Top 10 लद्दाख में घूमने की जगह | Ladakh Tourist Places
लद्दाख भारत का केंद्र शासित प्रदेश है यह अपने प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। केंद्र शासित प्रदेश काराकोरम रेंज में सियाचिन ग्लेशियर से लेकर दक्षिण में हिमालय तक फैला हुआ है। चारों ओर फैले ऊंचे ऊंचे पहाड़ देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे मानो स्वागत के लिए खड़े हो यहां आपको ऊंची ऊंची बर्फीली पहाड़ियों का नजारा देखने को मिल जायेगा। लद्दाख क्षेत्र को दो भागों में बांटा गया है। इनमे से Leh डिस्ट्रिक्ट और कारगिल जिला शामिल है। इस लेख में आपको बताएंगे कि लद्दाख में घूमने की जगह (Ladakh Tourist Places) कौन सी हैं।
लेह जिले में आपको ऊंचे ऊंचे बर्फीले पहाड़, नदियां, बौद्ध मठ, और अनेक तरह के धार्मिक स्थल देखने को मिल जायेंगे। यहां घूमने के लिए देश विदेश से पर्यटक लाखों की संख्या में आते है। लद्दाख में सबसे ज्यादा कमाई यहां घूमने आने वाले पर्यटकों से होती है। क्योंकि लद्दाख सबसे खूबसूरत शांत और आनंदमय स्थलों से भरा हुआ है। गर्मियों के दिनों में लद्दाख घूमने के लिए जाते हैं तो गर्मी का ऐहसास तक नहीं होगा। लगेगा मानो किसी दूसरी दुनियां में घूम रहे हों।
लद्दाख की यात्रा साहस और एडवेंचर से भरी हुई है जो लोग ट्रैकिंग करने के शौकीन है उन्हे लद्दाख में बहुत मजा आएगा। हमने लेख द्वारा लद्दाख में घूमने की जगह (Ladakh Tourist Places) के साथ लद्दाख पहुंचने का साधारण रोड़ प्लान बताया है जिसमें आप आसानी से अपने निजी वाहन द्वारा भी पहुंच सकते हैं। गर्मियों में मैदानी इलाकों की गर्मी से ऊब चुके हैं और गर्मियों की छुट्टियां बिताना चाहते हैं तो लद्दाख घूमना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
लद्दाख में घूमने की जगह | Ladakh Tourist Places
लद्दाख में घूमने की जगह संक्षिप्त परिचय (Ladakh Tourist Places in Hindi)
- मैग्नेटिक हिल
- पैंगोंग लेक
- शांति स्तूप
- लेह पैलेस
- गुरुद्वारा पत्थर साहेब लेह
- थीकसे मोनेस्ट्री
- खारदुंगला पास
- कारगिल
- नुब्रा वैली
- स्पितुक गोम्पा
- मोरीरी झील
- उमलिंगा पास लद्दाख
- लेह बाज़ार
- चादर ट्रैक
- हेमिस मठ
- जोरावर किला
लद्दाख के बारे में रोचक जानकारी (Brief Information of Ladakh)
- लद्दाख भारत में सबसे विरल जनसंख्या वाला प्रदेश है। अगस्त 2019 में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम पारित किया जिसके द्वारा 31 अक्टूबर 2019 को लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना। लद्दाख में कई स्थानों में कई प्राचीन शिलालेख प्राप्त हुए हैं जिससे पता चलता है कि यह स्थान नव पाषाण काल युग में बना था।
- Leh लद्दाख समुद्र तल से लगभग 3500 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील को दुनिया की सबसे खारे पानी की झील कहा जाता है। लद्दाख में पहाड़ नंगे और विरल है। पहाड़ों में हरियाली देखने को नही मिलती।
1. मैग्नेटिक हिल - Ladakh Magnetic Hill in Hindi
तब वह अपने आप पहाड़ के ऊपर की ओर 20 किलामीटर प्रति घंटे की रफ्तार से खींची चली जाती जाती है। मैग्नेटिक हिल समुद्र तल से लगभग 14000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। मैग्नेटिक हिल के पूरब दिशा में सिंधु नदी बहती है।
2. पैंगोंग लेक - Ladakh Pangong Tso Lek For Tourism
सर्दियों में झील का तापमान -5°C से 10°C के बीच ही रहता है। सर्दियों के मौसम में इस झील का पानी बर्फ में तब्दील हो जाता है। और बर्फ काफी कठोर हो जाती है। इस कारण लोग इसमें स्किंग भी करते हैं। पैंगोंग झील समुद्र तल से लगभग 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह लेक लद्दाख की राजधानी से 150 किमी दूर स्थित है।
3. शांति स्तूप - Shanti Stupa Leh Dharmik Sthal
स्तूप का निर्माण बौद्ध धर्म के 2500 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में करवाया गया था। यह लेह से लगभग 5 किलामीटर चांगस्पा रोड़ पर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। स्तूप के ऊपर से आप पूरे लेह शहर का नजारा देख सकते हैं।
शांति स्तूप टिकट प्राइस: शांति स्तूप को देखने के लिए एंट्री शुल्क 30 रूपए है जो सुबह 7 बजे से 8 बजे रात तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
4. लेह पैलेस - Leh Palace Ladakh Historical Building
लेह पैलेस लद्दाख का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। पैलेस को लाचेन पालकर के नाम से भी जाना जाता है। लेह पैलेस का निर्माण राजा सेंगगे नामग्याल ने 16वी शताब्दी में करवाया था। शाही पैलेस सबसे ऊपरी हिस्से में राजा और उनका परिवार रहा करता था। यह पैलेस अपने समय का सबसे ऊंची 9 मंजिले इमारत में एक था। पैलेस के ऊपर खड़े होकर आप लेह सिटी की पर्वत श्रृंखला का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।
लेह पैलेस लोकेशन: लेह सिटी से 5 किमी दूर है यह पैलेस सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है।
5. गुरुद्वारा पत्थर साहेब लेह - Gurudwara Pathar Sahib Leh Dharmik Sthal
लेह शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर गुरुद्वारा पत्थर साहिब श्री नगर लेह रोड पर स्थित है। गुरुद्वारे का निर्माण सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक साहेब की याद में 1517 में करवाया गया था। जब वह लद्दाख की यात्रा पर गए थे। यह लद्दाख का प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है। लेह से आगे दुर्गम पहाड़ों में जाने से पहले लोग गुरुद्वारा पत्थर साहिब में माथा टेकने और दर्शन करने के बाद आगे बढ़ते हैं। गुरूद्वारा पत्थर साहिब सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। पत्थर साहेब में दर्शन करना बिलकुल फ्री है। गुरूद्वारा पत्थर साहिब में महिलाएं जींस और शॉर्ट्स पहनकर नहीं जा सकती।
6. थीकसे मोनेस्ट्री - Thiksey Monastery Ladakh
थीकसे गोंपा लेह शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर पूरब में थीकसे पहाड़ी पर स्थित है। यह तिब्बत और मध्य लद्दाख का सबसे बड़ा गोंपा है। जो सिंधु घाटी में 11800 फुट की ऊंचाई पर बना हुआ है। यह एक 12 मंजिला ऐतिहासिक इमारत है। इसमें बौध कला की प्राचीन वस्तुएं देखने को मिल जाएंगी जैसे मूर्तियां, स्तूप, थांग का, पुरानी तलवारे, दीवार में टंगी पेंटिंग।
थीकसे गोंपा खुलने का समय: सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहती है। और नवंबर माह से अप्रैल तक बंद कर दिया जाता है। एंट्री करने के लिए 20 रूपए टिकट शुल्क है।
7. खारदुंगला पास - Khardung La Pass Ladakh Gateway Nubra Valley
खारदुंगला दर्रा हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है। नुब्रा और श्योक घाटियों में जाने के लिए खारदुंगला पास एक तरह से प्रवेश द्वार का काम करता है। इसे खर्दजांग ला के नाम से भी जाना जाता है। यह दर्रा 17582 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। खारदुंगला पास का निर्माण 1976 में किया गया था और 1988 में सार्वजनिक वाहनों के लिए खोला गया था। यह दुनियां का सबसे ऊंचा मोटरेबल दर्रा है जहां बाइक या गाड़ी ड्राइव कर सकते हैं।
8. कारगिल - Kargil
कारगिल में शहीद हुए वीर जवानों की समाधि स्थल भी है। यहां आने वाले पर्यटक कारगिल पर्वत की सबसे ऊंची चोटी में चढ़कर ध्वजारोहण करके अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते है।
9. नुब्रा वैली - Nubra Ladakh Famous Valley
घाटी में पशमीना बकरी को भी देख सकते हैं। जिसके ऊन से पशमीना सॉल बनाया जाता है। यह घाटी अलौकिक सुंदरता और खूबसूरती के लिए पूरी दुनियां में प्रसिद्ध है। नुब्रा घाटी को फूलों का बाग भी कहा जाता है। घाटी में जंगली गुलाब के पीले फूल देखने को मिल जायेंगे।
10. स्पितुक गोम्पा - Spituk Monstry ladakh
स्पितुक लेह शहर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर बसा तिब्बती बौध मठ है। जिसे लेह में पेथुप गोंपा कहा जाता है। मठ का निर्माण ओ-डे ने 11वी शताब्दी में करवाया था। प्रसिद्ध मठ में हिंदू देवी काली मां की मूर्ति भी स्थापित है। लद्दाख से 6 किमी दूर स्पीतुक मॉनेस्ट्री लेह कारगिल रोड़ पर स्थित है। मॉनेस्ट्री में दर्शन करने के लिए सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक जा सकते हैं।
11. मोरीरी झील - Tso Moriri Lake
मोरीरी लेक पैंगोंग झील की जुड़वा है। यह चांग थांग पठार पर स्थित प्राकृतिक झील है जो 14836 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। झील की लंबाई 19 किलामीटर है और चौड़ाई 3 किलामीटर है। यह झील भारत की सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित झीलों में से एक है। झील से पानी न निकल पाने के कारण यह झील खारे पानी में तब्दील हो चुकी है। झील के जलागम का मुख्य स्रोत पहाड़ों में पिघलने वाली बर्फ से आता है। गर्मियों में झील बर्फ से पिघलकर पानी का रूप ले लेती है जिसकी वजह से आसपास क्षेत्रीय लोग खेती करते हैं। यह झील लेह से करीब 240 किमी दूर है।
12. उमलिंगा पास लद्दाख की लोकप्रिय पर्यटन स्थल - Umling La Pass
उमलिंग ला दर्रा भारत में डेमचोक के करीब लुंगपा और सिंधु नदी के बीच रिजलाइन पर बना पहाड़ी दर्रा है। यह दर्रा 18500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह दुनियां की सबसे ऊंची मोटर के लिए सड़क है। अभी हाल में ही सीमा सड़क संगठन (BRO) ने सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का निर्माण किया है। जो खारदुंगला दर्रा से काफी ऊंची बनी हुईं है। यह सड़क 52 किलोमिटर दूर तक फैली हुई है।
13. लेह बाज़ार - Famous Leh Market
लेह घूमने आने वाले पर्यटक अगर शॉपिंग करने का शौक रखते हैं तो Leh Market में उनके लिए सबसे उपयुक्त जगह है। बाज़ार में आप गर्म कपड़े खरीद सकते हैं जैसे मफलर, दस्ताने, तिब्बती हस्त शिल्प वस्तुएं, पश्मीना शॉल, जैकेट। लेह का बाज़ार लेह शहर के बीचों बीच स्थित है। बाज़ार में घूमने के बाद लद्दाख के स्थानीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं। लेह का बाजार सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।
14. चादर ट्रैक - Chadar Trek Ladakh Adventure
चादर ट्रैक लद्दाख के सबसे दुर्गम इलाकों में से एक है। सिंधु नदी और Zanskar नदी मिलकर संगम का निर्माण करती हैं। नदी सर्दियों के मौसम में तापमान कम हो जाने के कारण बर्फ में तब्दील हो जाती है। और यह देखने में बर्फ की सफेद चादर जैसे देखती दिखती है। चादर ट्रैक जांसकार घाटी में दुर्गम यात्रा को कहा जाता है। जिसमें नदी में ट्रैकिंग के द्वारा यात्रा की जाती है।
15. हेमिस मठ - Hemis Math Ladakh Dharmik Sthal
हेमीस मठ की स्थापना 17 शताब्दी में की गई थी। मठ में हर साल स्वामी पद्म संभव के सम्मान में उत्सव आयोजित किया जाता है। यह मठ लद्दाख में सबसे प्रसिद्ध मठ है। हेमीस मठ लेह शहर से लगभग 45 किलामीटर की दूरी पर स्थित है।
16. जोरावर किला
जोरावर किला का निर्माण 1930 में जनरल जोरावर सिंह ने अपनी लद्दाख की जीत के उपलक्ष्य में करवाया था। यह किला पहाड़ की चोटी पर बनाया गया है। किले में हर रोज शाम 7 बजे को लेजर शो का आयोजन किया जाता है जिसे देखने जरूर जाना चाहिए। जोरावर किले को देखने के लिए टिकते हाल ऑफ फेम (Hall of Fame) की टिकट के साथ दी जाती है। जिसका शुल्क 175 रूपए रहता है। यह किला सुबह 09:30 से शाम को 05:30 तक खुला रहता है।
लद्दाख कैसे पहुंचे? - How To Reach Ladakh in Hindi
लद्दाख पहुंचने के लिए रूट प्लान
सड़क मार्ग द्वारा लद्दाख कैसे जाएं? - How to Travel Ladakh By Road
लद्दाख सड़क मार्ग से जाने के लिए आप अपनी निजी कार से जा सकते हैं या फिर जीप या कैब का सहारा ले सकते हैं। लद्दाख जाने के लिए बस भी चलती है जो केलांग तक जाती है। उसके बाद केलांग से बस द्वारा लद्दाख पहुंच जाएंगे। लद्दाख पहुंचने के दो रास्ते है श्रीनगर होते हुए या मनाली मार्ग से होते हुए। लद्दाख मनाली से लगभग 494 किलामीटर दूर पड़ता है। और श्री नगर से 434 किलोमीटर दूरी पर है। लद्दाख जाने के लिए आप चंडीगढ़ होते हुए लेह मनाली मार्ग से लद्दाख पहुंच सकते हैं।
पहाड़ी रास्ता होने के कारण लगभग 3 दिन का समय लग जाता है। आप चाहें तो अपनी पर्सनल बाइक से भी जा सकते हैं। सर्दियों के मौसम में बर्फबारी होने के कारण लेह मनाली मार्ग बंद कर दिया जाता है। साल में केवल यह चार या पांच महीने ही खुला रहता है। मई से सितंबर के बीच यह मार्ग खुला रहता है।
हवाई जहाज से लद्दाख कैसे पहुंचे? - How to Reach Ladakh By Aeroplane
अगर आप लेह लद्दाख हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो यह महंगा और जल्दी पहुंचने वाला माध्यम है। लेह जाने के लिए हवाई जहाज सबसे उचित माध्यम है। लेह सिटी मे स्थित कुसुक बांकुला रिमपोचे हवाई अड्डा दिल्ली और चंडीगढ़ से रोजाना इंडिगो, स्पाइसजेट और Vistara जैसे विमानों की उड़ाने संचालित होती रहती हैं। आप लेह पहुंचकर कैब बुक करके लद्दाख घूम सकते हैं।
लद्दाख रेल मार्ग से कैसे पहुंचे? - How To Reach Ladakh By Railway
यदि आप रेलमार्ग द्वारा लद्दाख जाना चाहते हैं तो। लद्दाख का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है। यह लद्दाख से 700 किलामीटर की दूरी पर स्थित है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन दिल्ली, कोलकाता, जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है। रेल मार्ग द्वारा लद्दाख पहुंचना सही नही रहता इससे समय बहुत व्यर्थ होता है। लद्दाख में घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा साधन हवाई जहाज है।
लद्दाख में रुकने की जगह कौन सी है? - Ladakh Me Rukne ke Liye Hotel
लद्दाख में ठहरने के लिए आपको लेह सिटी में बहुत से होटल और रिजॉर्ट्स आसानी से मिल जायेंगे। लद्दाख में घूमने के लिए गए हैं तो लेह सिटी के आलावा रुकने के लिए और कहीं भी होटल नही मिलते। आप अपने बजट के अनुसार होटल का चयन कर सकते हैं।
लद्दाख घूमने मे कौन सी चीज साथ रखें?
लद्दाख घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ चीजे हैं जिसे आप अपने साथ जरूर लेकर जाए जैसे चश्मा, आईडी कार्ड, आधार कार्ड, गर्म कपड़े, पानी की बॉटल, पैसे, इमरजेंसी के लिए फर्स्ट ऐड किट, खाने का सामान जैसे बिस्कुट, नमकीन।
लद्दाख में पहाड़ होने के कारण इनमे सफेद बर्फ जमी रहती है। धूप पड़ने के कारण रिफ्लेक्शन से आंखो में रोशनी लगती है इसलिए चश्मा पहन कर रखें। लेह लद्दाख हाई एल्टीट्यूड (High Altitude) में होने के कारण यहां ऑक्सीजन का लेवल बहुत कम रहता है। इसलिए जिन्हे सांस लेने में तकलीफ होती है या कोई गंभीर बीमारी है तो लेह घूमना उनके लिए बेहतर नही है।
लद्दाख पहुंचने पर ध्यान रखने योग्य बातें (Important Tips to Ladakh Travel)
- लद्दाख पहुंचते ही आराम करे तुरंत घूमने के लिए न निकले।
- डिहाइड्रेशन से बचने के लिए घूमने जाने पर पानी पीते रहें। साथ में पानी की बॉटल रखें।
- गर्मियों के मौसम में घूमने जा रहे हैं तो नॉर्मल गर्म कपड़े पहन कर रखें और सर्दियों के मौसम में घूमने जा रहे हैं तो अच्छे से गर्म कपड़े पहन कर रखें।
- घूमने जाने पर आंखो में चश्मा पहन कर रखें यह सूर्य की रोशनी से आंखो को बचाता है।
- लद्दाख में ठंडी हवाएं चलती रहती है। शाम को ठंड से बचे।
लद्दाख का प्रसिद्ध भोजन क्या है?- Famous Good Of Ladakh in Hindi
लद्दाख दूर दराज में बसा होने के कारण यहां खाने पीने की चीजे काफी महंगी है। लद्दाख में खाने के लिए आपको उत्तर भारत के व्यंजन मिल जायेंगे। इसके अलावा आप तिब्बती खाने का भी स्वाद ले सकते हैं। लद्दाख में मोमोज, चावमीन, फ्राइड राइस, तो लगभग हर रेस्टोरेंट में उपलब्ध रहता है।
लद्दाख में आपको एप्रिकॉट जैम मिल जायेगा जिसे खुबानी द्वारा बनाया जाता है। खुबानी एक तरह बेर जैसा फल होता है। यह जैम खाने में बेहद स्वादिष्ट लगता है आप इसे ब्रेड, पराठे, रोटी के साथ खा सकते हैं।
FAQs
1. लद्दाख में घूमने के लिए क्या है?
लद्दाख में घूमने के लिए अनेक तरह के प्राकृतिक पर्यटक स्थल है। जैसे पांगोंग झील, मैग्नेटिक हिल, खारदुंगला पास, नुब्रा वैली प्रमुख लद्दाख में घूमने की जगह है।
2. लद्दाख की फेमस चीज क्या है?
लद्दाख पर्यटन स्थल होने के साथ साथ फेमस है। इसके अलावा leh की खुमानी, और शिलाजीत बहुत फेमस है। खुमानी मई से जुलाई के महीने में पेड़ो में लगती है। यदि आप लेह घूमने जाएं तो Leh Market से खरीदारी कर सकते हैं।
3. लद्दाख में घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?
लद्दाख में घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम गर्मियों का होता है। लद्दाख घूमने जाने के लिए अप्रैल से लेकर सितंबर तक का अच्छा मौसम रहता है। सर्दियों आते ही अक्टूबर से मार्च तक लेह में बहुत ठंडी पड़ती है। इसके अलावा यदि आप सर्दियों में घूमने का शौक रखते हैं तो सर्दियों के मौसम में लद्दाख घूम सकते हैं।
4. लद्दाख घूमने मे कितना खर्चा आएगा?
यदि आप लद्दाख घूमने जाने का प्लान बना रहें हैं तो आपको बता दू लेह यात्रा का एक सप्ताह का खर्चा 15000 से लेकर 20000 रूपए तक आ सकता है।
5. लेह लद्दाख कहा स्थित है?
लद्दाख उत्तरी भाग में स्थित भारत का केंद्र शासित प्रदेश है। यह उत्तर में काराकोरम और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच स्थित है। यह पश्चिम में जम्मू कश्मीर और दक्षिण दिशा में हिमाचल प्रदेश से घिरा हुआ है।