकप्रिय धार्मिक स्थल
गंगा नदी के तट पर स्थित प्रयागराज या इलाहाबाद हिन्दुओं के प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थलों में से एक है। प्रयागराज जिसे पहले आधिकारिक रूप से इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था। 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जिले का नाम इलाहाबाद से बदलकर प्रयागराज कर दिया। प्रयागराज शहर उत्तरप्रदेश राज्य का सबसे पुराना धार्मिक शहर है। प्रयागराज में घूमने के लिए अनेक प्राचीन मंदिर, तीर्थ स्थल, संगम, और प्रसिद्ध कुंभ का मेला हैं। यदि आप संगम नगरी में घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं और प्रयागराज में घूमने की जगह (Prayagraj Me Ghumne Ki Jagah) को खोज रहे हैं तो इस लेख में आपको प्रयागराज के धार्मिक स्थलों के संबंध में जानकारी देंगे।
हिंदू धार्मिक दृष्टिकोण से कुंभ नगरी में घूमने के लिए अनेकों तीर्थ स्थल मौजूद हैं साथ ही भारत की आज़ादी को बया करते अनेकों ऐतिहासिक स्थल है जो आने वाले पर्यटकों का दिल जीत लेते है। प्रयागराज में घूमने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु और भक्त भारत के विभिन्न शहरों के साथ अन्य देशों से भी श्रद्धालू जाते हैं। अमावस्या और पूर्णिमा को तो लोग संगम में स्नान करने के लिए जाते है और नदी में डुबकी लगाकर मोक्ष प्राप्त होने की कमाना करते हैं।
प्रयागराज में घूमने की जगह | Prayagraj Me Ghumne Ki Jagah
प्रयागराज में घूमने की जगह की सूची
- त्रिवेणी संगम
- लेटे हनुमान जी मंदिर
- प्रयागराज किला
- कुंभ मेला
- आलोपी मंदिर
- भारद्वाज पार्क
- आनंद भवन
- खुसरो बाग
- अशोक स्तंभ
- जवाहर तारामंडल
- सैंट कैथेड्रल चर्च
- अल्फ्रेड पार्क
- पब्लिक लाइब्रेरी
- मदनमोहन मालवीय पार्क
- मनकामेश्वर मंदिर
प्रयागराज के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी
- इलाहाबाद का पुराना नाम कौशांबी था। लेकिन 1583 में मुगल बादशाह अकबर ने कौशांबी का नाम बदलकर इलाहाबाद रख दिया। इलाहाबाद का अर्थ होता है "अल्ला का बगीचा"
- प्रयागराज शहर का अस्तित्व महाभारत काल से भी जुड़ा हुआ है। प्रयागराज को अनेक नामों से पुकारा जाता है तंबू नगरी, संगम नगरी, और कुंभ नगरी।
- प्रयागराज में उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के आधिकारिक कार्यालय स्थित है। जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, उत्तरप्रदेश का केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, और उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस का मुख्यालय प्रयागराज में ही स्थित है।
- प्रयागराज शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी अग्रणी रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय जिसका जीता जागता सबूत है। इस विश्वविद्यालय को भारत का ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाता है। कोलकाता, मद्रास, और मुंबई यूनिवर्सिटी के बाद यह भारत का चौथा प्राचीन विश्वविद्यालय है।
1. त्रिवेणी संगम - Triveni Sangam Prayagraj
प्रयागराज में अपनी यात्रा संगम से प्रारंभ कर सकते हैं। त्रिवेणी संगम मध्य भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। त्रिवेणी संगम प्रयागराज सिविल लाइंस से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है। त्रिवेणी संगम में गंगा, यमुना, और सरस्वती तीनों पवित्र नदियों का मिलन होता था। लेकिन आज सरस्वती नदी सुख जाने के कारण त्रिवेणी संगम में गंगा और यमुना नदी का संगम देखने को मिलता है।
भारतीय पुराणों में गंगा यमुना और सरस्वती नदी को पूजनीय माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है Triveni Sangam में डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है। बहुत से लोग पितरों को दान देने और अस्थियों को प्रवाहित करने के लिए संगम में जाते हैं। संगम में बहते पानी का मनोरम दृश्य देखकर मन को शांति मिलती है। संगम में स्नान करने के लिए नाव में बैठकर बीच जलधारा में पहुंचा जा सकता है। साथ ही प्रयागराज संगम में पैसे देकर नौका विहार का लुफ्त उठा सकते हैं।
2. लेटे हनुमान जी मंदिर (Lete Hanuman Mandir)
लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर हिंदुओ का प्रमुख धार्मिक मंदिर है। 600 साल से भी अधिक पुराने मंदिर की धार्मिकता की बयार पूरे प्रयागराज में फैली हुई है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में 20 फीट लंबी भगवान हनुमान जी की मूर्ति लेटे हुई मुद्रा में विराजमान है। हनुमान जी को प्रयागराज के कोतवाल के रूप में भी जाना जाता है। हनुमान जी के साथ भगवान श्री राम और लक्ष्मण जी के भी दर्शन करने को मिलते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लंका में विजय प्राप्त करने के बाद अयोध्या वापस लौटते समय माता सीता के कहने पर हनुमान जी ने इसी जगह पर विश्राम किया था। जिसकी वजह से हनुमान जी के दर्शन लेटे हुए मुद्रा में होते हैं। हनुमान जी के दर्शन करने के लिए गंगा में स्नान करके भक्तो को सीढ़ियों से उतर कर नीचे जाना होता है। मंदिर परिसर में ही भगवान राम और माता सीता का मंदिर बना हुआ है। बड़े हनुमान जी का मंदिर संगम से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है।
3. प्रयागराज का किला - Allahabad Fort
प्रयागराज का किला मुगल बादशाह अकबर द्वारा 1583 में बनवाया गया था। यह किला गंगा और यमुना नदी संगम के तट पर बना हुआ है। किले को चार भागों में निर्मित किया गया है। जिसमे अलग अलग भागों में रहने हेतु भवन का निर्माण करवाया गया है।
किले को प्रत्येक 12 साल में आयोजित होने वाले महाकुंभ के अवसर पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। किले के परिसर में स्थित त्रेता युग का प्राचीन अक्षय वट बरगद का पेड़ किले को और लोकप्रिय बनाता है। वृक्ष की परिक्रमा करना बहुत ही शुभ माना जाता है मान्यता है की अक्षय वट की परिक्रमा पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा का दर्शन कराता है। गुफा के अंदर पातालपुरी मंदिर में कई देवी देवताओं के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। पर्यटकों के बीच यह जगह अत्यधिक लोकप्रिय है।
4. कुंभ मेला (Kumbh Mela)
कुंभ मेला प्रयागराज में लगने वाला हिंदुओ का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य जब कुंभ राशि में होता है उस समय प्रयागराज में सिंहस्थ कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
भारत के अन्य शहर उज्जैन, नासिक और हरिद्वार की तरह प्रयागराज में भी कुंभ मेला आयोजित किया जाता है। दुनियां का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कुंभ का मेला प्रत्येक 12 वर्ष के बाद लगता है और 6 साल बाद अर्धकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। वही धार्मिक नगरी में हर साल माघ मेला लगता है। पिछला महाकुंभ मेला 2013 में लगा था और अब 2025 में अगला कुंभ मेला आयोजित किया जाएगा।
कुंभ मेले में देश और दुनियां से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते है और गंगा नदी में स्नान करके जीवन के पापों से मुक्त होने की कामना करते हैं। हर वर्ष महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अनेक संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करके पूजा अर्चना करते हुए मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं।
5. आलोपी देवी मंदिर (Alopi Sankari Devi Shakti Peeth Temple)
आलाेपी देवी मंदिर पवित्र संगम के किनारे स्थित 51 शक्तिपीठों में से एक श्रद्धालुओं का दर्शनीय मंदिर है। Alopi Mandir की विशेषता है की मंदिर में किसी भी देवी देवताओं की मूर्ति न होने से भारत में यह मंदिर सबसे खास माना जाता है। मंदिर में माता झूले के रूप में दर्शन देती है।मंदिर में केवल एक लकड़ी का रथ रखा है जिसकी पूजा की जाती है। सावन के महीने में पूजा करने के लिए भक्तो का विशाल हुजूम लगता है। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक मंदिर में दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। यह मंदिर आलाेपी बाग में स्थित है।
6. भारद्वाज पार्क (Bhardwaj Park)
प्रयागराज में यदि घूमने के लिए गए है तो भारद्वाज पार्क घूमने के लिए जरूर जाएं इस पार्क में हरियाली से भरपूर शांत वातावरण है। भारद्वाज पार्क में पानी से भरे फाउंटेन सुकून का ऐहसास कराती है। Bhardwaj Park के पास ही ऋषि भारद्वाज आश्रम बना हुआ है। यह आश्रम ऋषि भारद्वाज की कहानी का वर्णन करता है। भारद्वाज आश्रम की में ही भगवान राम अपने वनवास काल के दौरान चित्रकूट का रास्ता पूछने के रूप इसी आश्रम में आए थे। त्रेता युग में स्थापित आश्रम में कई छोटे छोटे मंदिर में दर्शन किया जा सकता है।
7. आनंद भवन (Anand Bhawan Allahabad)
आनंद भवन प्रयागराज में स्थित एक प्राचीन ऐतिहासिक भवन है। जिसे पहले मूल रूप से स्वराज भवन के नाम से जाना जाता था। ऐतिहासिक इमारत का निर्माण मोतीलाल नेहरू ने 1930 में करवाया था। वास्तुकला की दृष्टि से यह भव्य भवन देखने में बहुत आकर्षक लगता है। दो मंजिला बना आनंद भवन भारत की आजादी का गवाह है।
आनंद भवन भारत की आजादी के समय बहुत से स्वतंत्र सेनानियों का गढ़ था। इंदिरा गांधी ने इस भवन को 1970 में भारत सरकार को दान में दे दिया था। आज के समय भारत सरकार के पास इस ऐतिहासिक इमारत की देखरेख की जिम्मेदारी है। Anand Bhawan Allahabad मे घूमने के लिए साधारण सा प्रवेश शुल्क लगता है। आनंद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं।
8. खुसरो बाग - Khusro Bagh
प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास में स्थित खुसरो बाग सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। खुसरो बाग प्रयागराज लूकरगंज में स्थित मुगल वास्तुकला का अनोखा उदाहरण देखने को मिलता है। बलुआ पत्थरो द्वारा निर्मित सुन्दर खुसरो बाग और बगीचे में लगे हरे अमरूद के पेड़ पौधे और गुलाब के फूल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
खुसरो बाग के अमरूद को विदेशो में खाने के लिए भी निर्यात किया जाता है। खुसरो बाग का नाम जहांगीर के बड़े बेटे खुसरो के नाम पर रखा गया था। इस बाग में खुसरो और उनकी मां तथा बहन का मकबरा स्थित है।
9. अशोक स्तंभ (Ashok Stambh)
प्रयागराज किले के मुख्य द्वार पर स्थित 10 मीटर ऊंचा अशोक स्तंभ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। अशोक स्तंभ का निर्माण मुगल बादशाह अकबर ने 16वी शताब्दी में करवाया था। Ashok Stambh के बाहरी दीवारों पर ब्राह्मी लिपि में अशोक के शिलालेख अंकित है। अशोक स्तंभ देखकर इतिहास की झलक देखने को मिलती है।
10. जवाहर तारामंडल (Jawahar Planetarium Allahabad)
जवाहर तारामंडल प्रयागराज में आनंद भवन के पास स्थित विज्ञान और इतिहास का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस तारामंडल में विद्यार्थियों को जरूर घूमने जाना चाहिए ताकि विज्ञान और ग्रहों से जुड़ी दिलचस्प जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जवाहर तारामंडल ज्ञान अर्जित करने की प्रमुख जगहों में से एक है। इस तारामंडल का निर्माण 1979 में करवाया गया था। तारामंडल में आप अंतरिक्ष में खड़े होने का ऐहसास ले सकते हैं। और ग्रहों की गति को देखने का मौका मिलेगा।
11. सैंट कैथेड्रल चर्च (Cathedral Church)
संत कैथेड्रल चर्च प्रयागराज में सिविल लाइंस में स्थित विश्व प्रसिद्ध स्थल है। जिसे पत्थर वाला गिरिजाघर के नाम से जाना जाता है। चर्च का निर्माण लाल पत्थरो द्वारा 1879 में निर्मित करवाया गया था। इमारत की रूपरेखा विश्व विख्यात वास्तुविद विलियन एमरसन द्वारा तैयार की गई थी। चर्च की अदभुत कारीगरी देखकर लगता है जैसे रोमन साम्राज्य की इमारत को देख रहे हों। प्रयागराज में एमजी रोड पर स्थित यह प्राचीन चर्च शांत वातावरण के लिए एकदम सही स्थान है।
12. अल्फ्रेड पार्क (Alfred Park)
अल्फ्रेड पार्क प्रयागराज में स्थित भारत की आज़ादी की याद दिलाता है। अल्फ्रेड पार्क को स्वतंत्रता सेनानी "चंद्र शेखर आज़ाद बाग" और "कंपनी बाग" के नाम से भी जाना जाता है। प्रयागराज में स्थित सबसे बड़ा पार्क है। Alfred Park में चंद्र शेखर आज़ाद की प्रतिमा स्थापित की गई है।
अल्फ्रेड पार्क 133 एकड़ में फैला अंग्रेजो द्वारा 1870 में निर्मित किया गया था जब प्रिंस अल्फ्रेड भारत घूमने के लिए आया था। 27 फरबरी 1931 में अंग्रेजो से लड़ाई के दौरान चंद्र शेखर आज़ाद इसी पार्क में शहीद हो गए थे। अल्फ्रेड पार्क सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक लोगो के लिए खुला रहता है।
13. पब्लिक लाइब्रेरी (Public Library Prayagraj)
पब्लिक लाइब्रेरी चंद्र शेखर आज़ाद बाग में ही स्थित है। पब्लिक लाइब्रेरी को उत्तर प्रदेश राज्य की सबसे बड़ी लाइब्रेरी का दर्जा प्राप्त है। लाइब्रेरी को मेंयेन मेमोरियल लाइब्रेरी नाम से भी जाना जाता है। पब्लिक लाइब्रेरी में पढ़ने हेतु एक लाख से भी ज्यादा पुस्तको को संग्रहित करके रखा गया है। साहित्य प्रेमी और साहित्य के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों के लिए अच्छी जगह है।
14. मदनमोहन मालवीय पार्क (Madan Mohan Malviya Park)
मदनमोहन मालवीय पार्क घूमने जाने के लिए एक उत्तम जगह है। जहां पर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ जा सकते हैं। मदनमोहन मालवीय पार्क का शांत वातावरण मन को सुकून देता है। पहले इस पार्क का नाम लॉर्ड मिंटो था लेकिन बाद में बदलकर मदनमोहन मालवीय पार्क रख दिया गया।
15. मनकामेश्वर मंदिर (Man Kameshwar Mandir Allahabad)
मनकामेश्वर मंदिर यमुना नदी के तट पर स्थित शंकर भगवान को समर्पित हिंदुओ का प्रसिद्ध मंदिर है। यमुना नदी जब उफान पर होती है। मनकामेश्वर मंदिर के चबूतरे को छूने लगती है। प्रतिदिन होने वाली भगवान शिव की आरती दर्शनीय है। मनकामेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त जाते हैं।
प्रयागराज में कपल्स के घूमने लायक जगह
- नैनी ब्रिज
- त्रिवेणी संगम
- चंद्रशेखर आज़ाद पार्क
- आनंद भवन
- फन गांव वाटर पार्क
- खुसरो बाग
- सोमेश्वर महादेव मंदिर
- विनायक सिटी सेंटर मॉल
- जवाहर तारामंडल
प्रयागराज घूमने कब जाना चाहिए (Best Time To Visit Prayagraj)
प्रयागराज में मुख्य रूप से तीन मानसून आते है। शीत ऋतु, गर्मी का मौसम और बारिश का मानसून। सर्दियों का मौसम नवंबर से फरवरी तक रहता है। और गर्मी अप्रैल से जून तक पड़ती है। जुलाई से सितंबर माह तक बारिश का मौसम रहता है। प्रयागराज में घूमने के लिए आप अपने समय के अनुसार कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
लेकिन अक्टूबर से मार्च तक प्रयागराज में घूमने के लिए अनुकूल मौसम रहता है। सर्दियों में दिसंबर और जनवरी माह में थोड़ा सर्दी के साथ साथ कोहरा गिरता है। सर्दी से बचाने के लिए आप इस माह हो छोड़ सकते है। माघ मास में लगने वाले मेले में घूमने के लिए जा सकते हैं।
प्रयागराज कैसे पहुंचे (How To Reach Prayagraj)
प्रयागराज उत्तर प्रदेश का लोकप्रिय जिला है। पहुंचने के लिए उत्तम यातायात सुविधाएं उपलब्ध हैं।
ट्रेन से प्रयागराज कैसे पहुंचे
प्रयागराज उत्तर रेलवे द्वारा भारत के अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। प्रयागराज पहुंचने के लिए चार रेलवे स्टेशन है प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज संगम, और प्रयागराज छिवकी जैसे मुख्य रेलवे स्टेशन है।
आप अपने शहर से आसानी से ट्रेन के माध्यम से प्रयागराज पहुंच सकते हैं। कोलकाता, वाराणसी, आगरा, कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, चेन्नई जैसे शहरों से नियमित रूप से ट्रेन का संचालन होता रहता है।
सड़क मार्ग द्वारा प्रयागराज पहुंचने का तरीका
सड़क मार्ग द्वारा प्रयागराज भारत के राज्यों और शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। प्रयागराज शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 2 और NH-27 पर स्थित है। सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। कानपुर, लखनऊ, झांसी, बांदा, चित्रकूट, जैसे शहरों में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन बस नियमित रूप से चलती रहती है।
हवाई जहाज से प्रयागराज कैसे जाएं
प्रयागराज शहर हवाई मार्ग से भारत के विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है। प्रयागराज का निकटतम हवाई अड्डा शहर से 12 किलोमीटर दूर बमरौली में स्थित है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु जैसे शहरों में नियमित घरेलू उड़ान संचालित होती रहती हैं।
प्रयागराज हवाई अड्डे का IATA कोड IXD है। लखनऊ का चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट और वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट प्रयागराज से नजदीक पड़ते हैं।
प्रयागराज (इलाहाबाद) में रुकने की जगह
प्रयागराज में रुकने के लिए अनेक होटल और धर्मशाला मिल जायेंगी। जिसमे प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास और रामबाग क्षेत्र के आसपास बहुत से होटल स्थित है जहां आप कम बजट में रुक सकते हैं। यदि अधिक सुविधाओं वाले होटल की तलाश में हैं तो सिविल लाइंस में काफी होटल मौजूद हैं। इसके अलावा संगम के तट पर अनेकों धर्मशाला और विश्राम गृह स्थित है।
प्रयागराज का मशहूर भोजन कौन सा है?(Famous Food in Prayagraj)
प्रयागराज शहर में खाने के लिए होटल से लेकर स्ट्रीट फूड आपको मिल जायेगा। सुबह सुबह नाश्ता करने के लिए दही जलेबी इलाहाबाद में बहुत प्रसिद्ध है। साथ ही चाट, समोसा, कचौड़ी, पराठा, लिट्टी चोखा छोले भटूरे, पोहा सुबह में नाश्ते के तौर पर मिल जायेगा।
दोपहर में खाने के लिए आपको अनेकों रेस्टोरेंट मिल जायेंगे जिसमे रोटी, दाल, चावल, सब्जी, पापड़, सलाद खाने के लिए मिल जायेगा साथी ही लस्सी, कुल्फी, आइसक्रीम के ठेले देखने को मिल जायेंगे।
FAQs
1. भारत की सबसे बड़ी पब्लिक लाइब्रेरी कौन सी है?
भारत की सबसे बड़ी पब्लिक लाइब्रेरी कोलकाता में स्थित इंपीरियल लाइब्रेरी है जिसका निर्माण 1948 में किया गया था। यह भारत में सबसे बड़ा पुस्तकालय है।
2. प्रयागराज कितने दिन में घूम सकते हैं?
प्रयागराज को घूमने के लिए एक दिन में ही प्रयागराज के मुख्य स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। बाकी प्रयागराज के अन्य धार्मिक स्थल देखने के लिए 2 दिन घूमने की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
3. प्रयागराज के प्रसिद्ध मंदिर
- लेटे हनुमान जी मंदिर
- आलोपी मंदिर
- संकट मोचन हनुमान मंदिर
- मनकामेश्वर मंदिर
- श्री वेणी माधव मंदिर
- शंकर विमान मंडप
- नागवासुकी मंदिर
4. अल्फ्रेड पार्क कहा है?
अल्फ्रेड पार्क उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज जिले में स्थित है। इस पार्क को चंद्र शेखर आज़ाद पार्क के नाम से जाना जाता है।यह पार्क स्वतंत्रता सेनानी चंद्र शेखर आज़ाद जी को समर्पित है। इसी पार्क में चंद्र शेखर आज़ाद अग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हुए थे।
5. प्रयागराज से वाराणसी की दूरी
प्रयागराज से वाराणसी की दूरी लगभग 120 किलोमीटर है जिसे तय करने में 3 घंटे का वक्त लग जाता है।