15+ हरिद्वार में घूमने की जगह, कुंभ नगरी के धार्मिक स्थल

भारत के राज्य उत्तराखंड में स्थित हिंदुओ का प्रमुख धार्मिक स्थल हरिद्वार नगरी, श्रद्धालुओं के लिए पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है। हरिद्वार में हर साल लाखों की संख्या में तीर्थयात्री मोक्षदायनी गंगा नदी में स्नान करने के लिए जाते हैं। शिवालिक की पहाड़ियों से घिरे हरिद्वार में ऊंचे ऊंचे पहाड़ों का उत्कृष्ट नज़ारा देखने को मिलता है। हरिद्वार में भी उज्जैन, प्रयागराज और नासिक की तरह ही 12 वर्ष में महाकुंभ और 6 वर्ष में अर्धकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। लेख में आपको पावन कुंभ नगरी हरिद्वार में घूमने की जगह (Haridwar Me Ghumne Ki Jagah) के विषय में जानकारी विस्तार पूर्वक देंगे। जिस जगह पर घूमने के लिए जाते हैं और जानकारी के अभाव में यात्रा सुखद नहीं हो पाती।

Haridwar Me Ghumne Ki Jagah

हरिद्वार को सात सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में एक माना जाता है। कहते है की हरिद्वार गंगा नदी में डुबकी लगाने पर सारे पापो से मुक्त मिलती है और पुनर्जन्म के चक्र से भी मुक्ति मिलती है। हरिद्वार अनेकों तरह के धार्मिक मंदिरों को अपने गर्भ में समाए हुए है। भक्त पवित्र गंगा नदी में स्नान करने के बाद मंदिरो में देवताओं के दर्शन करके अपने आपको धन्य होने ही कामना करते हैं। गंगोत्री में गोमुख से निकल कर गंगा नदी सबसे पहले हरिद्वार से ही होकर गुजरती हैं।

हरिद्वार में स्थित हर की पौड़ी में शाम को होने वाली गंगा आरती तीर्थयात्रियों का मुख्य आकर्षण का केंद्र है। तीर्थ यात्रा में जाने वाले वाले अधिकतर यात्री गंगा आरती पर शामिल होकर अपनी यात्रा को सफल बनाने का कार्य करते हैं। हरिद्वार की पावन भूमि हर साल में आने वाले सावन के महीने में कांवड़ियों से भर जाता है। भगवान भोले नाथ को जल अर्पित करने के लिए कांवड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा जैसा माहौल दिखाई देता है। हरिद्वार की धार्मिक पवित्रता के कारण दुनियां भर में देव भूमि के नाम से प्रसिद्ध है।


हरिद्वार में घूमने की जगह | Haridwar Me Ghumne Ki Jagah

हरिद्वार में घूमने की योजना बनाने से पहले हरिद्वार के विषय में अच्छी तरह जानकारी प्राप्त कर लिजिए ताकि आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।


हरिद्वार में घूमने की जगह संक्षिप्त परिचय

  1. पावन धाम
  2. हर की पौड़ी
  3. चिल्ला वन्य जीव अभयारण्य
  4. मनसा देवी मंदिर हरिद्वार
  5. चंडी मंदिर
  6. नील धारा हरिद्वार
  7. सप्त ऋषि आश्रम
  8. पतंजलि योग पीठ हरिद्वार
  9. झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व
  10. क्रिस्टल वर्ल्ड
  11. भारत माता मंदिर हरिद्वार
  12. पारद शिवलिंग हरिद्वार
  13. माया देवी मंदिर हरिद्वार
  14. ब्रह्म कुण्ड हरिद्वार
  15. शांति कुंज हरिद्वार


हरिद्वार धार्मिक शहर का परिचय

  1. हरिद्वार का प्राचीन नाम मायापुरी था। कहते है हरिद्वार में भगवान शिव ने अपनी जटा खोलकर पवित्र गंगा नदी को मुक्त किया था। गंगा नदी गोमुख से निकल कर 253 किलोमीटर की यात्रा करके सबसे पहले हरिद्वार में आकर मिलती है। इसलिए हरिद्वार को गंगा द्वार कहा जाता है यही से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, ऋषिकेश, यमनोत्री  जाने का रास्ता शुरू होता है।
  2. हरिद्वार को 1780 में बसाया गया था। जिसे भारत का सबसे पवित्र धार्मिक स्थान माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हरिद्वार में तीनों देवता ब्रह्मा, विष्णु, महेश उपस्थित हुए थे तभी से यह भूमि पावन हो गई है।
  3. हरिद्वार का प्राचीन नाम मायापुरी था। हरिद्वार दो शब्दो से मिलकर बना है। हरी+ द्वार इसका अर्थ होता है भगवान का द्वार। कहते है जब समुद्र मंथन से निकले अमृत की कुछ बूंदे झलक कर हरिद्वार में गिरी थी जब धनवंतरी उस घड़े को लेकर जा रहे थे। जहा पर अमृत की बूंदे गिरी थी उसे हर की पौड़ी में ब्रह्म कुंड माना जाता है।


1. पावन धाम हरिद्वार - Pawan Dham Haridwar Famous Dharmik Sthal

Haridwar me ghumne ki jagah

पावन धाम मंदिर रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी पर सप्त सरोवर रोड़ पर स्थित है। मंदिर का निर्माण पूरी तरह रंग बिरंगे कांच के टुकड़ों से किया गया है। पावन धाम में हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित की गई है। मंदिर में भगवान शिव, कृष्ण, माता सरस्वती, गणेश जी, संतोषी माता की मूर्ति जैसी अनेकों कांच की मूर्ती बनी हुई हैं। कांच के प्रतिबिंब के कारण एक ही मूर्ति कई बार दिखाई देती हैं।

यह मंदिर देखने में बहुत ही आकर्षण लगता है। हरिद्वार में घूमने आए पर्यटकों को यह पावन धाम मंदिर अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां घूमने पर मन को शांति मिलती है। मंदिर को देखने जानें से पहले जूते चप्पल उतार कर जाना होता है। मंदिर में घूमने के लिए बिलकुल फ्री है।

पावन धाम कैसे पहुंचे: हरिद्वार बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन से ऑटो रिक्शा द्वारा 15 मिनट में पहुंच सकते हैं। ऑटो रिक्शा वाले को बोलना है की पावन धाम जाना है। और वह आपको ड्रॉप कर देगा।


2. हर की पौड़ी हरिद्वार में घूमने की जगह - Har Ki Pauri Tourist place In Haridwar

हर की पौड़ी भारत के राज्य उत्तराखंड में स्थित धार्मिक नगरी Haridwar का पवित्र और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल स्थान माना जाता है। जिसका मतलब होता है हरी यानी "नारायण के चरण" हर की पौड़ी वही स्थान है जहां समुद्र मंथन में निकले अमृत की बूंदे झलक कर गिर गई थी। हर की पौड़ी को ब्रह्म कुंड के नाम से भी जाना जाता है। हर की पौड़ी में सुबह सुबह स्नान करके धार्मिक यात्रा की शुरुआत की जाती है। मौनी अमावस्या को स्नान कराना बहुत ही शुभ माना जाता है इसलिए गंगा स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।


Haridwar Me Ghumne Ki Jagah

हर की पौड़ी हरिद्वार में पांच प्रमुख स्थलों में से एक है। हर की पौड़ी का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई बृथरी की याद करवाया था। हर 12 वर्ष के बाद इसी स्थान पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। इस स्थान पर दो प्रमुख मंदिर है गंगा मंदिर और हरि चरण मंदिर। शाम को होने वाली गंगा आरती हर की पौड़ी में प्रमुख मानी जाती है। हर की पौड़ी रेलवे स्टेशन से 4 किमी दूर पर है।


3. चिल्ला वन्य जीव अभयारण्य हरिद्वार

चिल्ला वन्य जीव अभयारण्य हरिद्वार में गंगा नदी के पूर्वी किनारे स्थित वन्य जीव अभयारण्य है। यह हरिद्वार से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे 1977 में बनाया गया था। यह जीव अभयारण्य 249 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। चिल्ला वन्य जीव अभयारण्य मे अनेकों तरह के जंगली जानवर देखने को मिल जायेंगे जैसे शेर, चीता, हाथी, बाघ, भालू, हिरन, तेंदुआ, अनेकों तरह के पक्षी।

Haridwar Me Ghumne Ki Jagah

वन्य जीव देखने के साथ साथ यहां आप हाथी की सवारी का आनंद ले सकते हैं। यह हरिद्वार में घूमने जाने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी जगह है। पर्यटकों को जीप की सफारी पर बैठाकर 35 किमी तक सफर कराया जाता है। सफ़ारी में जंगल को एक्सप्लोर करने में 3 घंटे का समय लग जाता है। जंगल सफारी का एक अलग ही अनुभव होता है। वन्य जीव अभयारण्य को 1983 में मोती चूर और राजाजी अभयारण्य से जोड़ा गया था। यहां घूमने जाने के लिए 550 रूपए का शुल्क लगता है।


4. मनसा देवी मंदिर हरिद्वार - Mansa Devi Temple Haridwar Dharmik Sthal

मनसा देवी मंदिर उत्तर भारत के हरिद्वार में स्थित सबसे प्रसिद्ध मंदिर के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर 180 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। मनसा देवी को शंकर भगवान और मां पार्वती की सबसे छोटी पुत्री के रूप में जाना जाता है। नवरात्री के समय मंदिर में भक्तो की बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। दर्शन करने के लिए जाते हैं तो मंदिर परिसर पर प्रसाद खरीदने की बहुत सी दुकानें बनी हुई हैं। मंदिर के अंदर कैमेरा ले जाने की अनुमति नहीं है।

Haridwar Me Ghumne Ki Jagah

मनसा देवी को विष की देवी के लिए भी जाना जाता है। मनसा देवी का प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ इसी कारण इनका नाम मनसा पड़ा। मनसा देवी कमल पर सदैव विराजमान रहती है और उनके ऊपर 7 नाग हमेशा रक्षा के लिए तैयार रहते हैं। मनसा देवी मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को मन्नत मांगने के लिए धागे को पेड़ के चारों ओर बंधना पड़ता है।

जब मन्नत पूर्ण हो जाती है। तब दुबारा आकार धागे को खोलना पड़ता है। यह मंदिर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक भक्तो के दर्शन हेतु खुला रहता है। दोपहर में केवल दो घंटे के लिए 12 से 2 बजे तक मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। जिसमे मानसा देवी का श्रृंगार और भोग लगता है। मनसा देवी 51 शक्तिपीठों में से एक है।

मनसा देवी मंदिर लोकेशन : मनसा देवी मंदिर हरिद्वार से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जिसमें पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है या फिर रोप वे द्वारा जा सकते हैं।


5. चंडी देवी मंदिर हरिद्वार - Chandi Devi Temple Haridwar

गंगा से सटे नील पर्वत की चोटी पर माता चंडी का दिव्य दरबार लगा हुआ है। हरिद्वार का धार्मिक स्थल चंडी देवी मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर ऊंचाई पर होने के कारण ऊपर से देखने पर प्राकृतिक नजारा काफ़ी खूबसूरत लगता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है दो शुभ निशुंभ नाम के राक्षस धरती पर प्रलय मचाए हुए थे तब उन्हे रोकने के लिए भगवान ने मां चंडी देवी को धरती पर भेजा था।तब मां चंडी धरती पर प्रकट होकर उन दोनों राक्षस का वध करती हैं।

Haridwar Me Ghumne Ki Jagah

कहते हैं चंडी मंदिर का निर्माण 8वी शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य ने किया था।मंदिर में लोग पूजा अर्चना और मन्नत मांगने के लिए दर्शन करते हैं। मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई मन्नत जरूर पूर्ण होती है। चंडी देवी मंदिर का रास्ता हर की पौड़ी से ही होकर जाता है। मंदिर तक जाने के लिए पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है परन्तु पैदल जानें का सस्ता जोखिम से भरा हुआ रहता है। मंदिर जाने के लिए रोपवे सबसे बढ़िया मध्यम है जिसमे टिकट लेकर पहुंच सकते हैं। चंडी देवी मंदिर जानें के लिए ऑटो रिक्शा की सुविधा भी उपलब्ध रहती है। मनसा देवी मंदिर से चांडी मंदिर 5 किमी दूर है पहुंचने में 20 मिनट लगते हैं।


6. नील धारा हरिद्वार - Neel Dhara

Haridwar Me Ghumne Ki Jagah

नील धारा हरिद्वार में श्रद्धालुओं के घूमने के लिए प्रसिद्ध जगह है। दोनो तरफ पहाड़ों से ढका हुआ शांत वातावरण और प्राक्रतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मां गंगा के तट पर बैठकर शांति का ऐहसास ले सकते हैं। यह पर्यटक स्थल गंगा नदी के नीले पानी और अदभुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। नील धारा के दोनो किनारे पर मंदिर स्थित है एक ओर मनसा देवी का मंदिर है और दूसरे छोर पर मां चंडी का मंदिर है।

नील धारा कैसे पहुंचे : दिल्ली हरिद्वार हाइवे के रास्ते ओम घाट के लिए सीधा रास्ता बना हुआ है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन से यह जगह 5 किमी दूर पड़ता है।


7. सप्त ऋषि आश्रम हरिद्वार - Saptrishi Aashram

हरिद्वार में हर की पौड़ी से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर सप्तऋषि आश्रम स्थित है। यह आश्रम हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध आश्रमों में से एक लोकप्रिय आश्रम है। गुरु गोस्वामी दत्ता द्वारा 1943 में इस आश्रम की स्थापना की गई थी। यह आश्रम गरीब बच्चों के लिए निशुल्क आवास, भोजन, शिक्षा, प्रदान करता है। रहने के लिए बहुत से कमरे बने हुए हैं।

Haridwar me ghumne ki jagah

पौराणिक कथाओं के अनुसार कहते है इसी स्थान पर सात महान ऋषि तपस्या किया करते थे। इस स्थान को सप्त सरोवर या सप्त ऋषि कुंड के नाम से जाना जाता हैं। सप्तऋषि आश्रम देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त गण आते हैं। पवित्र स्थान पर गंगा नदी सात धाराओं में बहती हुई नज़र आती हैं। सप्तऋषि आश्रम में पर्यटकों के ठहरने के लिए कम शुल्क में कमरा भी मिल जाता है। कमरा आपको एसी (AC) और नॉन एसी दोनों तरह के मिल जाते हैं।


8. पतंजलि योग पीठ हरिद्वार - Patanjali Yog Pith Haridwar

पतंजलि योग पीठ, हरिद्वार में दिल्ली मार्ग पर कनखल में स्थित है। दुनियां का सबसे बड़ा योग आश्रम है। इसकी स्थापना 2006 में स्वामी रामदेव द्वारा की गई थी। आचार्य बाल कृष्ण इसके महा सचिव है। प्रारंभ में आश्रम की स्थापना स्वामी कृपाल देव महाराज ने 1932 में किया था। तब आश्रम विश्व ज्ञान मंदिर के रुप में जाना जाता था। पीठ आश्रम का मुख्य उद्देश्य योग का अभ्यास, योग की खोज, और आयुर्वेद का निर्माण करना है। आश्रम के अंदर महर्षि पतंजलि की मूर्ति स्थापित की गई है। अंदर काफी बड़ा पार्क हैं जहां बैठकर आराम कर सकते हैं।

Haridwar Me Ghumne Ki Jagah

यह इंस्टीट्यूट विशाल एकड़ की भूमि में फैला हुआ है। पतंजलि के उत्पाद यही निर्मित किए जाते है और देश और दुनियां में उपयोग हेतु भेजे जाते हैं। आश्रम में OPD भी हैं। जहां बीमार लोगों का इलाज भी किया जाता है। हरिद्वार घूमने आने वाले पर्यटकों को पतंजलि योग पीठ आश्रम में जरूर जाना चाहिए। यहां पर आप सेहत और योग से जुड़े तरह तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


9. झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व - Jhil Mil Conservation Reserve Tourist place Haridwar

झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व जो की हिरण के लिए जाना जाता है। यह स्थान राजा जी नेशनल पार्क के एक भाग में फैला हुआ है। यह एक कटोरी नुमा दलदली एरिया है जो उत्तराखंड राज्य में हरिद्वार वन विभाग के क्षेत्र में आता है। इस रिजर्व में हिरणों की पांच तरह की प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी जैसे सांभर, चीतल, बारह सिंघा, पाड़ा, काकड़ इत्यादि। इसके अलावा इस क्षेत्र में नीलगाय, बाग, तेंदुआ, हाथी, जैसे जानवर भी देखने को मिल जायेंगे।

Haridwar Me Ghumne Ki Jagah

सर्दियों के मौसम में यहां अनेकों तरह के प्रवासी पक्षी भी बहुत संख्या में आते हैं। यहां पर आपको बारासिंघा हिरन देखने को मिल जायेंगे जो यहां का सबसे प्रसिद्ध जानवर है। यह नदी के बाएं तट पर 3783 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। उत्तराखंड राज्य सरकार ने 2005 में परिस्थतिकी विविधता के आधार पर इस क्षेत्र को संरक्षित घोषित कर रखा है। चारो ओर फैली हरियाली मन को प्रफुल्लित कर देती है।


10. क्रिस्टल वर्ल्ड हरिद्वार - Crystal World Haridwar Picnic spot

यदि आप हरिद्वार घूमने के लिए गए हैं तो क्रिस्टल वर्ल्ड में जाकर पिकनिक का आनंद ले सकते हैं। यह एक वाटर पार्क है जिसमे मनोरंजन हेतु कई तरह के साधन उपलब्ध है। परिवार के साथ समय बिताने का अच्छा पर्यटक स्थल है।

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आप अपने बच्चो को लेकर जा सकते हैं। यहां पर 39 तरह के वाटर स्लाइड, विडियो गेम, बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। यह हरिद्वार में दिल्ली रोड़ पर बटेडी में स्थित है। सप्ताह के अंत में बड़ी संख्या में लोग मनोरंजन करने आते हैं। क्रिस्टल वर्ल्ड मे प्रवेश शुल्क लगभग 700 रुपए प्रति व्यक्ति है।


11. भारत माता मंदिर हरिद्वार - Bharat Mata Mandir Haridwar

सप्त सरोवर में स्थित अत्यंत्र लोकप्रिय मंदिर जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं। मंदिर 180 फुट ऊंचा और 8 मंजिला मंदिर है। हर खंड में अलग अलग मंदिर बने हुए हैं। भारत माता मंदिर की स्थापना स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी ने की थी। भारत माता मंदिर मदर इंडिया मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। श्रीमती इंदिरा गांधी ने 1983 में इस मंदिर का उदघाटन था।

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भारत माता मंदिर देश के लिए शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है। मंदिर में किसी भी धर्म के देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित नही कि गई है बल्कि ज़मीन पर भारत देश का नक्शा बना हुआ है। जो भारत माता को प्रदर्शित करता है। भारत माता जिसमे केसरिया वस्त्र धारण किए हुए है। मंदिर में घूमने के लिए जूते चप्पल बाहर उतार कर जाना होता है। अगर आप हरिद्वार दर्शन के लिए गए हैं तो इस मंदिर में जरूर जाए। हर की पैड़ी से यह मंदिर 5 किमी दूर है।

मंदिर खुलने का समय: भारत माता मंदिर सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है।


12. पारद शिवलिंग हरिद्वार - Parad Shivling

पारद शिवलिंग हरिद्वार में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो विश्व का प्रथम शिवलिंग है। मंदिर का शिवलिंग 151 किलो का बना हुआ है। पारद शिवलिंग मंदिर को पर्देश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। पारद शिवलिंग की महिमा का वर्णन शास्त्रों में भी पढ़ने को मिलता है। सावन के महीने में भगवान भोले नाथ की आराधना करने के लिए दूर दूर से भक्त आश्रम में आते हैं।

Haridwar me ghumne ki jagah

पारद शिवलिंग मंदिर हरिहर आश्रम में स्थित है। आश्रम में ही महामृत्युंजय मंदिर भी बना हुआ है। हरिहर आश्रम भारत का पौराणिक और आध्यात्मिक धर्मस्थली है। मंदिर परिसर में 450 साल पुराना रुद्राक्ष का पेड़ है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मंदिर हर की पौड़ी से 4 किमी दूर पड़ता है।

मंदिर की लोकेशन : पारद शिवलिंग मंदिर हरिहर आश्रम में कनखल में स्थित है।


13. माया देवी मंदिर हरिद्वार - Maya Devi Temple

माया देवी मंदिर हरिद्वार में हर की पौड़ी से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर माता सती को समर्पित है जो दक्ष प्रजापति की पुत्री थी। मंदिर के गर्भ गृह में माता कमल के पुष्प पर विराजित हैं। माता के दाई ओर कामाख्या देवी और बाई ओर माता काली विराजित हैं। माता माया हरिद्वार में तीन शक्ति पीठों में से एक है। माया देवी मंदिर प्रथम शक्ति पीठ है जो सारी शक्तिपीठों की उत्पत्ति का केंद्र है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी स्थान पर माता सती की नाभी गिरी थी जब विष्णु भगवान ने सुदर्शन चक्र से शरीर को विछिन्न कर दिया था।

Haridwar me ghumne ki jagah

ज्यादातर शक्ति पीठ में माता पिंडी के रुप में विराजमान रहती हैं परंतु इस मंदिर में माता पूरे शरीर के रुप में दर्शन देती हैं। मंदिर की खास बात यह है की यहां नागा साधु आकार पूजा आराधना करते हैं। माता के दरबार के बगल में ही भैरव बाबा विराजमान है। माता के दर्शन से पहले भैरव बाबा के दर्शन करना शुभ माना जाता है नही तो माता के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। अगर आप हरिद्वार दर्शन करने के लिए गए हैं तो माया देवी मंदिर जरूर जाए।


14. ब्रह्म कुण्ड हरिद्वार - Bramha Kund Haridwar

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ब्रह्म कुंड हरि की पौड़ी में स्थित हरिद्वार का प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। ब्रह्म कुंड वह स्थान है जहां गंगा नदी अपने गोमुख से निकल कर पहाड़ों के रास्ते समतल भूमि में प्रवेश करती है। भक्तो के लिए यह स्थान बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। पुराणों के अनुसार इस जगह पर ब्रम्हा जी ने यज्ञ करवाया था। ब्रह्म कुंड का बहुत ही पौराणिक महत्व है। मकर संक्रांति पर्व पर भक्त ब्रह्म कुंड में स्नान करने के लिए जाते हैं। लोगों की आस्था है की ब्रह्म कुंड में स्नान करने से त्वचा से जुड़े सभी रोग ठीक हो जाते हैं।


15. शांति कुंज हरिद्वार - Shanti Kunj Haridwar

शांति कुंज हरिद्वार का प्रमुख आध्यात्मिक शिक्षा केंद्र है जहां जीवन जीने की कला सिखाई जाती है। यह गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह आध्यात्मिक केंद्र रेलवे स्टेशन से 6 किलामीटर की दूरी पर ऋषिकेश मार्ग पर स्थित है। शांतिकुंज के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य है। शांति कुंज में यदि अध्यात्म की पढ़ाई के लिए जाते हैं तो रहने और खानें का फ्री रहता है। ट्रस्ट का संचालन दान दक्षिणा से ही चलता है।

Haridwar me ghumne ki jagah

शांति कुंज आध्यात्मिक केंद्र में जीवन के आदर्श मूल्यों पर जीने का तरीका सिखाया जाता है। जिसमें परिवार निर्माण, समाज का निर्माण और कल्याण, व्यक्ति का निर्माण अध्यात्मिक विषय पर शिक्षा दी जाती है। हरिद्वार की अध्यात्मिक यात्रा पर धार्मिक और समाज कल्याण के लिए एक अनोखी अकादमी है।


हरिद्वार घूमने के लिए कब जाएं? (Best Season to Visit Haridwar)

हरिद्वार में घूमने जाने के लिए तीर्थ यात्री साल के 12 महीने जाते रहते हैं। हरिद्वार घूमने के लिए कभी भी जा सकते हैं। हरिद्वार में सावन और महाशिवरात्रि के समय यहां लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं। इन दिनों यहां बहुत भीड़ होती है। सावन के महीने में हरिद्वार कांवड़ियों से भर जाता है।


हरिद्वार पहुंचने का साधन - How to Reach Haridwar in Hindi

हरिद्वार एक धार्मिक स्थल होने के कारण यहां लोगों का आना जाना लगा रहता है। हरिद्वार पहुंचने के लिए तीनो तरह के साधन वायुमार्ग, सड़क मार्ग, रेलमार्ग उपलब्ध हैं। जिसमे आप अपनी सुविधा अनुसार किसी भी माध्यम का चुनाव करके हरिद्वार पहुंच सकते हैं।


बस से हरिद्वार कैसे पहुंचे? - How To Reach Haridwar By Road in hindi

हरिद्वार पहुंचने के लिए सड़क मार्ग भी काफी उत्तम है। हरिद्वार अच्छी तरह भारत के शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, मेरठ, हरियाणा जैसे शहरों से आसानी से बस द्वारा हरिद्वार पहुंच सकते हैं। आप चाहे तो अपने निजी वाहन द्वारा भी हरिद्वार जा सकते हैं। दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा हरिद्वार की दूरी महज 5 से 6 घंटे की दूरी पर है।


हरिद्वार रेलगाड़ी द्वारा कैसे पहुंचे? - How To Reach Haridwar By Train

हरिद्वार ट्रेन मार्ग से भारत के विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है। हरिद्वार का रेलवे स्टेशन शहर के दक्षिण दिशा में स्थित है। अगर आप रेल मार्ग द्वारा हरिद्वार जाना चाहते हैं तो दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, कानपुर, पंजाब, कोलकाता जैसे शहरों से ट्रेन द्वारा हरिद्वार पहुंच सकते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन का कोड HW है। यह मुरादाबाद रेलवे के जोन में आता है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर 12 प्लेटफार्म उपलब्ध है। हरिद्वार का रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड आमने सामने स्थित हैं।


हवाई जहाज से हरिद्वार कैसे पहुंचे? - How To Reach Haridwar By Air

एयरोप्लेन द्वारा हरिद्वार पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है जो हरिद्वार से 41 किलामीटर दूर देहरादून में स्थित है। हरिद्वार घूमने आने वाले पर्यटक दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर से फ्लाइट बुक करके देहरादून पहुंच सकते है और कैब बुक करके एक घंटे में हरिद्वार पहुंच जायेंगे।

यदि देहरादून के लिए कोई फ्लाइट्स उपलब्ध नही है तो दिल्ली इन्दिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंच कर एअरपोर्ट में कैब या टैक्सी बुक करके सड़क मार्ग द्वारा हरिद्वार पहुंच सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है।


हरिद्वार में कहां पर ठहरा जा सकता है?

हरिद्वार एक धार्मिक और तीर्थ स्थल होने के कारण आपको यहां कम बजट से लेकर महंगे अनेकों तरह के होटल मिल जायेंगे। कम कीमत में आपको होटल में रूम 1000 रुपए से लेकर 1500 तक में 24 घंटे के लिए मिल जायेगा। हरिद्वार में ठहरने के लिए बहुत से धर्मशाला बने हुए हैं जहां कम बजट में रुक सकते हैं।

अगर आप निशुल्क हरिद्वार में रुकना चाहते हैं तो बहुत से आश्रम है जहां पर रुकने के साथ साथ खाना पीना सब कुछ निशुल्क होता है। वैसे खाना खाने के लिए हरिद्वार में बहुत सी जगहों पर भंडारे में भी खाना खिलाया जाता है।


हरिद्वार में हर की पैड़ी के आसपास सस्ते धर्मशाला

  1. लखनऊ धर्मशाला ट्रस्ट
  2. SMT गेस्ट हाउस
  3. श्री गांधी जी हरिजन धर्मशाला
  4. शांति कुंज आश्रम
  5. नरसिंह भवन ट्रस्ट धर्मशाला
  6. डेरावाल भवन धर्मशाला
  7. पंचकुला भवन धर्मशाला
  8. निष्काम सेवा ट्रस्ट धर्मशाला
  9. अग्रवाल भवन धर्मशाला


हरिद्वार घूमने का कितना खर्चा लगेगा? (Haridwar ghumne ka kharcha)

हरिद्वार यात्रा की योजना बनाते समय आपको यह भी ध्यान में रखना होगा की हरिद्वार में घूमने में कितना खर्चा आ जायेगा। हरिद्वार की यात्रा आप कम बजट में भी कर सकते है। बाकी आपके रहने खाने के आधार पर निर्भर करता है। हरिद्वार में 2 दिन घूमने के लिए 3000 से  लेकर 5000 रुपए में हरिद्वार घूम सकते हैं।

यदि आप किसी सामान्य होटल में ठहरते है तो लगभग 1000 रूपए 24 घंटे का लग जायेगा साथ ही होटल में खाने पीने का शुल्क अलग से है। और हरिद्वार में घूमने मे खर्च होगा और आपके घर से हरिद्वार पहुंचे में खर्चा लग जायेगा इस तरह कुल मिलकर 3000 से लेकर 5000 में हरिद्वार घुमा जा सकता है।

अगर आप आश्रम में निशुल्क ठहरे है तो रहने और खानें का अलग कर दिया जाए तो 2000 से लेकर तीन हजार रुपए में आप हरिद्वार घूम सकते हैं।

 

FAQs

1. हरिद्वार की प्रसिद्ध चीज क्या है?
हरिद्वार एक तीर्थ स्थल होने के कारण यह देश और विदेश में प्रसिद्ध भारत के धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। यहां पर अनेकों देवी देवताओं के मंदिर और पर्यटक स्थल बहुत प्रसिद्ध हैं।

2. हरिद्वार में घूमने की जगह कौन सी हैं?
हरिद्वार एक धार्मिक तीर्थ स्थल होने के कारण यहां पर बहुत से पर्यटक स्थल मौजूद हैं इसमें से प्रमुख इस प्रकार है पावन धाम, हर की पौड़ी, चिल्ला वन्य जीव अभयारण्य, मनसा देवी मंदिर हरिद्वार, चंडी मंदिर, नील धारा हरिद्वार, सप्त ऋषि आश्रम, पतंजलि योग पीठ हरिद्वार, झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व, क्रिस्टल वर्ल्ड, भारत माता मंदिर हरिद्वार, पारद, शिवलिंग हरिद्वार, माया देवी मंदिर हरिद्वार, ब्रह्म कुण्ड हरिद्वार, शांति कुंज हरिद्वार।

3. हरिद्वार का प्राचीन नाम क्या है?
हरिद्वार का प्राचीन नाम माया या मायापुरी था। हिंदू धर्म ग्रंथो में हरिद्वार को गंगा द्वार, मायापुरी, कपिल स्थान जैसे नामों से भी जाना गया है।

4. हरिद्वार से ऋषिकेश कितनी दूर है?
हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है जिसको तय करने में लगभग 40 से 45 मिनट का समय लग जाता है।

5. हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिर कौन-कौन है?
हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध मंदिर मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी का मंदिर, माया देवी मंदिर और भारत माता मंदिर काफ़ी प्रसिद्ध मंदिरों में गिने जाते हैं।

 

निष्कर्ष (Conclusion)

लेख को पढ़कर हरिद्वार में घूमने की जगह (Haridwar Me Ghumne Ki Jagah) ज्ञात हो गई होगी। मन को शांति और आत्मसुख प्राप्ति के लिए हरिद्वार की यात्रा भगवान को प्राप्त करने की पहली सीढ़ी है। जीवन में एक बार हरिद्वार की तीर्थ यात्रा करके आपने आपको धन्य बना सकते हैं।
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