12+ बीकानेर में घूमने की जगह, सुनहरे रेतीले रेगिस्थान में घूमने का मजा
बीकानेर भारत में राजस्थान राज्य के थार मरुस्थल की रेतीली भूमि में बसा ऐतिहासिक शहर है। बीकानेर को राजस्थान के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल किया जाता है। यह शहर अपने राजपूताना संस्कृति, सभ्यता, ऐतिहासिक किले, प्राचीन मंदिर, राजसी महलों और थार के सुनहरे रेतीले रेगिस्थान के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। बीकानेर की संस्कृति और पर्यटन स्थलों से रूबरू होने के लिए भारत के कोने कोने से लाखों की संख्या में लोग घूमने के लिए जाते हैं। यदि आप भी बीकानेर घूमने की सोच रहें हैं और जानना चाहते हैं कि बीकानेर में घूमने की जगह (Bikaner Me Ghumne Ki Jagah) कौन सी हैं तो आपको इस लेख में Bikaner Tourist Places के बारे में अच्छे से जानकारी मिल जाएगी।
बीकानेर की भौगोलिक स्थिति के कारण इसे राजस्थान का दिल कहा जाता है। बीकानेर में घूमने और छुट्टियां मनाने के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। बीकानेर घूमने के साथ ही स्थानीय बाजार में खरीदारी का भरपूर आनंद उठा सकते हैं। स्थानीय बाजार में राजस्थानी परिधान, जूते, कपड़े, हस्त निर्मित वस्तुएं, मूर्ति, लहंगा, चोली, राजस्थानी पगड़ी और बहुत कुछ खरीदा जा सकता है।
बीकानेर शहर अपने अंतर्राष्ट्रीय ऊंट समारोह के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है प्रत्येक वर्ष जनवरी या फरवरी माह में आयोजित किए जाने वाले ऊंट सम्मेलन को देखने के लिए भारी तादात में पर्यटकों का हुजूम लगता है। बीकानेर घूमने के लिए जाते है तो स्थानीय भोजन का स्वाद लेना न भूलें बीकानेर के स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों में शुद्ध धी से बना घेवर बहुत ही प्रसिद्ध है जो खाने में बहुत ही स्वादिष्ट और मीठा होता है।
बीकानेर में घूमने की जगह, और दर्शनीय स्थल| Bikaner Me Ghumne Ki Jagah
बीकानेर शहर का संक्षिप्त परिचय
बीकानेर की जमी पर राजपूताना संस्कृति और सभ्यता काफी फली फूली बीकानेर को प्राचीन काल में जांगल देश नाम से जाना जाता था। बाद मे राजपुताना राठौड़ शासन कायम होने के बाद बीकानेर नाम दिया गया। प्रारंभ में यह भील राजाओं के अधीन था। लेख में बीकानेर के मुख्य पर्यटन स्थलों की जानकारी सूचीबद्ध तरीके से दी है।
1. जूनागढ़ का किला - Bikaner Fort
जूनागढ़ किला बीकानेर की शान है। यह ऐतिहासिक किला शहर के बीचों बीच स्थित है। जूनागढ़ किले के कारण बीकानेर शहर की लोकप्रियता दूर दूर तक फैली हुई है। बीकानेर में पर्यटकों की सबसे पहली पसंद जूनागढ़ किले को देखने की रहती है। जूनागढ़ किला प्राचीन काल की कारीगरी का बेहतरीन नमूना है।
जूनागढ़ किले की पहली ईट महाराजा जोधा के चौदहवें पुत्र राव बीकाजी ने 1478 में रखी थी। बाद मे 1593 महाराजा राय सिंह ने किले का निर्माण पूरी तरह करवाया। किले की वास्तुशैली में राजपूत और मुगल वास्तुकला का समायोजन देखने को मिलता है। जूनागढ़ पैलेस में बीकानेर के समृद्ध इतिहास की झलक देखने को मिलती है।
जब किले का निर्माण हुआ तब इसे चिंतामणी नाम से नामांकित किया गया और 20वी सदी के प्रारंभ में किले का नाम जूनागढ़ या पुराना किला रख दिया गया। किले के अंदर बहुत ही शानदार कारीगरी की गई है जिसे देखकर पर्यटक आश्चर्य चकित हो जाते है। किले के अंदर कई अन्य छोटे छोटे महलों, मंडप और मंदिरो का निर्माण किया गया है जिसे अपने अपने शासन काल में मारवाड़ी राजाओं ने बनवाया था।
जिसमे से प्रमुख महल है चंद्र महल, गंगा निवास, अनूप महल, फूल महल, इन सभी महलों को किले के अंदर घूम घूम कर देख सकते हैं और महलों की सुंदरता से रूबरू हो सकतें हैं।
किले को पूरी तरह देखने में 2 से 3 घंटे का समय लग जाता है आप सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक घूम सकते हैं। किले की आंतरिक सुंदरता देखने के लिए पर्यटकों से प्रवेश शुल्क लिया जाता है। जूनागढ़ किले के पास ही सूरसागर तालाब स्थित है शाम को लाइट की रोशनी से यह तालाब जगमग हो जाता है। शाम के समय भरी संख्या में पर्यटकों का जमावड़ा लगता है।
2. करणी माता मंदिर - Karni Mata Temple Bikaner
मुगल वास्तुशैली में निर्मित करणी माता मंदिर बीकानेर में सबसे प्रसिद्ध शक्तिशाली हिंदू मंदिर है। माता दुर्गा को समर्पित करणी माता मंदिर करीब 600 साल से अधिक पुराना राजपूतों की आस्था का प्रतीक है। गर्भ गृह में करणी माता की काठ की मूर्ति हवा में विराजमान है। पर्यटक करणी माता के दर्शन करने के लिए दूर दूर से जाते है।
करणी माता पर लोगो की अपार श्रद्धा जुड़ी हुई है कहते हैं मंदिर में दर्शन करने से भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। बीकानेर में करणी माता मंदिर को नारी मंदिर और चूहा मंदिर नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में आकर्षण का केंद्र काले चूहे है जो हजारों की संख्या में देखने को मिलते है।
मंदिर में चूहों की पूजा की जाती है। और चूहे द्वारा खाए हुए प्रसाद को पवित्र माना जाता है। लोगों की मान्यता है की दर्शन करने पर यदि आपको सफेद चूहा दिख जाएं तो दर्शन सफल माने जाते हैं। करणी माता मंदिर में महाराजा गंगा सिंह जी द्वारा लगवाए गए चांदी के दरवाजे आज भी देखने को मिलते हैं।
करणी माता का मंदिर बीकानेर शहर से 30 किमी देशनाेक गांव में विराजमान है। आप चाहें तो बस या बीकानेर रेलवे स्टेशन से ट्रेन द्वारा पहुंच सकते हैं। या अपने निजी वाहन से जा सकते हैं। करणी माता के मुख्य मंदिर से एक किमी दूर करणी माता का पुराना मंदिर है कहा जाता है जब करणी माता मनुष्य रूप में रहा करती थी और वही पर बनी गुफा में तपस्या किया करती थी।
3. गजनेर पैलेस - Gajner Palace Bikaner
झील के किनारे स्थित गजनेर पैलेस बीकानेर का शानदार शाही महल है। जिसमें जटिल नक्काशी द्वारा महल को सजाया गया है। गजनेर पैलेस को बीकानेर में मुख्य पर्यटन स्थलों की सूची में गिना जाता है। गजनेर पैलेस को बीकानेर के राजा महाराज गंगा सिंह जी ने गर्मियों के मौसम में आश्रय लेने के लिए बनवाया गया था।
राजाओं के लिए गजनेर पैलेस शिकार के दौरान विश्राम स्थल के रूप में मुख्य भूमिका निभाता था। बाद में 1976 में गजनेर पैलेस को लोगों के लिए होटल में तब्दील कर दिया गया। आप चाहें तो होटल में रूम बुक करके रुक सकते हैं या फिर गेस्ट पास लेकर पैलेस में घूम सकते हैं।
होटल में कुल चार निवास है। डूंगर चौक, गुलाब निवास चंपा निवास, और मंदिर चौक लगभग 32 आलीशान कमरों से बना महल पर्यटकों को आश्रय देने का काम करता है। महल के परिसर में बनी झील में बोटिंग का आनंद भी उठा सकते है। छुट्टियों में घूमने के लिए जाते है तो आप बेहतरीन रेगिस्तान सफारी का मजा उठा सकते है।
4. बीकानेर का लालगढ़ पैलेस
बीकानेर में गजनेर पैलेस की भांति लालगढ़ पैलेस एक भव्य पैलेस है। लालगढ़ पैलेस को महाराजा गंगा सिंह जी ने अपने पिता लाल सिंह की याद में 1902 ई. में लाल बलुआ पत्थरों द्वारा बनवाया था। उस वक्त महल को बनने में 24 साल से अधिक का समय लगा था। वर्तमान समय में यह पैलेस होटल के रूप में तब्दील हो चुका है।
महल के अंदर ही संग्रहालय देखने की मिलता है। संग्रहालय में राजस्थानी सभ्यता संस्कृति से जुड़ी प्राचीन वस्तुओं का संग्रह है। जिसमे राजस्थानी पारंपरिक पोशाक, चित्र, पेंटिंग, शाही शासकों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले समान जैसे बहुमूल्य वस्तुओ की देख सकते हैं। लालगढ़ पैलेस के अंदर घूमने के लिए टिकट लगता है। टिकट का मूल्य साधारण रहता है।
5. रामपुरिया हवेली
रामपुरिया हवेली बीकानेर की भव्य हवेलियों का समूह है। रामपुरिया हवेली का निर्माण बीकानेर के धनी रामपुरिया नाम व्यक्ति ने करवाया था। रामपुरिया हवेली बीकानेर में मारवाड़ी रजवाड़ों की विरासत का जीता जागता उदाहरण है।
रामपुरिया हवेली में आज भी हवेली के मालिक का निवास स्थान है। रामपुरिया हवेली की भव्यता को आप बाहर से ही देख सकते हैं। यह स्थान रेलवे स्टेशन से महज दो किमी की दूरी पर स्थित है। ऑटो रिक्शा से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
6. ऊंटू की सफारी
ऊंट की सफारी का मजा सुबह और शाम को ले सकते हैं। ऊंट की सफारी बीकानेर की यात्रा में सबसे शानदार पलों में से एक है। रेगिस्तानी की रेतीली भूमि में ऊंट के ऊपर बैठकर सुनहरी रेतीली भूमि का भ्रमण कर सकते हैं। ऊंट की सफारी का मजा उठाने के लिए बीकानेर के ऊंट डेजर्ट कैंप में जा सकते है।
7. शाही स्मारक देवीकुंड सागर
देवी कुंड सागर बीकानेर में शाही स्मारक है। देवी कुंड में ही महाराजा राव बीका के बड़े पोते सूरज सिंह का अंतिम संस्कार किया गया था उन्हीं की याद में स्मारक का निर्माण किया गया जिसे देवी कुंड सागर कहा जाता है। देवी कुण्ड सागर में शाही राजवंश के शासकों की समाधि बनी हुई हैं। सफेद संगमरमर से निर्मित यह खूबसूरत पर्यटन स्थल शहर से 7 किमी दूरी स्थित है।
8. गजनेर वन्य जीव अभयारण्य बीकानेर - Gajner Wildlife Sanctuary
गजनेर वन्य जीव अभयारण्य बीकानेर में स्थित पशु पक्षियों का निवास स्थल है। यह वन्य जीव अभयारण्य बीकानेर से 30 किमी दूर स्थित है। प्राचीन समय में यह स्थान जंगलों से घिरा था जहां बीकानेर के महाराजा शिकार खेलने के लिए जाते थे। वर्तमान समय में इसे अभयारण्य के रूप में तब्दील कर दिया गया है।
वन्य जीव अभयारण्य में सफारी का मजा लेते हैं अनेक तरह के जंगली जानवरों और पक्षियों को उनके परिवेश में देखा जा सकता है। अकसर आपको काला हिरण, जंगली सुअर, नील गाय, बाघ, और अनेक प्रजातियों के पक्षी तिलोर, बटबड़, तीतर, बटेर, को देखा जा सकता है।
9. राष्ट्रिय ऊंट अनुसंधान केंद्र बीकानेर
राष्ट्रिय ऊंट अनुसंधान बीकानेर में स्थित ऊंटों का विशाल अनुसंधान केंद्र है जहां ऊंटों की अनेक नस्ल को देखा जा सकता है। ऊंटों की विभिन्न नस्लों को देखने के साथ ही ऊंट की सवारी का आनंद उठा सकते हैं और कैमल के साथ अपनी फ़ोटो शूट कर सकते हैं।
ऊंट अनुसंधान केंद्र में मेल और फीमेल दोनो तरह के ऊंटों को देखा जा सकता है। साथ ही ऊंट के छोटे छोटे बच्चे भी देखने को मिलते हैं। यदि आप घूमने के लिए जाते हैं तो ऊंट के दूध से बने उत्पादों को भी ख़रीद सकते हैं। यह पर्यटन स्थल बीकानेर से 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
10. सेठ भंडासर जैन मंदिर
भंडासर जैन मंदिर बीकानेर के सबसे खूबसूरत जैन मंदिरों में से एक है। 5वे तीर्थकर सुमित नाथ को समर्पित जैन मंदिर जैन धर्म के लोगो के लिए सबसे पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। तीन मंजिला मंदिर की दीवारें पीले पत्थरों से निर्मित की गई है जिसमे सुंदर चित्रकारी से सजाया गया है।
जैन मंदिर का निर्माण भंडासा ओसवाल ने 16वी शताब्दी में करवाया था। मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर अलंकृत चित्र और मूर्तियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। भंडासर जैन मंदिर को बनाने के समय मंदिर की नीव में 40 हजार लीटर देशी घी को डाला गया था।
11. वैष्णो धाम मंदिर बीकानेर
बीकानेर का वैष्णो धाम मंदिर जम्मू के कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की हुबहू रिपलिका है। वैष्णो धाम मंदिर को राजस्थान का कटरा कहा जाता है। यह मंदिर नवंबर 2000 में कृत्रिम रूम से तैयार किया गया है जिसमे एक ही स्थान में माता वैष्णो देवी, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन कर सकते हैं।
यदि आप इस मंदिर में घूमने के लिए जाते हैं तो आपको बिलकुल कटरा के वैष्णो देवी जैसी अनुमति होती है। मंदिर के अन्दर गुफ़ा, पर्वत, झरने सभी को कृत्रिम रूप से तैयार किया गया है जो बिलकुल असली धार्मिक स्थल का परिचय कराते है।
माता के दर्शन जाने वाले रास्ते को पहाड़ों के बीच बनाया गया है जो पैदल तीर्थयात्रा का अनुभव देता है। मंदिर परिसर में ही भैरव बाबा का मंदिर बनाया गया है। मंदिर का द्वार शेर के मुख के आकार है जिससे प्रवेश करके आप अंदर तक पहुंचते हैं। वैष्णो धाम मंदिर बीकानेर में जयपुर राष्ट्रिय राजमार्ग पर स्थित है।
अन्य बीकानेर में घूमने की जगह (Places Visit in Bikaner)
- कोडमडेश्वर मंदिर
- सादुल सिंह संग्रहालय बीकानेर
- लक्ष्मीनाथ मंदिर
- गंगा सिंह संग्रहालय
- शिवबाड़ी मंदिर
- हैरम गणपति मंदिर
- कोलायत जी का मंदिर
- लूणकरणसर झील
- कैंपिंग के लिए डिजर्ट कैंप
बीकानेर के प्रसिद्ध मंदिर
- करणी माता मंदिर
- लक्ष्मीनाथ मंदिर
- शिवबाड़ी मंदिर
- कोडमडेश्वर भैरव मंदिर
- सेठ भंडासर जैन मंदिर
- वीर तेजाजी मंदिर
- मुकाम मंदिर
- कतरियासर
- कृतिम वैष्णो धाम मंदिर
बीकानेर के प्रसिद्ध पैलेस
गजनेर पैलेस
लालगढ़ पैलेस
लक्ष्मी निवास पैलेस
बीकानेर घूमने का सही मौसम - Best Season to Visit Bikaner City
बीकानेर की जलवायु शुष्क है जिसकी वजह से गर्मी में अधिक गर्मी और सर्दियों के मौसम में अधिक सर्दी पड़ती है। हालांकि बीकानेर थार मरुस्थल की रेतीली भूमि में बसा होने के कारण गर्मियों के मौसम में रात का तापमान ठंडा रहता है। जिस कारण आपको रात में पहनने के लिए गर्भ कपड़े रखने चाहिए।
बीकानेर घूमने के लिए साल के किसी भी मौसम में जाया जा सकता है परंतु सबसे उत्तम मौसम की बात की जाए तो अक्तूबर से मार्च महीनों के बीच बीकानेर में घूमने के लिए सबसे बढ़िया मौसम रहता है।
वही मार्च से लेकर जून तक सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है जिस कारण लू के थपेड़े लगते है। यदि आप गर्मी से बचना चाहते हैं तो मार्च से जून महीने के बीच जाना उचित नही रहेगा। वही जुलाई से सितंबर का महीना बारिश वाला रहता है।
बीकानेर कैसे पहुंचे
अन्य पर्यटन स्थलों की भांति बीकानेर में पहुंचने के लिए सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग तीनो तरह की यातायात सुविधाएं उपलब्ध हैं। अपने शहर से सुविधानुसार किसी भी यातायात माध्यम से बीकानेर पहुंच सकते हैं।
ट्रेन मार्ग द्वारा - Bikaner Railway Station
ट्रेन मार्ग द्वारा बीकानेर पहुंचने का सबसे सस्ता और सुलभ साधन है। बीकानेर में ही रेलवे स्टेशन मौजूद है। इसके अलावा लालगढ़ रेलवे स्टेशन मौजूद है दोनो रेलवे स्टेशन की दूरी 5 किमी है। ट्रेन द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
हवाई जहाज द्वारा
हवाई जहाज द्वारा बीकानेर घूमने की योजना बनाई है तो आपको बता दे बीकानेर में कोई हवाई अड्डा स्थित है जिसकी वजह से बीकानेर तक हवाई यातायात सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन फिर भी कम समय में हवाई जहाज से पहुंचना चाहते हैं तो।
सबसे नजदीक 250 किमी दूर जोधपुर का हवाई अड्डा स्थित है अपने शहर से हवाई जहाज द्वारा जोधपुर पहुंच सकते हैं और जोधपुर से सड़क मार्ग द्वारा बस या टैक्सी के माध्यम से बीकानेर पहुंच जायेंगे। इसके अलावा नाल और जयपुर में भी एयरपोर्ट मौजूद है।
सड़क मार्ग द्वारा
सड़क मार्ग द्वारा बीकानेर पहुंचने के राजस्थान राज्य सरकार परिवहन (RSRTC) की बसों मुख्य भूमिका अदा करती है। बस द्वारा बीकानेर पहुंचने के लिए राजस्थान के अधिकांश शहरों से बस की सेवाएं उपलब्ध रहती है। आप जोधपुर, कोटा, उदयपुर, जयपुर से बस द्वारा पहुंच सकते हैं।
राजस्थान के शहरों से बीकानेर की दूरी
जोधपुर - 245 किमी
उदयपुर - 510 किमी
जयपुर - 335 किमी
कोटा - 457 किमी
अजमेर - 260 किमी
भारतपुर - 525 किमी
जैसलमेर - 330 किमी
दिल्ली - 422 किमी
बीकानेर में रुकने की जगह - Hotel in Bikaner
बीकानेर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको ठहरने के लिए सबसे बढ़िया जगह बीकानेर का रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड है। बीकानेर के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में आपको कम बजट में सस्ते होटल मिल जायेंगे यदि आप और कम बजट में रुकना चाहते हैं तो आप धर्मशाला में रात गुजार सकते हैं।
बीकानेर शहर कैसे घूमे - How To Travel Arround Bikaner
बीकानेर के स्थानीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के लिए सबसे बढ़िया साधन है ऑटो रिक्शा और टैक्सी या फिर बस आप चाहें तो शेयर करके एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच सकते हैं या फिर ऑटो रिक्शा या टैक्सी बुक करके पहुंच सकते हैं।
बीकानेर का प्रसिद्ध व्यंजन क्या है?- Famous Food in Bikaner
- घेवर
- राज कचौरी
- राबड़ी
- दाल बाटी चूरमा
- बीकानेरी पापड़
- बीकानेरी नमकीन भुजिया
- बेसन से बनी गट्टे की सब्जी
- खस्ता पूड़ी
- बीकानेरी गुलाब जामुन
- राजस्थानी थाली
- बेसन पकौड़ी
- जलेबी
- लस्सी
FAQs
1. बीकानेर की प्रसिद्ध मिठाई कौन सी है?
बीकानेर की सबसे प्रसिद्ध मिठाई घेवर है जिसे शुद्ध देशी घी से तैयार किया जाता है। घेवर का मीठा स्वाद दुबारा खाने के लिए मजबूर कर देगा।
2. बीकानेर का प्राचीन नाम क्या है?
बीकानेर को महाभारत काल में जांगल देश नाम से जाना जाता था।
3. बीकानेर शहर को किसने बसाया था?
बीकानेर शहर को राजपूत शासक महाराजा राव बीका जी ने 1488 में बसाया था।