14+ वैष्णो देवी में घूमने की जगह | कटरा वैष्णो धाम संपूर्ण यात्रा जानकारी
भारत के उत्तरीय राज्य जम्मू कश्मीर के कटरा में स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। वैष्णो देवी धाम कटरा से 14 किलोमीटर दूरी त्रिकुटा पर्वत पर विराजमान हैं। पूरे साल दुनियां भर से करोड़ों की संख्या में भक्तगण दर्शन करने के लिए जाते हैं। वैष्णो देवी घूमने जाने की योजना बना रहे हैं तो इस आर्टिकल के माध्यम से वैष्णो देवी में घूमने की जगह (Vaishno Devi Me Ghumne Ki Jagah) के साथ यात्रा से जुड़ी आवश्यक जानकारी देने जा रहे हैं।
हिंदू धर्म में माता वैष्णो देवी की यात्रा बहुत खास मानी जाती है। भक्त माता वैष्णो देवी के दर्शन और अपनी मनोकामनाएं मांगने हेतु यात्रा में शामिल होते हैं। और दर्शन करके आपनी मन्नत पूरी होने की अर्जी लगाते हैं। माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद आसपास वैष्णो देवी में घूमने की जगह (Vaishno Devi Me Ghumne Ki Jagah) अनेकों हैं धार्मिक स्थल, मंदिर, लोकप्रिय हिल स्टेशन और Tourist Places शामिल हैं। आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ घूम सकते हैं। चलिए जय माता के साथ यात्रा की शुरुआत करते हैं।
वैष्णो देवी में घूमने की जगह | Vaishno Devi Me Ghumne Ki Jagah
वैष्णो देवी मंदिर का परिचय
- वैष्णो देवी मंदिर का निर्माण आज से लगभग 700 साल पहले करवाया गया था। मंदिर की स्थापना हंसाली के ब्राह्मण पुजारी पंडित श्रीधर महाराज जी ने करवाया था। माता का प्राचीन मंदिर लगभग 5200 फिट की ऊंचाई पर स्थित है।
- माता वैष्णो देवी का मंदिर कटरा से 13 किलोमीटर की दूरी पर एक त्रिकुट पर्वत की चोटी पर बना हुआ है। मंदिर के अंदर लगभग 100 फिट लम्बी गुफ़ा है जिसके अंदर एक बड़ा सा चबूतरा बना हुआ है कहा जाता हैं यह चबूतरा माता का आसन है।
- मान्यता है की गर्भवती महिला माता वैष्णो देवी की गुफ़ा में दर्शन करने के लिए जाती हैं। तो गर्भ में पल रहें नन्हा शिशु के होनहार, तेज बुद्धि वाला पैदा होता है।
1. मां वैष्णो देवी धाम कटरा |Vaishno Devi Mandir Religious Place
मां वैष्णो देवी मंदिर कटरा में सबसे प्रसिद्ध और मुख्य दर्शनीय स्थल है। मां Vaishno Devi को त्रिकुटा, वैष्णवी जैसे पवित्र नाम से जाना जाता है। वेद पुराणों के अनुसार यह मंदिर 108 शक्ति पीठ में शामिल है। कहा जाता है जिस स्थान पर माता वैष्णो देवी ने भैरोनाथ का वध किया था वह स्थान "भवन" के नाम से जाना जाता है। इस स्थान पर महालक्ष्मी बीच में और महाकाली और महासरस्वती क्रमश दाएं और बाएं पिंडी के रूप में गुफ़ा में विराजित है।
इन सभी पिंडियो के सामूहिक रूप को वैष्णो देवी कहा जाता है। यह कटरा से 14 किलोमीटर की दूरी पर एक त्रिकुट पर्वत पर स्थित है। यह हिंदुओ का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। रोजाना सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के ठीक बाद दिन में दो बार माता की आरती की जाती है। ऐसा माना जाता है आरती के समय मां वैष्णो देवी गुफा में विराजमान रहती हैं।
मां वैष्णो देवी की यात्रा बहुत पावन यात्रा है आपको 12 किलोमीटर पैदल चलकर माता के दर्शन प्राप्त होते हैं। माता वैष्णो देवी में बहुत शक्ति है। मां वैष्णो देवी यात्रा करने के दौरान इतनी ऊंचाई पर चढ़ाई होने के बावजूद आपको थकान का अनुभव नहीं होगा। यात्रा के दौरान भक्त जय माता दी के नारे लगाते आगे बढ़ते जाते हैं।
वैष्णो देवी कौन हैं?
माता वैष्णो देवी हिंदू धर्म की आदिशक्ति के रूप में जानी जाती हैं जो माता दुर्गा का की स्वरूप हैं। माता वैष्णो देवी को भक्त अनेक नाम जैसे दुर्गा, मां शेरावाली, वैष्णवी नाम से पुकारते हैं। मान्यता है की जब भगवान शिव द्वारा दिए गए वरदान के कारण त्रेता युग में धरती पर राक्षसों का प्रलय झाया हुआ था। तब आसुरों के अत्याचार को देखते हुए भगवान ब्राह्म, विष्णु और महेश को चिंता सताने लगी। उस समय असुरों का अंत करने के लिए माता काली, माता सरस्वती और लक्ष्मी जी ने अपने दिव्य शक्ति से कन्या रूपी देवी को प्रकट किया तब उस कन्या ने दक्षिण भारत में विष्णु भक्त रत्नाकर सागर नामक व्यक्ति के घर पर जन्म लिया था। वैष्णो देवी के जन्म से पहले उनके माता पिता निःसंतान थे लेकिन बहुत मन्नते और पूजा अर्चना करने से माता का जन्म हुआ था। माता का बचपन का नाम त्रिकुटा था।
वैष्णो देवी धार्मिक यात्रा का पंजीकरण
वैष्णो की यात्रा करने से पहले पंजीकरण करवाना अनिवार्य होता है। यात्रा का पंजीकरण कटरा में बस स्टैंड के पास, त्रिकुटा भवन, रेलवे स्टेशन, और ताराकोट मार्ग में बने आधिकारिक कार्यालय से करवा सकते हैं। जिसमें आपको आरएफआईडी (RFID) दी जायेगी जो यात्रा के दौरान मान्य होगी। भक्त लाइन में लगना नहीं चाहते तो यात्रा का पंजीकरण श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से भी कर सकते हैं। यात्रा का पंजीकरण न होने पर बाणगंगा चेक पोस्ट से आगे जाने नही दिया जाएगा। यात्रा संपन्न करने के बाद वापस आरएफआईडी को जमा कर लिया जाता है।
मोबाइल नेटवर्क
माता वैष्णो देवी की यात्रा पर जम्मू से ही मोबाइल पर नेटवर्क काम करना बंद कर देता है। जम्मू में भारत के अन्य राज्यों के सिम कार्ड काम करना बंद कर देता है। जम्मू में केवल पोस्टपेड सिम कार्ड ही काम करता है। घर से फ़ोन के माध्यम से जुड़े रहना चाहते हैं तो कटरा पहुंचते ही सिम कार्ड खरीद सकते हैं। सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड की जरूरत होती है।
वैष्णो देवी यात्रा की शुरुआत | Vaishno Devi yatra ki shuruaat
वैष्णो देवी यात्रा का पहला कदम कटरा पहुंचते ही विश्राम करना होता है। इसके बाद यात्रा की शुरुआत होती है। वैष्णो देवी यात्रा कटरा से ही शुरू हो जाती है। यात्रा शुरू करने से पहले अपने साथ जरूरी चीजें रख ले जैसे गर्म कपड़े, पानी की बॉटल, कुछ नॉर्मल दवाइया जैसे उल्टी की दवाई, खाने का सामान जैसे बिस्किट, नमकीन, मुरमुरा आदि।
वैष्णो देवी का पावन धाम कटरा से 14 किलोमीटर की दूरी पर है। ऊंचाई पर होने के कारण यात्रा में लगभग 24 घंटे का समय लग जाता है। यात्रा करने से पहले आपको एक पर्ची कटवानी पड़ती है। यात्रा के दौरान कई चेकपोस्ट को पार करना होता है। यात्रा करने के करीब 6 घंटे बाद प्रथम चेकप्वाइंट पर एंट्री करना होता है।
बहुत से दर्शनार्थी जो चलने में असमर्थ है वह पैसे देकर घोड़ा या पालकी रोपवे, पिट्ठू से वैष्णो माता मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यहां पर हेलीकॉप्टर की भी सुविधा उपलब्ध है। जिससे यात्रा करने के लिए आपको हेलीकॉप्टर पहले से बुक करना पड़ता है। जिसका किराया लगभग 2100 रूपए है। और यदि आप घोड़े की सवारी करते है तो 800 से 900 रूपए लगते है और पालकी से लगभग 3200 रूपए लगते है।
वैष्णो देवी यात्रा का पैदल रास्ता
माता वैष्णो देवी की यात्रा में सबसे पहले बस स्टैंड के पास स्थित कार्यालय से रजिस्ट्रेशन करवा कर आरएफआईडी प्राप्त कर ले। पैदल चलने के लिए लाठी या डंडा खरीदकर पैदल चलते हुए बाणगंगा के मुख्य द्वार पर पहुंच जाएं। बाणगंगा द्वार से ही यात्रा की शुरुआत होती है। गेट पर चेक करने के बाद पैदल चलते हुए आगे बढ़ाते जाना है। आगे जानें पर दो रास्ते विभाजित हो जाते हैं जो माता के दरबार तक जाते हैं। एक रास्ता है अर्धकुवारी से जो KM लंबा है और दूसरा रास्ता हिमकोटी मार्ग का है जो 5.5 किमी लंबा है। अधिकतर भक्त अर्धकुवारी के रास्ते हाथीमाता मार्ग से होकर जाते हैं। हाथीमाता मार्ग के रास्ते में बहुत ही लुभावने दृश्य देखने को मिलते हैं। बाणगंगा से पैदल रास्ता 12 किमी का है। रास्ते में अनेकों होटल, खानें पीने की अनेकों दुकानें देखने को मिलती हैं।
हेलीकॉप्टर से वैष्णो देवी की यात्रा
कटरा पहुंचकर यदि आप भवन तक पैदल नहीं जाना चाहते तो हेलीकॉप्टर की सुविधा उपलब्ध है। हेलीकॉप्टर बुकिंग आप श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से कर सकते हैं। कटरा में हेलीपैड बस स्टैंड से 2.5 किमी दूर कश्मीर रोड़ पर है। हेलीपैड पहुंचने के लिए बस स्टैंड और कटरा रेलवे स्टेशन से बहुत से ऑटो रिक्शा चलते हैं। हेलीकॉप्टर संझिछत में आपको ड्रॉप कर देते हैं। संझिछत से माता वैष्णो देवी भवन 2.5 किमी दूर पड़ता है। जहां से आप पैदल या फिर घोड़े पर सवार होकर पहुंच सकते हैं। हेलीकॉप्टर का एक तरफ का किराया 1830 रूपए है वही जानें और वापस आने का किराया 3660 रूपए है।
2. वाण गंगा नदी | Van GANGA River
बाण गंगा नदी माता वैष्णो देवी की यात्रा में पहला पड़ाव है। वाण गंगा नदी कटरा में स्थित एक पवित्र नदी है। यह नदी गंगा नदी की जुड़वा मानी जाती है। अधिकतर तीर्थयात्री मां वैष्णो के दर्शन करने जानें से पहले इस नदी में डुबकी लगाते हैं। और बाणगंगा मंदिर में दर्शन करने के बाद यात्रा को आगे बढ़ाते हैं। बाण गंगा की पौराणिक कहानी भी हैं कहते है जब हनुमान जी को प्यास लगी थी तब माता वैष्णो देवी ने ज़मीन में बाण चला कर गंगा जी को प्रकट किया था। तब बहती नदी के जल से हनुमान जी ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई थी। बाण गंगा में ही वैष्णो देवी ने अपने केश धोए थे जिसकी वजह से बाणगंगा नदी को बहुत ही पवित्र माना जाना है।
3. चरण पादुका मंदिर | Charan Paduka Mandir Vaishno Devi
कटरा में चरण पादुका मंदिर बाण गंगा से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर 1023 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ी पर स्थित है। चरण पादुका मंदिर में मां वैष्णो देवी के चरणों के निशान एक शिला पर देखने को मिल जायेंगे। कहते हैं जब बाबा भैरव नाथ वैष्णो देवी का पीछा कर रहे थे तो इसी जगह से माता वैष्णो देवी ने भैरव बाबा को मुड़कर देखा था। वैष्णो देवी मंदिर के रास्ते पर यह जगह दर्शन करने योग्य है। भक्त लोग चरणों के निशान को स्पर्श करते हुए माथे पर लगाते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं।
4. अर्ध कुवारी गुफ़ा | Ardhkuwari Gufa
अर्ध कुवारी गुफ़ा वैष्णो देवी में घूमने के लिए एक प्राचीन गुफ़ा है। अर्ध कुंवारी गुफा कटरा से 7 किलोमीटर दूर कटरा और Vaishno Devi Temple के बीच रास्ते में स्थित है यह गुफा 52 फिट लंबी गुफा है इसका आकार गर्भ के समान दिखता है। इसलिए इसे गर्बाजून गुफा के नाम से भी जाना जाता है। अर्ध कुवारी गुफ़ा के पास ठहरने के लिए शारदा भवन और शैल पुत्री भवन बने हुए हैं जहां ठहर सकते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता हैं माता वैष्णो देवी ने इसी गुफा में रहकर तपस्या की थी और जब मां वैष्णो देवी ने भैरव का वध किया था सिर घाटी में दूर जा कर गिरा था और आधा शरीर अर्ध कुंवारी गुफा में गिरा था। अर्ध कुंवारी गुफ़ा में दर्शन करने के लिए बहुत भीड़ लगती है। भीड़ की वजह से टोकन दिया जाता है। यदि आपका नंबर आ जाता है तो दर्शन कर सकते हैं।
5. भैरव मंदिर | Bhairav Nath Mandir Vaishno Devi katra
भैरव मंदिर मां वैष्णो देवी मंदिर के समीप स्थित है। यह मंदिर त्रिकूटा पर्वत के नजदीक 2017 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कटरा से महज यह 2 किलोमीटर की दूरी पर है। वैष्णो देवी मंदिर के रास्ते में आपको यह मंदिर मिल जायेगा। भैरव मंदिर के लिए रोपवे की सुविधा उपलब्ध रहती है। रोपवे का टिकट लेने के लिए लंबी लाइन लगती है लाइन में लग कर टिकट लिया जा सकता है।
भैरव बाबा मंदिर पैदल चलकर जानें के खड़ी चढ़ाई है जो लोग बूढ़े और बीमार लोगो को पैदल चलकर जानें की सलाह नही दी जाती वह रोपवे से पहुंच सकते हैं।मान्यता है की यदि वैष्णो माता की तीर्थ यात्रा तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक भैरव मंदिर में दर्शन करने नही जाते। पौराणिक कथाओं के अनुसार माता वैष्णो देवी द्वारा भैरव नाथ का वध करने पर जिस स्थान पर उसका शीष गिरा था आज यह स्थान भैरव मंदिर के नाम से लोकप्रिय है।
6. देवी पिंडी | Devi Pindi Katra
देवी पिंडी पैंथल गांव में स्थित एक धार्मिक स्थल है। माना जाता है कि माता वैष्णो देवी साल के नौ महीने देवी में रहती हैं और तीन महीने त्रिकुट पर्वत पर विराजमान रहती हैं। देवी पिंडी वैष्णो देवी का अस्थायी निवास स्थान माना जाता है। देवी पिंडी में दर्शन करने के लिए शनिवार और रविवार को भक्त काफी संख्या में जाते हैं। पंथल से देवी पिंडी तक 5 किमी का पैदल ट्रैक है जो की बहुत ही खुबसूरत है रास्ते के प्राकृतिक दृश्य दीवाना बना देंगे। पंथल से पैदल चलकर जानें में करीब दो घंटे का समय लग जाता है। कटरा धाम से देवी पिंडी 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देवी पिंडी जाने के लिए कश्मीर रोड़ से बस मिल जाती हैं। कटरा से पैदल चलकर 4 घंटे में पहुंचा जा सकता है। देवी पिंडी जम्मू से 62 किमी है पहुंचने में दो घंटे का समय लग जाता है।
7. सिहाड़ बाबा मंदिर और झरना| Sihad Baba Waterfall Jammu
सिहाड़ बाबा धार्मिक स्थल के साथ प्रकृति के मनोरम परिदृश्य से भरा खुबसूरत स्थान है। Sihad Baba Temple में दर्शन के साथ और झरना का खूबसूरत अनुपम नजारा मन को उत्साहित कर देगा। वैष्णो देवी में घूमने की जगह के तौर पर सिहाड़ बाबा पर्यटकों के घूमने के लिए अच्छी जगह है। सिहाड़ बाबा मंदिर और झरना चेनाब नदी के किनारे स्थित है। सिहाड़ बाबा के पास 20 मीटर ऊंचा झरना है जो पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। घूमने जाने वाले पर्यटक झरने में स्नान करते हैं। सिहाड़ बाबा मंदिर में भगवान शिव का छोटा सा मंदिर बना हुआ है। मंदिर में ही हवन कुंड बना हुआ है जहां रोजाना हवन किया जाता है। सिहाड़ बाबा मंदिर कटरा से 18 किमी दूर है जहां एक घंटे में टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
8. नौ देवी मंदिर | Nau Devi Mandir Katra Prasidh Dharmik Sthal
नौ देवी मंदिर कटरा से 10 किमी दूर एक प्राकृतिक गुफ़ा है जहां नौ देवियों शैल पुत्री, ब्रह्म चारिणी, चंद्र घटा, कुष्मांडा, अशकंदा माता, कात्यानी, काल रात्रि, महा गौरी और सिद्धि धात्री के एक साथ पिंडी के रूप में अलौकिक दर्शन करने को मिलते हैं। मंदिर में चुनरी और प्रसाद चढ़ाया जाता है। नौ रात्रि महा में मंदिर भक्तो से भर जाता है। कटरा में नौ देवी मंदिर बहुत ही पवित्र मंदिर के रुप में जाना जाता है। द्वापर युग में विराजित नौ देवी मंदिर की बनवाट बिलकुल वैष्णो देवी मंदिर की ही तरह है। नौ देवी मंदिर में स्नान करने के लिए पहाड़ों से पानी निकलता रहता है जहां स्नान करने से कुंड बनाया गया है। कटरा से नौ देवी माता मंदिर जाने के लिए टैक्सी या ऑटो रिक्शा बुक करके पहुंचा जा सकता है।
9. बाबा धनसर | कटरा के आसपास घूमने की जगह
बाबा धनसर का मंदिर कटरा धाम से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर करुआ झील के पास Karua गांव में बना है। बाबा धनसर के दर्शन 200 मीटर नीचे जाकर प्राप्त होते हैं। पास में ही शिव भगवान का मंदिर बना है। पौराणिक कथाओं के अनुसार बाबा धनसर शेषनाग के पुत्र हैं जो पुरुष अवतार में एक संत थे। मंदिर में बहुत से बंदर देखने को मिलते हैं जिनसे सावधान रहना पड़ता है खानें पीने का सामान लेकर जाते है तो छुपा कर रखे। गांव की परंपरा है की जिस घर में बड़े पुत्र का जन्म होता है उसकी मूर्ती मंदिर में चढ़ाई जाती है।
वेद पुराणों के अनुसार करूआ झील के पास एक राक्षस जो करुआ गांव के लोगों परेशान किया करता था। गांव के लोगों ने बाबा धनसर से सहायता मांगी तब बाबा धनसर ने शंकर भगवान का ध्यान लगाया। शंकर भगवान आकार उस राक्षस का वध कर देते है। प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के दिन यहां मेला का आयोजन होता है। हर सोमवार को मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जाता है। मंदिर में गुप्त गंगा प्रवाहित होती है जिसका निर्मल जल सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा बना रहता है। कटरा से पहुंचने के लिए लोकल ऑटो रिक्शा और टैक्सी चलती है।
10. पटनी टॉप वैष्णो देवी के आसपास घूमने की जगह | Patni Top Katra
पटनी टॉप जम्मू से 115 किमी दूर हिमालय की गोद में बसा घने जंगलों और देवदार के ऊंचे ऊंचे वृक्षों और 2024 मीटर ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यह जम्मू राज्य के उधमपुर जिले में स्थित एक पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है। जो अपने गर्भ में प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए चेनाब नदी के समीप है। यहां पर आप पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग, रॉक क्लाइमिंग जैसी एडवेंचर का आंनद ले सकते हैं।
सर्दियों के मौसम में यहां बहुत बर्फबारी देखने को मिलती है जिसके कारण यहां का यातायात जाम हो जाता है। सर्दियों में बर्फ गिरने से पूरा इलाका बर्फ की आगोश में समेट कर रह जाता है। पटनी टॉप जम्मू से श्री नगर जाते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर उधमपुर और कुद के बीच स्थित है। कटरा से पटनी टॉप 85 किमी दूर पड़ता है।मार्च 2017 में भारत की सबसे लंबी 9.2 किलोमीटर की चेनानी नाशरी सुरंग जिसे पटनी टॉप सुरंग के नाम से जाना जाता है का उदघाटन किया गया था।
11. बाबा जित्तो मंदिर | Baba Jitto Jammu lokpriya Sthal
बाबा जित्तो का मंदिर 500 साल पुराना झिड़ी गांव में कटरा शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को इस स्थान में मेले का आयोजन किया जाता है जो दस दिनों तक चलता है। कहते है बाबा जित्तो एक साधारण किसान थे। वह माता वैष्णो देवी के परम भक्त थे। बाबा जित्तो माता वैष्णो देवी की पूजा करने के लिए रोजाना 15 किमी पैदल चलकर जाते थे उन्होंने 12 वर्ष तक माता की तपस्या की बाबा जित्तो की तपस्या को देखकर वैष्णो देवी ने वरदान मांगने को कहा परंतु बाबा जित्तो ने अपने लिए कुछ न मांग कर पूरे गांव के गरीब किसानों के लिए खेतों में पानी की मांग की थी।
खेतों में पानी की कमी के कारण किसान परेशान थे। उनकी फसलें सूख जाती थी जिससे पैदावार अच्छी नहीं हो पाती थी। वैष्णो देवी माता ने वरदान दिया और यहां साल में सात बार अलग अलग मौसम में बारिश होती रहती है। यहां के किसान फसल से जो भी अनाज पैदा होता है सबसे पहले बाबा जित्तो के स्थल पर चढ़ाते हैं। बाबा जित्तो की महिमा से किसानों की फसलें लहलहाने लगी थी।
बाबा जित्तो का परिचय
बाबा जित्तो का वास्तविक नाम जीतमल है। बाबा जित्तो का जन्म 14वी शताब्दी में कटरा से 2 किमी दूर अघार नामक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रूप चंद और माता का नाम जोजिला था। बाबा जित्तो का जन्म भगवान शिव के आशीर्वाद से हुआ था। बचपन से ही बाबा जित्तो धार्मिक प्रवृत्ति के थे।
12. झज्जर कोटली | Jhajjar Kotli Vaishno Devi
झज्जर कोटली कटरा धाम में मां वैष्णो देवी मंदिर के 35 किमी पर स्थित एक पर्यटक स्थल में शुमार आकर्षण पिकनिक स्थल के रूप में जाना जाता है। वैष्णो देवी की यात्रा पर बचे समय में झज्जर कोटली अपने परिवार के साथ जा सकते है। झज्जर नदी के किनारे स्थित स्थान शांत वातावरण से परिपूर्ण है। चारो ओर बहता निर्मल जल और रोम को पुलकित करती ठंडी हवाएं आनंद की अनुभूति का ऐहसास कराती हैं। पिकनिक स्पॉट के लिए प्रसिद्ध यह जगह आराम करने के लिए एक उचित स्थान है।
13. सनासर कटरा जम्मू | Sanasar Jammu Kashmir me ghumne ki jagah
वैष्णो देवी यात्रा करने के बाद बचे समय में यदि आप वैष्णो देवी के पास हिल स्टेशन का आनंद लेना चाहते हैं तो सनासार घूमने के लिए अपने परिवार के साथ जा सकते हैं। सनासर रामबन जिले में स्थित एक पर्यटक स्थल है जो पर्वतीय पर्यटन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। ऊंचे ऊंचे संकुधारी पेड़ो और हरे भरे घास के मैदान से भरा खुबसूरत जगह पर्यटकों के लिए छुट्टियों के दौरान मौज मस्ती के लिए आदर्श है। सनासर कटरा धाम से 2 घंटे की दूरी पर स्थित है। हिल स्टेशन में आप पैराग्लाइडिंग, माउंटेन क्लाइमिंग जैसे एडवेंचर एक्टिविटी कर सकते हैं।
वैष्णो देवी यात्रा करने का सबसे अच्छा मौसम | Vaishno Devi Kab Jaye
वैष्णो माता की यात्रा करने का सबसे अच्छा मौसम मार्च से जून तक माना जाता है। मार्च से जून के बीच दर्शन करने के लिए मौसम अनुकूल रहता। सर्दियों के मौसम में यहां बहुत ठंडी पड़ती है और बर्फबारी होती रहती है। जिस कारण सर्दियों के मौसम में यहां का तापमान माइनस में पहुंच जाता है और ठंडी के कारण यात्रियों के आवागमन की संख्या कम हो जाती है। माता वैष्णो देवी के द्वार भक्तो के लिए हमेशा खुले रहते हैं। भक्त साल में किसी भी मौसम में घूमने जा सकते है।
वैष्णो देवी कैसे पहुंचे? | How To Reach Vaishno Devi Mandir
माता वैष्णो देवी धाम हिंदुओ का लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। वैष्णो देवी पहुंचने के कई तरह के साधन उपलब्ध हैं किसी भी माध्यम का चुनाव करके कटरा तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा वैष्णो देवी कैसे पहुंचे? | By Train how To Reach Vaishno Devi Mandir
कटरा में स्थित वैष्णो देवी मंदिर पहुंचने के लिए रेल माध्यम सबसे सस्ता और उत्तम साधन है। वैष्णो माता मंदिर पहुंचने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कटरा रेलवे स्टेशन (SVDK) है। भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों से रोजाना ट्रेनों का आवागमन होता हैं। दिल्ली, बैंगलोर, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, कानपुर, से ट्रेन आसानी से मिल जाती हैं।
दुसरा रास्ता जम्मू तवी रेलवे स्टेशन है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पहुंचकर कटरा के लिए जाना होता है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन के बाहर एक किमी की दूरी पर राज्य सड़क परिवहन बस स्टैंड से कटरा के लिए JK RTC की बस सुबह 5 बजे से 9 बजे के बीच बहुत सी चलती है जो कटरा 2 घंटे में पहुंचा देती है। जम्मू से ट्रेन भी उपलब्ध है जम्मू से ट्रेन का रास्ता जम्मू :- बजाल्ट :- संगर :- मनवाल :- रामनगर :- उधमपुर :- चक रखवाल :- कटरा।
हवाई जहाज से वैष्णो देवी दर्शन कैसे जाएं? | How To Reach Vaishno Devi Katra By Aeroplane
सड़क मार्ग द्वारा वैष्णो देवी यात्रा कैसे करे? | How To Reach Vaishno Devi Mandir Katra Jammu By Road Transport
यदि आप सड़क मार्ग द्वारा वैष्णो देवी यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आसानी से सड़क मार्ग द्वारा वैष्णो देवी पहुंच सकते हैं। जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग 1A पर स्थित है। जम्मू से 35 किमी दूर डोमेल से रस्ता दो भागों में बांट जाता है एक श्रीनगर को जाता है और दूसरा कटरा की तरफ जाता है। जम्मू से कटरा के लिए हर दस मिनट के अंतराल के बाद अनेकों लक्जरी और साधारण बस चलती रहती हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन के बाहर बहुत से निजी परिवहन संचालित किए जाते हैं। जिसमें पूरी गाड़ी को बुक कर सकते हैं। दिल्ली, चंडीगढ़, से राज्य परिवहन की बस कटरा तक जाती है। जिसके द्वारा आप कटरा पहुंच सकते हैं।
वैष्णो देवी में ठहरने की व्यवस्था | Vaishno Devi Me Rukne ki jagah
वैष्णो देवी मंदिर एक धार्मिक स्थल होने के कारण यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते है। इसलिए पर्यटकों के रुकने के लिए राज्य सरकार ने अच्छे इंतजाम किए हुए हैं। वैष्णो देवी मंदिर के आसपास अनेकों धर्मशाला, विश्राम गृह, और होस्टल बने हुए हैं जिसमे निशुल्क रहने की सुविधा है। निशुल्क ठहरने के लिए पहले से पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। ठहरने के लिए पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर कमरे दिए जाते हैं।
यात्रा के दौरान रास्ते में खाने के लिए जगह जगह भंडारे का आयोजन होता है। जहां भंडारे का प्रसाद खा कर अपनी भूख मिटा सकते हैं। इसके अलावा कटरा रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास कई रेस्टोरेंट और होटल है। जहां पर आप पैसों से होटल में रूम बुक करके विश्राम कर सकते हैं।
कटरा में निशुल्क आवास की सुविधा
- संझिछत
- अर्धकुवारी
- भवन
वैष्णो देवी की यात्रा में भोजन की सुविधा
माता वैष्णो देवी की यात्रा में भक्तो के श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा लंगर आयोजित किया जाता है जहां भक्त निशुल्क भोजन कर सकते हैं। लंगर ताराकोट, भैरव जी और संझिछात में 24 घंटे चलता रहता है। बाण गंगा से एक किमी दूर टी सीरीज गुलशन कुमार का लंगर लगाया जाता है।
वैष्णो देवी की यात्रा में कितना खर्चा आएगा? | Vaishno Devi Me Ghumne Ka Kharcha
वैष्णो धाम की यात्रा करने से पहले आपके मन में जरूर ख्याल आया होगा माता के दर्शन करने जाने पर कितना रुपया खर्चा होगा। वैसे कोई भी यात्रा करने से पहले यात्रा का बजट बनाना बहुत जरूरी होता है। बिना बजट के यात्रा करने पर आपको बहुत परेशानी हो सकती है।
इसलिए इस लेख में हम आपको वैष्णो देवी यात्रा में कितना पैसा खर्च हो सकता है। यह एक अनुमानित बजट बताएंगे बाकी यह आपके रहने खाने और खर्च करने के आधार पर निर्भर करता है।
यदि आप माता के दर्शन करने जाने के लिए दो दिन की यात्रा की योजना बनाते हैं। तो आपको लगभग 8000 से लेकर 10000 तक का बजट बना कर चलना चाहिए। जिसमे आपके खाने पीने का खर्च और होटल में ठहरने का किराया साथ ही आवागमन में लगा किराया। आदि सभी खर्चे मिला दिए जाए तो आराम से 10000 रुपए में माता के दर्शन कर सकते हैं।
FAQs
1. वैष्णो देवी मंदिर में कितनी सीढ़िया है?
वैष्णो देवी मंदिर पहुंचने के लिए 12 किलोमीटर का सफ़र पैदल चलकर तय करना होता है। जिसमे ऊंचाई पर चढ़ने के लिए 35000 से लेकर 45000 तक सीढ़िया हैं।
2. वैष्णो देवी मंदिर में ठंड कितनी पड़ती है?
वैष्णो देवी उत्तर में होने के कारण यहां का तापमान बहुत कम रहता है। सर्दियों में तापमान 5°C से 15°C तक तापमान हो जाता है। बर्फ पड़ने के कारण तापमान शून्य से भी नीचे पहुंच जाता है।
3. वैष्णो देवी में रूम का किराया कितना है?
वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान होटल में ठहरने का किराया 800 रूपए से लेकर 1200 रूपए तक रहता है। वैष्णो देवी में आए हुए दर्शनार्थियों के लिए बहुत से निशुल्क धर्मशाला और विश्राम गृह बनाए गए हैं जहां निशुल्क ठहरने की व्यवस्था है।
4. वैष्णो देवी की चढ़ाई कितनी है?
वैष्णो देवी मंदिर में पहुंचने के लिए कटरा से 12 किलोमीटर की पैदल यात्रा करने पर लगभग 24 घंटे का समय लग जाता है। बीच रास्ते में आराम करने के लिए बहुत से विश्राम गृह बने हुए हैं।
5. वैष्णो देवी में रोपवे का किराया कितना है?
वैष्णो देवी मंदिर तक रोपवे से पहुंचने के लिए 120 रूपए का टिकट लेना पड़ता है।
6. वैष्णो देवी मंदिर कितने ऊपर बना है?
वैष्णो देवी मंदिर समुद्र तल से 6218 फिट ऊंचाई पर बना है।
निष्कर्ष
प्रिय पाठक मेरा नाम प्रदीप है लेख को पढ़कर जान गए होंगे की वैष्णो देवी में घूमने की जगह (Vaishno Devi Me Ghumne Ki Jagah) कौन सी हैं। साथ ही मैंने वैष्णो माता की यात्रा से जुड़े सभी पहलुओं को बताया है जो यात्रा के दौरान आपके काम आ सकते हैं। उम्मीद है माता वैष्णो देवी की सफल यात्रा करने में काम आ सकती है।