12+ सूरत में घूमने की जगह | Places to Visit in Surat
ताप्ती नदी के तट पर बसा सिल्क सिटी के नाम से प्रसिद्ध सूरत गुजरात का लोकप्रिय शहर है। आधुनिक शहर कपड़ा उद्योग के साथ पर्यटन स्थलों के लिए पूरे भारत में जाना जाता है। शहर अपनी ऐतिहासिक संस्कृति और सभ्यता के लिए युगों युगों से भारत का नामी शहर रहा है। सूरत में ही बहुमूल्य हीरे और जवाहरात की कटिंग की जाती है। यदि सूरत शहर के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने सोच रहे हैं तो बिलकुल उचित लेख को पढ़ रहे हैं आज के लेख में सूरत में घूमने की जगह (Places to Visit in Surat) के बारे में जानकारी सांझा करने जा रहे हैं।
आगे आर्टिकल में सूरत शहर की खूबसूरती का विस्तारपूर्वक वर्णन करेंगे और सूरत शहर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। गुजरात में अहमदाबाद के बाद सूरत दूसरा सबसे बड़ा शहर है जहां घूमने लायक बहुत से ऐतिहासिक और आधुनिक पर्यटन स्थलों का बोलबाला है। सूरत अरब सागर के निकट होने के कारण अनेकों समुद्री किनारों से घिरा हुआ है जो मनोरंजन और मस्ती करने के लिए आदर्श पर्यटन स्थल का माहौल प्रदान करते हैं।
सूरत में घूमने की जगह | Places to Visit in Surat
सूरत शहर की महत्वपूर्ण जानकारी
- सूरत गुजरात राज्य का प्रमुख औद्योगिक शहर है। सूरत में बड़े पैमाने पर हीरे को तरांशा और पॉलिश किया जाता है। दुनियां का 90% हीरे का उत्पादन सूरत में ही होता है जिसकी वजह से इसे डायमंड सिटी के नाम से जाना जाता है।
- सूरत भारत में कपड़ा उत्पादन के क्षेत्र मे अग्रणी शहर है। सूरत में ज्यादातर साड़ी, लहंगे, और सिल्क का उत्पादन होता है। सूरत की रेशम से निर्मित साड़ी पूरे विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय है। बड़ी संख्या में लगे कारखाने कपड़े का उत्पादन करते हैं भारत के अधिकांश ग्रामीण इलाकों से लोग कारखानों में काम करने के लिए जाते हैं।
- अरब सागर के करीब ताप्ती नदी के किनारे बसा शहर कभी बंदरगाह हुआ करता था। लेकिन यातायात आवागमन और विकास की लहर आने के कारण वर्तमान में गुजरात राज्य का वाणिज्यिक और आर्थिक शहर बन चुका है।
- सूरत का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है। सूरत में 21 जून 2023 को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में बड़े पैमाने पर 153000 लोग एक साथ इकठ्ठे होकर योग किया था।
- स्मार्ट सिटी मिशन परियोजना के अंतर्गत सूरत भारत के 20 प्रमुख शहरों में से एक है। 2020 में सूरत को इंदौर के बाद दूसरा सबसे स्वक्छ शहर का दर्जा प्राप्त हुआ था।
- पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान श्री कृष्ण मथुरा से द्वारका के लिए प्रस्थान किया था तब रास्ते में सूरत शहर में कुछ समय के लिए निवास किया था।
1. डुमस समुद्री किनारा (Dumas Beach)
डुमस बीच सूरत का लोकप्रिय समुद्र तट है। समुद्र के किनारे मनोरंजन और मस्ती करने वालो के लिए बेहतरीन बीच है। गोवा के समुद्री तटों की तरह डुमस बीच काफी सुंदर है जहां मनोरंजन करने के लिए कई तरह के संसाधन उपलब्ध है। समुद्र के किनारे काली रेत में ऊंट की सवारी और बाइक की राइड सबसे यादगार पलों से से एक है। समुद्र के किनारे मिट्टी काली और चिकनी होने के कारण तैरने के हिसाब से सही नहीं है। डुमस बीच की गिनती भूतिया जगहों में की जाती है जिस वजह से शाम के बाद पर्यटक घूमने नहीं जाते। लेकिन वैज्ञानिक आधार पर देखा जाए तो अभी तक नकारात्मक ऊर्जा की पुष्टि नहीं हो सकी है।
समुद्र के किनारे बना भगवान शिव का मंदिर धार्मिकता की झलक प्रस्तुत करता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय समुद्र का किनारा काफी मनोरम दृश्य दिखाई देता है। समुद्र के किनारे खाने पीने के बहुत से स्टॉल लगे रहते हैं। पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए बीच में प्लास्टिक और पॉलीथिन का उपयोग वर्जित है। दोस्तो और परिवार के साथ समय व्यतीत करने के लिए डुमस बीच आदर्श पर्यटन स्थल है। यह समुद्री किनारा सूरत शहर से करीब 20 किमी दूर पड़ता है।
2. सूरत का किला (Surat Old Fort)
ऐतिहासिक गौरव की गाथा प्रस्तुत करता सूरत किला 16 वी शताब्दी में निर्मित प्राचीन किला है जिसका निर्माण राजा सुल्तान मुहम्मद तृतीय ने करवाया था। किले को बनाने का उद्वेश्य आक्रमणकारी पुर्तगालियों से रक्षा करना था। समय के साथ साथ किला खंडर में तब्दील हो गया था लेकिन ऐतिहासिक धरोहर को जीवंत रखने के लिए सूरत महानगर पालिका परिषद द्वारा किले का जीर्णोध्वार करवाया गया है। किले में अंदर प्राचीन धरोहर को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जाते है। अंदर देखने के लिए ब्रिटिश शासनकाल में लकड़ी से बनी कुर्सियां, बैठक कक्ष, नवाब अफ़ज़ल अलाउद्दीन खान का सिंहासन, प्राचीन नक्शा, जैसी अनमोल धरोहर है। किले के ठीक सामने 1907 में स्थापित नचीनचंद झवेरचंद झावेरी इंस्टीट्यूट बना हुआ है। सूरत किला प्रत्येक सोमवार को बंद रहता है। किले के खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा।
3. जगदीश चंद्र बोस एक्वेरियम (Jagdish Chandra Bose Municipal Aquarium)
जगदीश चंद्र बोस एक्वेरियम में जलीय जीव जंतुओं की अनोखी दुनियां के दर्शन होते है। एक्वेरियम का उद्घाटन 2014 में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया था। 20 करोड़ की लागत में बना 25 हजार वर्ग के क्षेत्र में फैले मछली घर में 100 से अधिक मछलियों की प्रजाति देखी जा सकती हैं। जेली फिश, कछुए, स्वीट लिप्स, लोबस्टर और शार्क मछली एक्वेरियम का मुख्य आकर्षण है। मछली घर के अंदर एक संग्रहालय का निर्माण किया गया है जहां समुद्री जीवन के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। छोटे बच्चों के लिए मछली घर बहुत पसंद आता है। यह एक्वेरियम सिटी सेंटर से 5 किमी दूर स्थित है।
4. विज्ञान केंद्र (Science Center Surat)
विज्ञान केंद्र आधुनिक तकनीक का बेहतरीन उदाहरण है। साइंस सेंटर का उद्घाटन 18 अक्टूबर 2013 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के शासन काल में किया गया था जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। सभागार, आर्ट गैलरी, संग्रहालय, तारामंडल, डायमंड गैलरी, विज्ञान केंद्र का मुख्य हिसा है। विज्ञान केंद्र को बनाने का उद्देश्य आधुनिक तकनीक से लोगों को अवगत कराना तथा विद्यार्थियों और लोगों को विज्ञान के प्रति रुचि कायम करना है।
5. स्नेह रश्मि बोटेनिकल उद्यान (Sneh Rashmi Botanical Garden Surat)
आधुनिक विकास की ओर अग्रसर सूरत शहर में अनेकों खूबसूरत गार्डन का विकास किया गया है जहां पर्यटक प्रकृति के सानिध्य में मनोरंजन का भरपूर मजा उठा सकते हैं। चारो ओर फैली हरियाली प्राकृति के करीब होने का ऐहसास कराती है। ताप्ती नदी के तट पर कई वर्ग के क्षेत्र में फैला उद्यान कपल्स के घूमने के लिहाज से अद्भुत है। गार्डन में 1000 से अधिक किस्म के पौधों की प्रजाति मौजूद है। खुली हवा के बीच मनोरंजन करने के लिए उद्यान में टॉय ट्रेन, फ्री फॉल जंप, बैलून राइड जैसे संसाधन उपलब्ध हैं।
टॉय ट्रेन में बैठे कर उद्यान की सैर गार्डन की सुंदरता का परिचय कराती है। गार्डन के अंदर एक छोटी सी झील है जिसमें नाव की सवारी मनोरंजन का दूसरा विकल्प है। घने पेड़ों से बनी भूल भुलैया मन में उत्साह को जाग्रत कर देती है। गार्डन में पेड़ों की छांव सुकून का ऐहसास कराती है यदि गार्डन घूमते घूमते थकान महसूस होने लगे तो पेड़ों की छांव में हरी हरी घास पर बैठ कर आराम फरमा सकते हैं। फोटो शूट करने के लिए बेहद प्राकृतिक परिदृश्य बनता है। सेल्फी लवर के लिए यह गार्डन किसी आइकॉनिक व्यू से कम नहीं है।
6. खुदावंद खान रोजा (Khudawand Khan Roja Tomb)
खुदावंद खान रोजा एक ऐतिहासिक मकबरा है जिसका निर्माण 500 साल पहले सूरत के राज्यपाल रजब खान ने करवाया था। रजब ख्वाजा सफ़र सुलेमानी के बड़े पुत्र थे। खुदावंद खान का वास्तविक नाम ख्वाजा सफ़र सुलेमानी था। वह यूरोप से आकर भारत में निवास किया था। 24 जून 1546 में तोप के गोले लग जाने से उनकी मृत्यु हो गई थी। इंडो ईरानियन वास्तुशैली में बना भारत का अनोखा मकबरा है। मकबरे की शैली में हिंदू और जैन धर्म की वास्तुशैली का भी समागम देखा जा सकता है। मकबरे में बनी जालीनुमा खिड़कियां बेहतरीन कारीगरी का नमूना प्रस्तुत करती हैं।
7. डच और आर्मिनियन कब्रग्रह
डच और आर्मिनियन कब्रग्रह जहां डच और आर्मेनिया से व्यापारिक कार्यों के लिए आए अधिकारियों की कब्र बनी हुई है। यह जगह ज्यादा लोकप्रिय न होने के कारण पर्यटकों से दूर है। इसलिए यहां बहुत कम संख्या में लोग घूमने के लिए जाते हैं।
8. कू कू नेचर (Koo Koo Nature Amusement Park)
कू कू नेचर सूरत में बना आधुनिक थीम पार्क है। थीम पार्क में बने मानव निर्मित डायनासोर मुख्य आकर्षण है। जिसे ऐसा बनाया गया जो बिलकुल जीवंत डायनासोर लगते हैं। थीम पार्क में देखने के लिए तरह तरह के पक्षियों को बसाया गया है। कू कू थीम पार्क बिलकुल प्राकृतिक तरीके से विकसित किया गया है। थीम पार्क वी आर मॉल के ठीक सामने स्थित है। सूरत रेलवे स्टेशन से करीब 13 किमी दूर पड़ता है।
9. गोपी घाट या तालाब (Gopi Talav, Surat Tourist places)
गोपी तालाब सूरत का स्थानीय आकर्षण है। ऐतिहासिक गौरव को सुरक्षित रखने के लिए तालाब का पुनर्निर्माण 2012 किया गया है। गोपी तालाब का नाम मालिक गोपी के नाम पर रखा गया है जिन्होंने सूरत शहर को बसाया था। गोपी तालाब में मनोरंजन के लिए नाव की सवारी सबसे मुख्य है। इसके अलावा पर्यटक जिप लाइन का मजा उठा सकते हैं। शाम को रंग बिरंगी लाइटों से तालाब जगमग हो जाता है। शाम के वक्त तालाब की खूबसूरती देखने लायक रहती है।
10. सुवाली समुद्री किनारा (Suvali Beach)
डुमस बीच की तरह सुवाली बीच सूरत का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह बीच मनोरंजन के साथ पानी में मौज मस्ती करने के लिए उपयुक्त है। बड़ी संख्या में लोग बीच के किनारे मस्ती और परिवार के साथ पिकनिक करने के लिए जाते हैं। बीच के किनारे बाइक राइड, घुड़ सवारी, ऊंट की सवारी और कार राइड का मजा उठा सकते हैं। बीच के किनारे टहलते हुए समुद्र नजारा देखते हुए अपना कीमती समय व्यतीत कर सकते हैं।
11. पार्थ जलप्रपात (Parth Waterfall Surat)
सूरत शहर से बाहर प्रकृति की गोद में बसा पार्थ जलप्रपात गर्मियों में पर्यटकों का पसंदीदा पर्यटन स्थल बन जाता है। पार्थ जलप्रपात सूरत सिटी से 40 किमी दूर पड़ता है। जलप्रपात के चारो ओर का शांतिपूर्ण वातावरण और प्राकृतिक हरियाली मनमोहक झांकियां प्रस्तुत करती है। जलप्रपात पर पूरे साल निर्मल जल की धारा प्रवाहित होती रहती है। जलप्रपात के पास ही गलतेश्वर महादेव का भव्य मंदिर बना हुआ है। जलप्रपात तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक वाहनों का आवागमन कम ही रहता है। पहुंचने का सबसे सही तरीका निजी वाहन या ऑटो रिक्शा बुक करके पहुंचा जा सकता है। पार्थ जलप्रपात दूर दराज इलाके में होने के कारण खाने पीने के लिए रेस्टोरेंट उपलब्ध नहीं है इसलिए घूमने के लिए जाते हैं तो अपने साथ खाने पीने का सामान लेकर जाएं।
12. सरथना प्रकृति उद्यान (Sarthana Nature Zoo)
सरथना प्रकृति उद्यान 80 एकड़ के क्षेत्र में फैला सूरत का लोकप्रिय चिड़ियाघर है जहां पशु पक्षियों का निवास स्थान है। 1984 में निर्मित उद्यान पशु पक्षियों को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। पशु प्रेमी और प्रेमी युगल के लिए यह चिड़ियाघर एक आदर्श पर्यटन स्थल है। चिड़ियाघर के अंदर घूमते हुए तरह तरह के पशु पक्षियों को देखकर मनोरंजन प्राप्त कर सकते हैं। चिड़ियाघर में बाघ, अमेरिकन भालू, शेर, बत्तक, कछुए, मगरमच्छ, हिरण देख सकते हैं। सरथना नेचर पार्क रेलवे स्टेशन से 8 किमी दूर पड़ता है।
सूरत के पर्यटन स्थलों की सूची
- दांडी समुद्री किनारा
- अमाजिया वाटरपार्क
- श्री अंबिका निकेतन मंदिर
- सरदार वल्लभ भाई पटेल म्यूजियम
- स्नो पार्क सेंटर सूरत
- डच उद्यान
- तापी रिवर फ्रंट
- चिंतामणी जैन मंदिर
सूरत के आसपास जलप्रपात (Waterfall With in 150Km)
- गिरमल जलप्रपात - 140 किमी
- जूनाघाटा जलप्रपात - 120 किमी
- जरवानी जलप्रपात - 150 किमी
- चिमेर जलप्रपात - 120 किमी
- मेधा जलप्रपात - 100 किमी
- शंकर जलप्रपात - 110 किमी
- सुरवानी जलप्रपात - 170 किमी
- अंजनी जलप्रपात - 150 किमी
- रास पत्थर जलप्रपात - 110 किमी
- भीगू या कोशमल जलप्रपात - 105 किमी
सूरत घूमने की योजना कब बनाएं?
सूरत शहर के पर्यटन स्थलों का दौरा करने के लिए सबसे बढ़िया मौसम शर्दियो का रहता है। पर्यटक अक्टूबर से मार्च के बीच घूमने की योजना बना सकते हैं। वही गर्मियों में घूमने के लिए सूरत में नेचर पार्क और अमाजिया वाटरपार्क लोगों का पसंदीदा पर्यटन स्थल रहता है।
सूरत पहुंचने का साधन
सूरत पहुंचने के लिए सार्वजनिक बस, रेल और हवाई जहाज मुख्य रूप से आवागमन के साधन है।
सूरत रेलगाड़ी के माध्यम से कैसे पहुंचे (Surat Railway Station)
भारत के अन्य शहरों से सूरत रेल गाड़ी द्वारा पहुंचने के लिए सस्ता माध्यम है। सूरत शहर में पश्चिमी जोन के अंर्तगत 1860 में निर्मित सूरत रेलवे स्टेशन आवागमन के लिए मुख्य केंद्र बिंदु है।
हवाई जहाज द्वारा सूरत तक का सफ़र
सूरत पहुंचने के लिए हवाई जहाज एक अच्छा विकल्प हो सकता है शहर के मगदल्ला इलाके में स्थित इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत के अलावा दूसरे देशों से भी हवाई मार्ग द्वारा संपर्क बनाएं हुए है। मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, दिल्ली, इंदौर से सूरत के लिए रोजाना विमानों का संचालन किया जाता है।
बस द्वारा सूरत की यात्रा
सूरत बस द्वारा पहुंचने की योजना बना रहे हैं तो गुजरात के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश से बस द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। मुंबई से सूरत के लिए एसी और नॉन एसी बस बड़ी संख्या में संचालित की जाती है। जयपुर, भोपाल, अहमदाबाद शहर से सूरत पहुंचने के लिए इंटर स्टेट बस का आवागमन होता रहता है।
सूरत में ठहरने की जगह
सूरत घूमने के लिए जाते हैं तो आपको बता दें सूरत में ठहरने के लिए कम बजट से लेकर अधिक किराए वाले होटल मौजूद है। सूरत में ठहरने के लिए सूरत रेलवे स्टेशन के आसपास कम बजट में बहुत से होटल मौजूद हैं जहां ठहर कर रात गुजार सकते हैं।
सूरत में घूमने की जगह से संबंधित प्रश्न | FAQ on Places to Visit in Surat
1. सूरत में चिड़ियाघर कहां पर है?
सूरत में सरथना प्रकृति उद्यान सबसे लोकप्रिय चिड़ियाघर है जो अनेक प्रकार के जीव जंतुओं का घर है। यह चिड़ियाघर कामरेज रोड़ में पड़ता है।
2. सूरत से सोमनाथ मंदिर की दूरी कितनी है?
सूरत शहर से सोमनाथ मंदिर 596 किमी दूरी राजकोट के आगे पड़ता है। निजी वाहन से पहुंचने में करीब 10 घंटे का समय लग जाता है। वही ट्रेन द्वारा सफर करने में 11 से 12 घंटे का समय लग सकता है।
3. सूरत का कपड़ा मार्केट कहां है?
सूरत में सूती कपड़ा बाजार कतरगाम में पड़ता है जहां थोक और फुटकर कपड़ा कम कीमत में खरीदा जा सकता है। बाजार में आधुनिक और पारंपरिक परिधान की अनेकों दुकानें उपलब्ध हैं।
सूरत शहर को 1500 ई. में हिंदू ब्राह्मण गोपी नामक व्यक्ति ने बसाया था।