12+ रानीखेत में घूमने की जगह, हसीन वादियों वाला हिल स्टेशन
देवदार और चीड़ के वृक्षों से आच्छादित रानीखेत उत्तराखंड राज्य में अल्मोड़ा जिले की कुमाऊं पहाड़ियों से घिरा खूबसूरत हिल स्टेशन है जो अपनी हसीन वादियों, प्रदूषण रहित शांत वातावरण और सुहाने मौसम के लिए पूरे भारत में जाना जाता है। रानीखेत अपने प्राकृतिक नैसर्गिक सुंदरता के साथ सेब के पेड़ो के लिए भी प्रसिद्ध है। रानीखेत में चौबटिया सेब के बाग बहुत ही लोकप्रिय है। गर्मियों के मौसम में ठंडक का ऐहसास लेने के लिए भारी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए जाते है। यदि आप भी घूमने वाले लोगों में शामिल हैं तो आर्टिकल के माध्यम से रानीखेत में घूमने की जगह (Ranikhet Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं ताकि घूमने जानें पर आसानी बनी रहे।
भारत का स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले रानीखेत में मध्य हिमालय पर्वत की बर्फ से ढकी चोटियां देखने को मिलती है। गर्मियों के दिनो में अपने परिवार और बच्चों के साथ घूमने के लिए बहुत ही सुंदर जगह है। गर्मियों के मौसम में रानीखेत का तापमान बेहद शानदार और घूमने के लिए अनुकूल होता है। गर्मियों में रानीखेत का तापमान शीतला का अनुभव प्रदान करता है।
रानीखेत के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने पर पहाड़ो के बीच घुमावदार रास्ते से होकर गुजरता पड़ता है यह घुमावदार रास्ते मन में रोमांच का अलख जगाते हैं। रानीखेत की प्राकृतिक जादुई छटा देखने के बाद धार्मिक स्थलों को भ्रमण कर सकते हैं। प्राकृतिक हरियाली को अपने आगोश में बसाए रानीखेत अपने धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है उनमें से माता झूला देवी का मंदिर एक है।
रानीखेत में घूमने की जगह | Ranikhet Me Ghumne Ki Jagah
रानीखेत हिल स्टेशन के बारे में जानकारी
- रानीखेत की स्थापना अंग्रेज शासन काल के दौरान 1869 में कुमाऊं रेजीमेंट के साथ की गई थी। गर्मियों के मौसम में ठंडक का मजा और पार्टी का आनंद लेने के लिए अंग्रेज आकार रहा करते थे।
- सुखद मौसम और प्राकृतिक वातावरण की वजह से रानीखेत गर्मियों में लोगों का पसंदीदा हिल स्टेशन रहता है। स्थानीय कथाओं के अनुसार रानीखेत का नाम कत्यूरी राजा सुधार देव ने अपनी रानी की पसंद की वजह से रानीखेत में निवास स्थल बनाया दरअसल राजा सुधार देव की पत्नी को रानीखेत की वास्तविक सुंदरता मन को भा गई थी और नाम रखा रानीखेत।
- रानीखेत में प्रदूषण मुक्त वातावरण देखने को मिलता है। कुमाऊं रेजीमेंट होने के कारण रानीखेत भारत में प्रसिद्ध है और सड़के बहुत ही चिकनी बनी हुई है जिसके कारण आवागमन के लिए सुगम रास्ता प्रदान करता है।
- रानीखेत में प्राकृतिक सुंदरता के कारण अनेकों बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी की जा चुकी है। लोकप्रिय फिल्म "राजा हिंदुस्तानी" की शूटिंग रानीखेत में ही की गई थी जिसमें आमिर खान और करिश्मा कपूर मुख्य भूमिका में नजर आए थे।
1. भालू डैम - Bear Dam Ranikhet
भालू डैम रानीखेत में स्थित 1903 में मानव निर्मित बांध है जो पर्यटकों को बेहद पसंद आता है। अर्ध गोलाकार बांध का निर्माण अंग्रेज अधिकारी के द्वारा घने जंगलों के बीच करवाया गया था। भालू डैम को बनाने के पीछे सैनिकों को पानी उपलब्ध कराना था। भालू डैम में ही चारो ओर हरे वृक्षों से घिरी एक खूबसूरत झील को निर्मित भी किया गया है। डैम के चारों ओर फैला शांतिपूर्ण माहौल खुशी का ऐहसास दिलाता है। किसी शांत जगह पर जाकर आत्म चिंतन करने योग्य लुभावनी जगह है। डैम के ऊपर से आसपास का बेहद खूबसूरत प्राकृतिक नजारा देखने को मिलता हैं।
भालू डैम का रास्ता बहुत सुनसान हैं जो घुमावदार पहाड़ों से होते हुए जंगलों के बीच से जाता है। यदि आप समूह में हैं तभी घूमने के लिए जाएं। अकेले घूमने जानें से बचना चाहिए। क्योंकि डैम में जंगली जानवर पानी पीने के लिए आते रहते हैं। भालू डैम रानीखेत शहर से लगभग 3 किमी की दूरी पर स्थित है। खुबसुरत पर्यटन स्थल तक पहुंचने के लिए बस और ऑटो की सहायता से पहुंच सकते हैं। भालू Dam पिकनिक, कैंपिंग और फ़ोटो शूट के लिए बहुत ही उत्तम जगह है। बांध में घूमना मौज मस्ती करना बिलकुल निशुल्क है।
2. आशियाना पार्क (Ashiyana Park Ranikhet)
आशियाना पार्क रानीखेत शहर के बीच स्थित कुमाऊं रेजिमेंट द्वारा स्थापित एक खुबसूरत पार्क है। जंगल थीम के रूप में विकसित यह पार्क मुख्य रूप से बच्चों को बहुत ही पसंद आता है। पार्क में लगे झूले, पत्थरों से बने डायनासोर बच्चों को आकर्षित करते हैं। पार्क में बच्चों के खेलने के लिए तरह तरह के झूले और साधन उपलब्ध हैं। पार्क के अंदर फैली हरी घास में बैठकर दैनिक जीवन की थकान को मिटा सकते हैं।
पार्क में लगे फूल और फब्बारे पार्क की सुंदरता को बढ़ाते हैं। आशियाना पार्क को किड्स ऐक्टिविटी पार्क के नाम से भी जाना जाता है। छोटे बच्चों के साथ साथ बड़े उम्र के लोगों के लिए भी यह पार्क स्वागत करता है। आशियाना पार्क मंगलवार और राष्ट्रिय अवकाश को छोड़कर सप्ताह के सभी दिन खुला रहता है। पार्क में घूमने के लिए टिकट शुल्क मात्र 5 रूपए लिया जाता है।
3. गोल्फ मैदान (Golf Course Ranikhet)
रानीखेत में गोल्फ प्रेमियों के खेलने के लिए बहुत ही विशाल 9 होल का गोल्फ मैदान बना हुआ है। सड़क के दोनों छोर पर कई एकड़ के क्षेत्र में फैला हरियाली से परिपूर्ण खेल का मैदान गोल्फ खिलाड़ियों के लिए खेलने का अवसर प्रदान करता है। गोल्फ मैदान में छायादार पेड़ और सुन्दर हरी मखमली घास के मैदान देखने को मिलते हैं।
रानीखेत में गोल्फ का मैदान गुलमर्ग के बाद एशिया का दुसरा सबसे बड़ा खेल का मैदान माना जाता है जो ऊंचाई पर बना हुआ है। गोल्फ मैदान का भ्रमण करके थक जाते हैं तो हरी घास पर बैठकर थकान को मिटा सकते हैं। गोल्फ कोर्स को भारतीय सेना द्वारा संचालित किया जाता है जिसकी देखभाल भारतीय सैनिक करते हैं। वर्तमान में गोल्फ कोर्स में आम लोगों को जाना प्रतिबंधित है लेकिन गोल्फ कोर्स को सड़क से गुजरते हुए पैदल देख सकते हैं।
Golf Course Location : गोल्फ कोर्स रानीखेत से 5 किमी दूर अल्मोड़ा मार्ग पर बना हुआ है।
4. रानी झील
रानी झील रानीखेत की मानव निर्मित आकर्षक झील है। झील का निर्माण पानी की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से भारतीय सेना के छावनी बोर्ड द्वारा तैयार किया गया है। झील को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल को एकत्र करना है। लेकिन कालांतर में झील को पर्यटन स्थल के तौर पर बनाया गया और वर्तमान में यह झील मुख्य पर्यटन स्थल के रूप में लोगों को बेहद पसंद आती है। झील के ऊपर मनोरंजन करने के लिए गार्डन बना हुआ है। गार्डेन में बैठकर झील की आकर्षण सुंदरता का दीवार कर सकते हैं और अपना बहुमूल्य समय व्यतीत कर सकते हैं।
रानीखेत की हसीन वादियां को प्रकृति ने बहुत ही फुरसत से बनाया है तभी तो अंग्रेज हिल स्टेशन के दीवाने थे। झील में लोग पिकनीक मानने और रोमांटिक नाव की सवारी का आनंद उठाने के लिए जाते है। रानी झील के एडवेंचर पार्क में बच्चों के खेलने हेतु बहुत से झूले बनाए गए हैं। रानी झील में घूमने के लिए बिलकुल निशुल्क है लेकिन नाव की सवारी करना चाहते है तो उसके लिए टिकट लेना पड़ता है।
रानी झील का पता : रानी झील मुख्य बस स्टैंड से 2 किमी की दूरी पर स्थित है।
5. चौबटिया सेब गार्डन
रानीखेत के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक चौबटिया गार्डन 600 मीटर के पहाड़ीनुमा क्षेत्रफल में फैला हुआ हरियाली से भरा बेहद खूबसूरत गार्डन है। सरकार द्वारा स्थापित गार्डेन को सीढ़ीदार खेत के रूप में तैयार किया गया है जिसमें मुख्य रूप से सेब, खुबानी, बादाम, आड़ू और नाशपाती जैसे फलों का उत्पादन किया जाता है। गार्डेन में फलों के बाग के साथ विभिन्न प्रजातियों के फूलों को देखने का मौका मिलता है।
चौबटिया गार्डेन की ऊंचाई से नंदादेवी, नीलकंठ, त्रिशूल पर्वत श्रृंखला का बेहद मन को प्रफुल्लित कर देने योग्य दृश्य दिखाई देता है। शार्दियो में जनवरी से फरबरी माह के बीच बर्फबारी भी देखने को मिलती है। सूर्योदय के समय पर्यटक बर्फ से ढकी पहाड़ियों का नज़ारा देखने के लिए जाते हैं। चौबटिया गार्डन पिकनिक स्थल के रूप में प्राकृति प्रेमियों, और एकांत में घूमने वाले लोगों के लिए बेहद लोकप्रिय स्थान है। चौबटिया गार्डन रानीखेत से 8 किमी दूर पड़ता है पहुंचने के लिए बस, ऑटो रिक्शा, टैक्सी मुख्य साधन हैं।
6. झूला देवी मंदिर
झूला देवी मंदिर रानीखेत में प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। मंदिर के गर्भ गृह में माता झूला देवी एक झूले में विराजमान लोगों के जीवन को कल्याणकारी चमत्कार करती हैं। रानीखेत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माता दुर्गा जी को समर्पित झूला देवी मंदिर 8वी शताब्दी मे निर्मित प्राचीन मंदिर है। मंदिर में टंगी घंटियां लोकप्रियता का मुख्य कारण है। मंदिर के हर हिस्से पर टंगी घंटियां प्रमाण है की माता रानीखेत में कितनी पूजनीय मानी जाती हैं।
भारी संख्या में लोग दर्शन करने और माता से मनोकामना मांगने के लिए आते और मनोकामना पूर्ण होने पर घंटी बांधते हैं। मंदिर में बजती घंटियों से रानीखेत का वातावरण धर्म और आस्था से गुंजायमान हो जाता है। माता झूला देवी घाटी की रक्षक देवी के रुप में पूजी जाती हैं। पूर्वजों का कहना है की स्थानीय लोगों की जंगली जानवरों से रक्षा करने के लिए मां अवतरित हुई थी।
झूला देवी मंदिर का पता : माता झूला देवी का मंदिर रानीखेत मुख्य शहर से 8 किमी दूर चौबटिया गार्डेन के पास बना हुआ है।
7. हैड़ाखान बाबाजी मंदिर
हैड़ाखान मंदिर कुमाऊं के प्रसिद्ध संत "बाबा हैड़ाखान" को समर्पित मंदिर है। देवभूमि उत्तराखंड कई ऋषि मुनि साधु संतो की तपस्थली रहा है उन्हीं में से एक है हैड़ाखान बाबा जी जिनको भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इसी स्थान पर बाबा ने कई वर्षो तक तप और ध्यान लगाया था। मंदिर में बाबा के दर्शन और आशीवार्द लेने के लिए साल भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। मंदिर में योग, साधना और शांति की तलाश में भारत से ही नही अपितु विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। नव रात्रि के पवित्र दिनों में बाबा के दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है। आस्था है कि बाबा के धाम में श्रद्धा से जो भी मनोकामनाएं मांगी जाती हैं वह अवश्य पूरी होती हैं।
हैड़ाखान बाबा का धाम : रानीखेत से 5 किमी दूर चिलियानौला में राष्ट्रिय राजमार्ग 109 द्वारहाट के पास स्थित है।
8. मनकामेश्वर मंदिर (Ranikhet Ka ManKameshwar Temple)
रानीखेत में मनकामेश्वर मंदिर झूला देवी मंदिर की भांति काफी प्रसिद्ध मंदिर है। मनकामेश्वर मंदिर का निर्माण 1972 में कुमाऊं रेजिमेंट और नागा रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट जनरल TN रैना द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर नरसिंह मैदान के बगल में ही स्थापित है। मनकामेश्वर मंदिर में माता काली मुख्य देवी के रूप में विराजमान है। माता की मूर्ति के साथ भगवान शिव और गणेश जी के दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है। मंदिर परिसर को साफ सुथरा ढंग से बनाया गया है। परिसर के चारो ओर फूलों को लगाकर सजाया गया है। मंदिर के ठीक सामने लोकप्रिय गुरूद्वारा स्थित है।
9. कालिका मंदिर
कालिका मंदिर रानीखेत का बहुत ही प्राचीन मंदिर है। मंदिर का निर्माण 8वी शताब्दी के दौरान करवाया गया था। पहाड़ की चोटी पर बसी माता कालिका भक्तो को दोनो हाथों से आशीर्वाद देती है। माता काली को समर्पित कालिका देवी मंदिर में हजारों की संख्या में पर्यटक दर्शन करने के लिए आते है। माता के दर्शन करने के लिए ऊंची सीढ़ियों को चढ़ कर जाना होता है।
10. कैंची धाम
रानीखेत यदि घूमने के लिए जाते है तो कांची धाम जाना बिलकुल न भूलें कैंची धाम बाबा नीम करोली का बहुत ही शक्तिशाली पावन धाम है। कैंची धाम में नीम करोली बाबा का समाधि स्थल और हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर है। जीवन के रास्तों पर असफल व्यक्ति बाबा के दरबार में जाते हैं और मनचाही मुराद पाकर जीवन में सफल होते हैं। रानीखेत से कैंची धाम 38 किमी की दूरी भुवाली रोड़ पर स्थित है। रानीखेत से कैंची धाम के लिए बस मिल जायेंगी जो एक से 2 घंटे में कैंची धाम आश्रम तक पहुंचा देते है।
11. कुमाऊं रेजीमेंट संग्रहालय
कुमाऊं रेजीमेंट संग्रहालय रानीखेत का प्रसिद्ध संग्रहालय है। कुमाऊं संग्रहालय का निर्माण 1970 में करवाया गया था। संग्रहालय में कुमाऊं समाज के लोगों का गौरवमय इतिहास और उनकी संस्कृति और विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। संग्रहालय में कलाकृतियों और चित्रों के माध्यम से विभिन्न युद्ध में पकड़े गए हथियार, टैंक, लड़ाकू विमान और ध्वज को दर्शाया गया हैं। संग्रहालय के अंदर सैनिकों के कपड़े, परम बीर चक्र विजेता और कुमाऊं रेजीमेंट के बीर जवानों की कहानी प्रदर्शित की गई है। म्यूज़ियम देखने पर देश भावना की झलक पैदा करता है।
Museum Open Timing : म्यूज़ियम गर्मियों में सुबह 08:00 से 12:30 और शाम 03:00 से 05:00 तक खुला रहता है वही शर्दियों में 08:30 से 01:00 और शाम 03:00 से 05:00 तक खुला रहता है। म्यूज़ियम मंगलवार और राष्ट्रिय पर्व के मौके पर बंद रहता है।
Museum Ticket Price : संग्रहालय में घूमने के लिए 80 रूपए का टिकट शुल्क लिया जाता है। कुमाऊं रेजीमेंट संग्रहालय रानीखेत से 1 किमी की दूरी पर पड़ता है।
12. मजखली (Majkhali Sight Seeing Spot)
मजखली की हसीन वादियों से हिमालय पर्वत की बर्फ से ढकी चोटियों का दीदार होता है। मजखली प्रकृति की दी हुई अनमोल विरासत है जो अपने सौंदर्य से परिपूर्ण लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। रानीखेत में यदि आप किसी शांत जगह की तलाश में है तो मजखली में घूमने के लिए जा सकते हैं। मजखली की स्वच्छ हवा शरीर में ऊर्जा का संचार करती है। हवा में फैली घाटी के मनमोहक फूलों की खुशबू मदहोश करने में मजबूर कर देती है। यह खूबसूरत पर्यटन स्थल रानीखेत से 12 किमी दूर अल्मोड़ा रोड़ पर पड़ता है।
13. बिनसर महादेव मंदिर (Binsar Mahadev Temple Ranikhet)
कुंज नदी के तट पर स्थित बिनसर महादेव मंदिर पर्यटकों की आस्था का केंद्र है। रानीखेत के स्थानीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के बाद बहुत से पर्यटक महादेव मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए जाते हैं। बिनसर महादेव मंदिर को भगवान शिव और माता पार्वती की पावन स्थली माना जाता है। भगवान शिव को समर्पित मंदिर में गणपति भगवान, माता गौरी, दत्तात्रेय भगवान, काली माता, और अर्धनारेश्वर के अनुपम दर्शन प्राप्त होते हैं। मंदिर की दीवारों पर हिंदू धर्म के पवित्र धर्म ग्रंथो के श्लोक चिन्निहित हैं जो भगवान के दर्शन को और पावन बनाते हैं।
रानीखेत से मंदिर तक का रास्ता बहुत ही अविष्मणीय है। सड़क के दोनों किनारे खड़े हरे भरे देवदार के पेड़ो को चलती गाड़ी में देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो पेड़ भी आपके साथ भ्रमण करने के लिए चले जा रहे हैं। रास्ते का सफ़र कभी न भूलें जानें वाला रहता है। बिनसर महादेव मंदिर के बारे में धारणा है कि पांडव अज्ञातवास के दौरान इसी मंदिर में आकर ठहरे थे। मंदिर के अंदर बीना अनुमति के फ़ोटो लेना प्रतिबंधित है।
बिनसर महादेव मंदिर का रास्ता : बिनसर महादेव मंदिर रानीखेत से 20 किमी दूर पड़ता है। रानीखेत से ऑटो रिक्शा, बस या टैक्सी द्वारा ताड़ीखेत और सोनीगांव होते हुए मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
रानीखेत के आसपास प्रसिद्ध शहर
अल्मोड़ा - 50 किमी
नैनीताल - 60 किमी
हरिद्वार - 275 किमी
देहरादून - 317 किमी
रानीखेत में क्या क्या कर सकते हैं? (Things to do in Ranikhet)
रानीखेत के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के साथ ही बहुत ही एडवेंचर एक्टिविटी का आनंद उठा सकते हैं। रानीखेत में स्पोर्ट्स एक्टिविटी करने के लिए बहुत कुछ है जिसमे वाटर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग, कैंपिंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, गोल्फिंग और फ्लाइंग फॉक्स का आनंद उठा सकते हैं।
कैंपिंग
रानीखेत में घूमने के लिए गए हैं तो शहर से दूर किसी शांत जगह पर जाकर आउटसाइड कैंपिंग करके बेहद खूबसूरत पलों का आनंद उठा सकते हैं। रानीखेत में कैंपिंग करने के लिए बहुत सी जगह है जहां पर बिना किसी समस्या के कैंप लगा सकते हैं।
ट्रेकिंग
रानीखेत में ट्रेकिंग का प्रशिक्षण और अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप स्पोर्ट्स और खेलकूद में रुचि रखते है तो रानीखेत के ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर ट्रेकिंग कर सकते हैं। रानीखेत में ट्रेकिंग करने के लिए चौबटिया बाग से लेकर होलम फार्म तक ट्रेकिंग करने के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। पहाड़ों में चढ़ते हुए दूर दूर सुंदर परिदृश्य यात्रा को सफल बनाने का कार्य करते हैं।
पैराग्लाइडिंग
रानीखेत में यदि आप पैराग्लाइडिंग करके पक्षियों की तरह उड़ने का अनुभव प्राप्त करना चाहते है तो रानीखेत में मौजूद Wild Craft Paragliding Camp में जाकर पैराग्लाइडिंग कर सकते हैं। यह कैंप रानीखेत से 10 किमी दूर पड़ता है जहां से सुरक्षित पैराग्लाइडिंग की जाती है। पैराग्लाइडिंग कराने के लिए 3000 से 3500 रूपए चार्ज रहता है।
गोल्फिंग
रानीखेत में गोल्फ खेलने के लिए बहुत ही प्रसिद्ध मैदान है। गोल्फ प्रेमी मैदानों में बहुत से संख्या में गोल्फ खेलते है। भारत की आजादी से पहले अंग्रजों का गोल्फ खेलने के लिए पसंदीदा स्थल था।
फ़ोटो शूट
रानीखेत की हसीन वादियां सेल्फी लवर और फ़ोटो प्रेमियों के लिए शानदार वातावरण प्रदान करती हैं। बहुत से नव विवाहित जोड़े अपनी प्री वेडिंग फ़ोटो शूट करवाने के लिए जाते हैं।
रानीखेत घूमने का सबसे अच्छा मौसम (Best Season To Visit Ranikhet)
रानीखेत में सबसे घूमने अच्छा समय गर्मियों मे रहता है। वैसे तो साल भर रानीखेत में पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं परंतु चिल चिलाती गर्मी से परेशान हो गए हैं तो रानीखेत के सुखद मौसम का आनंद उठाने के लिए मार्च से जून महीने के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं। गर्मियों में रानीखेत का मौसम शीतलता प्रदान करता है। सुहावने मौसम में रानीखेत में ट्रैकिंग करते हुए एडवेंचर एक्टिविटी भी कर सकते हैं। वही यदि आपको सर्दियों में गिरती बर्फ का मजा लेना है तो दिसंबर जनवरी के महीने में घूमने की योजना बना सकते हैं।
रानीखेत कैसे जाएं?
रानीखेत उत्तराखंड राज्य का बेहद शांतिपूर्ण पहाड़ी पर्यटन स्थल है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हिल स्टेशन में घूमने के लिए जाते है तो ट्रेन, सड़क मार्ग और वायु मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।
ट्रेन मार्ग द्वारा
रेल गाड़ी द्वारा रानीखेत पहुंचने के लिए सबसे करीब काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। काठगोदाम से रानीखेत करीब 73 किमी दूर पर पड़ता है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन के बाहर ही रानीखेत के लिए साधन मिल जायेंगे।काठगोदाम के आलावा राम नगर रेलवे स्टेशन पहुंचकर रानीखेत पहुंचा जा सकता है। उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पहुंच कर सड़क मार्ग द्वारा रानीखेत पहुंचा जा सकता है।
हल्द्वानी से रानीखेत जानें के लिए उत्तराखंड राज्य परिवहन की बसें और स्थानीय निजी बसें, टैक्सी मुख्य साधन हैं। दिल्ली, लखनऊ, हावड़ा से सीधा रानीखेत के लिए ट्रेन उपलब्ध हैं। दिल्ली से रात को ट्रेन में बैठकर सुबह पहुंच जायेंगे लेकिन रानीखेत पहुंचने के लिए काठगोदाम सबसे सही मार्ग है। काठगोदाम से प्राइवेट और शेयर दोनों तरह की टैक्सी मिल जाती है।
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग द्वारा रानीखेत पहुंचना चाहते हैं तो आप अपने निजी वाहन द्वारा दिल्ली से अमरोहा काशीपुर और रामनगर के रास्ते रानीखेत पहुंच सकते हैं। दिल्ली से रानीखेत की दूरी 340 किमी है। हल्द्वानी से भी रानीखेत बस द्वारा पहुंच सकते हैं। दिल्ली आईएसबीटी से रानीखेत और अल्मोड़ा के लिए शाम को बस चलती है जो सुबह आराम से पहुंचा देगी। हरियाणा और पंजाब वाले पर्यटक हरिद्वार या देहरादून पहुंचकर रानीखेत के लिए बस पकड़ सकते हैं। देहरादून से रानीखेत के लिए बस दोपहर तीन बजे के करीब जाती है जो सुबह 5 बजे तक हरिद्वार रामनगर नजीबाबाद होते हुए रानीखेत पहुंचा देती है। अगर आप निजी वाहन द्वारा जाना चाहते हैं तो दिल्ली से अमरोहा :- काशीपुर :- रामनगर होते हुए रानीखेत पहुंच सकते हैं।
वायु मार्ग
रानीखेत पहाड़ों की गोद में बसा होने के कारण कोई हवाई अड्डा स्थित नही है। हवाई जहाज से रानीखेत घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीक पंत नगर का हवाई अड्डा है। पंत नगर से रानीखेत की दूरी करीब 100 किमी है। हवाई जहाज द्वारा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एअरपोर्ट या देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से पंत नगर (PGH) आसानी से पहुंच सकते हैं।
पंत नगर पहुंचकर बस, टैक्सी और जीप द्वारा सड़क मार्ग से 3 से 4 घंटे में पहुंच पहुंच जायेंगे। यदि आप टैक्सी बुक करके जाना चाहते है बहुत सी टैक्सी पंत नगर के लिए चलती है। वैसे देखा जाए तो हवाई जहाज द्वारा रानीखेत की यात्रा करना सुविधाजनक नहीं है क्योंकि रानीखेत के लिए कोई सीधा हवाई मार्ग नही है।
रानीखेत में ठहरने की जगह (Hotel In Ranikhet)
रानीखेत में घूमने के लिए जाते है तो ठहरने के लिए बहुत से होटल और रिसॉर्ट मौजुद है। रानीखेत में ठहरने के लिए सबसे अच्छा एरिया बस स्टैंड के आसपास का है। यदि आप बस स्टैंड के आसपास होटल लेते हैं तो क्षेत्रीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के लिए सुविधाजनक रहेगा। बस स्टैंड के अलावा सदर बाजार, गांधी चौक और सुभाष चौक इलाके में भी कमरे किराए पर ले सकते हैं।
रानीखेत में कम से कम बजट पर होटल और लॉज में ठहरने का किराया 800 से लेकर 2500 रूपए के बीच रहता है। यदि ज्यादा बजट वाले होटल में ठहरना चाहते हैं तो महंगे बजट वाले भी होटल उपलब्ध हैं। रानीखेत की वादियां और शानदार मौसम में कैंपिंग का भी मज़ा ले सकते हैं यदि आप किसी होटल में ठहरा नही चाहते हैं तो खुले आसमान में कैंपिंग करके रात गुजार सकते हैं और टेंट में रात गुजारने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। कैंप में ठहरने का किराया थोड़ा होटल के मुकाबले सस्ता रहता है।
रानीखेत की यात्रा पर जरूरी सामान?
रानीखेत की हसीन वादियों में घूमने के लिए सफर पर निकल पड़े हैं तो कुछ ज़रूरी चीजें है जिसे अपने साथ लेकर जरूर जाएं। रानीखेत में यदि सर्दियों के मौसम में जा रहें है तो अपने साथ गर्म कपड़े ले जाना बिलकुल मत भूलना क्योंकि चारो ओर बर्फीले पहाड़ों से घिरा होने के कारण तापमान कम रहता है जिसकी वजह से ठंडी अधिक पड़ती है। छोटे बच्चों को साथ लेकर जाएं तो उनको गर्म कपड़े पहना कर अच्छे से रखें। स्वर्ग जैसे हिल स्टेशन में गए है तो यादगार पलों को एकत्र करने के लिए कैमेरा जरूर लेकर जाएं क्योंकि ऊंचे ऊंचे पहाड़ देखकर आपका मन फ़ोटो खींचने के लिए व्याकुल हो उठेगा।
किसी भी यात्रा में घूमने के लिए सबसे जरूरी होता है पैसा घूमने के लिए जाते है तो अपने साथ आवश्यक पैसा, यात्रा की टिकट, एटीएम कार्ड, पहचान के लिए जरूरी दस्तावेज़, खाने पीने का सामान जैसे बिस्किट, नमकीन, जरूर साथ रखें। यात्रा में कूल दिखने और अपनी आंखों को धूप की रोशनी से बचाने के लिए चश्मा जरूर साथ लेकर जाएं। बरसात के दिनों में भ्रमण की शुरुआत करते हैं तो अपने साथ छाता और रेनकोट जरूर रखें।
FAQs
1. काठगोदाम से रानीखेत की दूरी?
रानीखेत पहुंचने के लिए काठगोदाम मुख्य द्वार है। यह रानीखेत का सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन है। काठगोदाम से रानीखेत 80 किमी की दूरी पर बसा एक हिल स्टेशन है। काठगोदाम से रानीखेत के लिए बस और टैक्सी चलती रहती है जो लगभग 3 से 4 घंटे में रानीखेत पहुंचा देती है।
2. हरिद्वार से रानीखेत की दूरी?
हरिद्वार उत्तराखंड का प्रमुख धार्मिक स्थल है। रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु तीर्थ यात्रा के लिए हरिद्वार आते है और फिर प्राकृतिक वादियों को देखने के लिए रानीखेत जाते हैं। हरिद्वार से रानीखेत 275 किमी पड़ता है। बस, जीप और टैक्सी बुक करके पहुंच सकते हैं।
3. नैनीताल से रानीखेत की दूरी?
नैनीताल से रानीखेत की दूरी महज 60 किलोमीटर है। नैनीताल से रानीखेत पहुंचने के लिए उत्तराखंड राज्य परिवहन की बसे नियमित रूप से रानीखेत के लिए चलती रहती है यह बस आपको 2 से 3 घंटे के बीच पहुंचा देती हैं।
4. रानीखेत कहां है?
रानीखेत भारत में उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित पहाड़ी नगर है। शहर आकर्षण हिल स्टेशन के रूप में पूरे भारत में प्रसिद्ध है। गर्मियों के मौसम में ठंडी का सुखद ऐहसास लेने के लिए भारी संख्या में पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है।
निष्कर्ष
प्रिय पाठक आपने अपने जीवन काल में अनेकों पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया होगा। परंतु क्या आप जानते हैं कि रानीखेत की वादियां इतनी खुबसूरत है की आप दिल दे बैठोगे। रानीखेत घूमने के लिए जाते हैं तो वहां के सुन्दर नजारे देखने के बाद तारीफ़ किए बिना नहीं रह सकते हैं। प्राकृतिक नजारे देखने पर ऐसा लगता है जैसे की खूबसूरत पेंटिंग को देख रहें हो। प्राकृतिक नजरों को देखने के लिए जल्द ही जाने की योजना बनाएं आशा करते है रानीखेत में घूमने की जगह (Ranikhet Me Ghumne Ki Jagah) को जानकर रानीखेत की यात्रा करने में सहायता मिलेगी।