15+ जयपुर में घूमने की जगह, पिंक सिटी के लोकप्रिय पर्यटक स्थल

प्राचीन काल से भारत का राज्य राजस्थान राजा रजवाड़ों के लिए जाना जाता रहा है। जिसमे राजस्थान का शहर जयपुर प्रमुख है। जयपुर में महाराजाओं द्वारा बनवाई गई धरोहर प्रमुख हैं जहां पर घूमने के लिए अनेकों महल, प्राचीन इमारतें, और किले देखने को मिल जायेंगे। जयपुर में ज्यादातर इमारतें गुलाबी पत्थरो से बनी हुई है। इस कारण जयपुर को गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है। इस लेख में आपको बताएंगे कि 15+ जयपुर में घूमने की जगह (Jaipur Me Ghumne Ki Jagah) कौन सी हैं इसके साथ ही जयपुर में ठहरने की जगह और जयपुर घूमने में कितना खर्चा लगेगा सभी विषयो पर विस्तार पूर्वक जानकारी पा सकते हैं।


Jaipur me ghumne ki jagah

जैसा की आप जानते हैं राजस्थान की राजधानी जयपुर है यह शहर अपने शाही भव्यता और विभिन्न सुंदर जगहों के लिए भारत और अन्य देशों में प्रसिद्ध है। जयपुर का पहनावा और संस्कृति मन को मोह लेती है। जयपुर में घूमने के लिए लाखों संख्या में भारत और अन्य देशों से पर्यटकों का आवागमन होता रहता है। जयपुर अपने पर्यटक स्थलों के अलावा खानपान के लिए भी बहुत लोकप्रिय है। जिसमे जयपुर में खाने के लिए घेवर और दाल बाटी चूरमा बहुत ही प्रसिद्ध है। जयपुर में घूमने की जगह (Jaipur Me Ghumne Ki Jagah) को खोज रहें हैं तो लेख को पढ़कर जयपुर प्रसिद्ध स्थलों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।


जयपुर में घूमने की जगह | Jaipur Me Ghumne Ki Jagah

जयपुर में घूमने की जगह के रूप में हमने संक्षिप्त परिचय नीचे दिया है। जिसे समझने में आपको मदद मिलेगी।


जयपुर में घूमने की जगह का संक्षिप्त परिचय

  1. आमेर का किला 
  2. बिरला मंदिर
  3. जयगढ़ का किला 
  4. जल महल 
  5. हवा महल जयपुर 
  6. जंतर मंतर जयपुर 
  7. सिटी पैलेस
  8. नाहरगढ़ किला 
  9. अल्बर्ट हॉल संग्रहालय 
  10. गलताजी मंदिर (बंदर मंदिर) जयपुर
  11. पिंक सिटी बाज़ार घूमने की जगह
  12. भानगढ़ का किला
  13. खाटूश्याम मंदिर
  14. भूतेश्वर नाथ मंदिर
  15. महारानी की छतरी


जयपुर शहर का परिचय - Introduction of Jaipur City in Hindi

  1. जयपुर का इतिहास महान योद्धाओं से जुड़ा रहा है। जयपुर शहर को 1726-27 में आमेर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अपने नाम पर जयपुर शहर को बसाया था। जयपुर शहर को वास्तुशास्त्र के अनुसार बंगाल के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य द्वारा तैयार किया है। जयपुर शहर प्रकृति की गोद में अरावली पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है।
  2. जयपुर में बने किले धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक इमारतें अपनी भव्य सुंदरता और वास्तुकला के लिए पूरी दुनियां में प्रसिद्ध है।
  3. जब वेल्स के राजकुमार प्रिंस अल्बर्ट 1856 में जयपुर आए थे तब इस शहर को गुलाबी रंग में सजाया गया था। कहते है तभी से इस शहर को पिंक सिटी के नाम से पुकारते हैं।


1. जयपुर में घूमने की जगह आमेर का किला  (Amber Fort Jaipur)

Jaipur me ghumne ki jagah

अरावली पर्वतमाला की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित आमेर का किला जयपुर की शाही भव्यता को उजागर करता अनोखा किला है। किले की सुंदरता और इतिहास को जानने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक जाते हैं। यह जयपुर में घूमने के लिए प्रमुख पर्यटक स्थलों में गिना जाता है। यह ऐतिहासिक किला अपनी सुंदर हिंदू वास्तुकला और भव्यता के लिए पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। किले का निर्माण 1592 में महाराजा मानसिंह ने सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थरो से करवाया था। आमेर किले को आंबेर का किला नाम से भी पुकारा जाता है।

किले के अंदर दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, सुख निवास और शीश महल रहने के स्थान है। शीश महल की छत में कांच के टुकड़ों से सुंदर कारीगरी की गई है जिसे राजा ने बेल्जियम से मंगवाया था। आमेर किले में एक गुप्त रहस्यमय 2 किमी लंबी सुरंग बनी हुई है जो जय गढ़ किले तक जाती है। अभी फिलहाल यह सुरंग बंद है। किले के मुख्य द्वार पर देवी शिला का मंदिर बना हुआ है। किले की सुंदरता को देखते हुए 2013 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया है।

किले की लोकेशन: आमेर का किला जयपुर शहर से लगभग 14 किलोमीटर की दूर मावठ सरोवर के नजदीक स्थित है। 

किले में घूमने का समय: पर्यटकों के घूमने के लिए यह किला सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है। नवरात्री के समय केवल 10 दिनों के समय में बदलाव किया जाता है। नवरात्री में किला सुबह 8 बजे शाम 05:30 बजे तक खुलता है। किले को अच्छी तरह घूमने में 2 घंटे का समय लग जाता है।

किले में घूमने का टिकट: किले का टिकट भारतीय पर्यटकों के लिए प्रति व्यक्ति 102 रुपए का प्रवेश शुल्क है। वही विद्यार्थियों के लिए 20 रुपए शुल्क है। और विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 500 रुपए है। इस किले में आप अपनी यात्रा को यादगार बनाने के लिए कैमरा लेकर जा सकते हैं। और फोटो खींच सकते है। आमेर के किले देखने के लिए हाथी की सवारी का आनंद उठा सकते हैं। किले में जीप सवारी के द्वारा भी सैर कराई जाती है। किले के इतिहास और रहस्यों को बारिकी से जानने के लिए गाइड भी ले सकते हैं जो पूरे किले को दिखाते हुए उसके बड़े में अच्छे से जानकारी देते हैं।

 

2. बिरला मंदिर जयपुर (Birla Mandir Jaipur Famous Place)

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बिरला परिवार द्वारा भारत के अनेकों शहरों में बिड़ला मंदिर का निर्माण करवाया गया है। जिसमे बिड़ला परिवार ने पहला मंदिर 1939 में दिल्ली में बनवाया था। इसी की तर्ज पर बिरला परिवार ने जयपुर मे 1988 में बिरला मंदिर का निर्माण करवाया था।

जयपुर का बिरला मंदिर मोती डूंगरी पहाड़ी के पास स्थित घूमने के लिए आकर्षण जगह है। मंदिर का निर्माण सफेद संगमरमर से करवाया गया है। जो दूर से आए पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। बिरला मंदिर भगवान लक्ष्मीनारायण को समर्पित है इसलिए मंदिर को लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। बिड़ला मंदिर के ठीक सामने भगवान गणेश को समर्पित मोती डूंगरी मंदिर स्थापित है। मोती डूंगरी मंदिर जयपुर में सबसे प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थल है।

बिरला मंदिर खुलने का समय :

Morning :- 06:30 AM - 12 PM

Evening :- 03:30 PM - 08:30 PM


3. जयगढ़ का किला जयपुर (Jai Gadh Fort Jaipur Best Places)

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जयगढ़ का किला ऐतिहासिक इमारत के रूप में बेहतरीन कारीगरी का नमूना है। इस किले को जीत का किला या विजय किला भी कहा जाता है। जयगढ़ किले का निर्माण 1667 में महाराजा जयसिंह द्वितीय ने आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से करवाया था। लेकिन 1726 में यह बनकर तैयार हो पाया था। किला देखने में बहुत ही भव्य लगता है।

जयगढ़ किले पर रखी दुनिया की सबसे बड़ी तोप जय बाण का दीदार कर सकते हैं। किले के अंदर तोप बनाने का कारखाना भी बना हुआ है। किले के अंदर पानी के तीन टैंक बने हुए हैं। जिसे पानी के टांके कहा जाता है। टैंक के दूसरी फ्लोर पर राजा गुप्त खज़ाना रखते थे। जयपुर में घूमने की जगह के रूप में एक अच्छा पर्यटक स्थल है।

जयगढ़ किले का टिकट शुल्क: जयगढ़ किले में घूमने के लिए प्रति व्यक्ति 150 रुपए का टिकट शुल्क लिया जाता है वही 5 साल से 12 तक के बच्चे का 75 रुपए शुल्क लगता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों का कोई शुल्क नहीं है। विद्यार्थियों के लिए 75 रुपए शुल्क है जो आईडी कार्ड में मान्य है। किले को देखने के लिए जाते हैं तो 2 घंटे का समय निकाल कर जाएं तभी अच्छे से सभी जगह को देख पाएंगे।

जयगढ़ किले की लोकेशन : जयगढ़ किला जयपुर से लगभग 10 किलामीटर की दूरी पर चील का टीला (Hill Of Eagle) नामक पहाड़ियों में सुंदर मावता झील के ऊपर की तरफ बना हुआ है। आमेर किले से जय गढ़ किले को साफ देखा जा सकता है। जयगढ़ किले तक पहुंचने के लिए आपको अनेकों तरह के वाहन जयपुर शहर से मिल जायेंगे।


4. जल महल जयपुर (Jal Mahal Jaipur Me ghumne Layak Jagah)

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जल महल अपने आकर्षण और प्राकृतिक शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। जल महल मानसागर झील के मध्य बना पांच मंजिला ऐतिहासिक महल है जो देखने में अत्यंत सुंदर दिखता है। महल के चारों तरफ अरावली पर्वत सुंदर नजारा प्रस्तुत करते हैं। महल के अन्दर दीवारों पर सुंदर चित्रकारी मन को मोह लेगी। जल महल का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह ने अपनी रानियों के स्नान करने के लिए करवाया था। जल महल जयपुर से 18 किलोमीटर दूर पर स्थित है। जल महल मुगलों और राजस्थानी वास्तुकला का संयोजन है।

जल महल को रोमांटिक महल भी कहा जाता है। गर्मियों के मौसम में इस महल में गर्मी का ऐहसास तक नही होता क्योंकि महल के कुछ हिस्से पानी के अंदर बने हुए हैं। चांदनी रात में झील के पानी में महल की छटा निराली दिखती है। धीरे धीरे जल महल पक्षी अभ्यारण में तब्दील हो रहा है। क्योंकि यहां पर बहुत से शैलानी पक्षी सर्दियों के मौसम में आते है। पर्यटकों के लिए जल महल पूरी तरह खुला नहीं है इसे दूर से ही देख सकते हैं।


5. हवा महल जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल (Hawa Mahal Jaipur ki Prasidh Jagah)

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जैसा की नाम से प्रतीत होता है हवा का महल जिसको महान कारीगरों द्वारा आकर्षण बनाया गया है। हवा महल को बाहर से देखने पर मधुमक्खी के छत्ते जैसा प्रतीत होता है। जयपुर में घूमने की जगह के रूप में हवा महल सबसे ज्यादा प्रसिद्ध प्राचीन इमारत है। हवा महल में 953 अनोखी खिड़कियों को बेहद सुंदर डिजाइन में बनाया गया है। जिसे झरोखा बोला जाता है। हवा महल पांच मंजिला प्राचीन ऐतिहासिक इमारत है इसको महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में राजसी महिलाओं हेतु बनवाया था।

जिससे शाही महिलाए महल के अंदर से ही रोजमर्रा की जिंदगी और महल में आयोजित होने वाले समारोह को देख सके। चूने और लाल बलुआ पत्थर से बना हवा महल लगभग 27 मीटर ऊंचा जयपुर में हृदय स्थल मार्ग पर स्थित है। जयपुर में घूमने के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारत है। हवा महल के ऊपर से पुराने जयपुर सिटी आकर्षक नजारा देखने को मिलता है।

हवा महल का टिकट: एतिहासिक ईमारत को देखने के लिए प्रति व्यक्ति का 50 रुपए टिकट लगता है। विद्यार्थियों के लिए केवल 20 रुपए का टिकट है। टिकट काउंटर हवा महल के पीछे बना हुआ है। हवा महल के पीछे से ही प्रवेश द्वार बना हुआ है।


6. जंतर मंतर जयपुर के ऐतिहासिक स्थल (Jantar Mantar Jaipur Famous Tourist Places)

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जयपुर के जंतर मंतर का निर्माण जयपुर के महाराज सवाई जयसिंह ने करवाया था। ऐतिहासिक विरासत को बनने में लगभग 10 साल का वक्त लगा था। जंतर मंतर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। जयपुर में स्थित जंतर मंतर एक खगोलीय वेद शाला है।

इसमें 14 तरह के वेद यत्र लगे हुए हैं जो समय मापने, तारो की गतिविधि को जानने के लिए उपयोग किया जाता है। यदि आप दिल्ली का जंतर मंतर देख चुके हैं तो आप जयपुर का जंतर मंतर देखने जा सकते हैं। जंतर मंतर को देखने के बाद पुरानी शिक्षा पद्धति का पूरा ज्ञान प्राप्त होगा। जंतर मंतर की प्राचीन टेक्नोलॉजी को समझने के लिए किराए पर गाइड भी कर सकते हैं जो आपको अच्छी तरह जानकारी देगा।

जंतर मंतर का प्रवेश शुल्क: 50 रुपए प्रति व्यक्ति विद्यार्थियों के लिए 20 रुपए का टिकट, जंतर मंतर सुबह 9 बजे से शाम 06:30 तक खुला रहता है।


7. सिटी पैलेस जयपुर (City Palace Jaipur)

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जयपुर शहर के बीचोबीच स्थित सिटी पैलेस राजस्थानी और मुगल वास्तु शैली का अदभुत संयोजन है। सिटी पैलेस का निर्माण भूरे संगमरमर के पत्थरो द्वारा किया गया है। जिसमे नक्काशीदार मेहराब और सोने जैसे रंगीन पत्थरों पर फूलों की आकृतियों द्वारा सुसज्जित किया गया है। सिटी पैलेस 6 भागों में विभाजित है। अलग अलग भाग में बहुमूल्य धरोहर को देखा जा सकता है। पैलेस में चांदी और सोने के बर्तन और शाही धरोहर देखा जा सकता है।

सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पर प्राचीन समय की तोप रखी हुई है जो आकर्षण का केंद्र है। पैलेस के मुख्य द्वार पर कठपुतली का नाच देख सकते हैं। सिटी पैलेस के अंदर आपको एक प्राचीन संग्रहालय देखने को मिल जायेगा। जिसमे राजस्थानी पोशाक और मुगल तथा राजपूतों के प्राचीन हथियार देखने का मौका मिलेगा। सिटी पैलेस में घूमने तथा उसके इतिहास के बारे में जानने के लिए गाइड की मदद ले सकते हैं। सिटी पैलेस के अंदर में घूमने के लिए बहुत सी इलेक्ट्रिक कार चलती है जिसका किराया 150 रुपए है। समय की बचत चाहते हैं तो बैठकर घूम सकते हैं।

सिटी पैलेस का टिकट प्राइस: सिटी पैलेस में घूमने के लिए 300 रुपए का टिकट शुल्क है वही विद्यार्थियों का 150 रुपए लगता है।


8. नाहरगढ़ प्रसिद्ध किला जयपुर - Nahar gadh Fort Jaipur

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नाहर गढ़ किले का निर्माण 1734 में जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने आमेर की सुरक्षा की दृष्टि से करवाया था। इस किले का नामकरण राजा नाहर सिंह के नाम पर किया गया था। किवदंती है कि किले में महाराजा नाहर सिंह की आत्मा भटकती थी इसी कारण इसे नाहरगढ़ किला कहा जाने लगा। यह किला अरावली पर्वतमाला पर स्थित है। महाराजा जयसिंह ने गर्मी से बचने के लिए अपनी रानियों के लिए इस किले का निर्माण करवाया था। यह किला जयपुर शहर से 20 किमी की दूरी पर स्थित है।

इसके बाद 19वी शताब्दी में सवाई माधोसिंह और सवाई रामसिंह के द्वारा किले के अंदर अन्य भवनों का निर्माण करवाया गया था। नाहरगढ़ किले में राजाओं द्वारा वर्षा के पानी को एकत्र करने के लिए कई तरीके अपनाएं जाते थे। जिसे पहुंचकर देखा जा सकता है। किले के अंदर महाराजा सवाई रामसिंह की नौ पत्नियों के लिए अलग अलग सुंदर निवास महल बने हुए हैं जिनकी रूप रेखा बिलकुल एक जैसी ही है। नाहरगढ किले के ऊपर से जयपुर शहर का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।

नाहरगढ़ किले का टिकट: नाहरगढ़ किला जयपुर में घूमने के लिए अच्छी जगह है। किले में घूमने के लिए सुबह 10 बजे से शाम 05:30 तक प्रवेश रहता है। किले में घूमने के लिए 50 रूपए का प्रवेश शुल्क लिया जाता है। और स्टुडेंट के लिए मात्र 20 रुपए टिकट शुल्क है और दूसरे देश से आए हुए पर्यटकों का प्रवेश शुल्क 200 रुपए है। नाहरगढ किले में घूमने के लिए साल के चार दिन 30 मार्च, 18 अप्रैल, 18 मई और 27 सितंबर को निशुल्क रहता है। होली के दिन किला पूरी तरह बंद रहता है।

   

9. अल्बर्ट हॉल संग्रहालय जयपुर (Albert hall Museum Jaipur Mein Ghumne Ki Jagah)

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अल्बर्ट हॉल संग्रहालय राजस्थान के जयपुर में स्थित सबसे प्राचीन संग्रहालय के रूप में पर्यटकों के बीच जाना जाता है। दरअसल महाराजा रामसिंह चाहते थे इस संग्रहालय को एक टाउन हॉल बनाया जाए पर महाराजा माधोसिंह द्वितीय ने इसे संग्रहालय के रूप में तब्दील करने का निर्णय लिया था। म्यूज़ियम के आकर्षण का केंद्र मिश्र की ममी है जो ईसा पूर्व से 322 साल पुरानी है। संग्रहालय में ममी को सुरक्षित रखा गया है जिसे देखने के लिए सबसे ज्यादा लोग जाते हैं।

अल्बर्ट हॉल संग्रहालय का निर्माण भारत और अरबी वास्तुशैली में किया गया है। जिसकी रूपरेखा सैमुअल स्वींटन जैकब द्वारा बनाई गई थी। इस संग्रहालय को आम जनता के देखने के लिए 1887 में खोला गया था। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को सरकारी केंद्रीय संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है। इस संग्रहालय के अंदर राजपूत जमाने के अनेक प्राचीन वस्तुएं देखने को मिलेंगी। पुराने बर्तन, तलवार, भाले, मूर्तियां, पेंटिंग, संगीत वादन की वस्तुएं वीणा, देखने को मिलते हैं। म्यूज़ियम के पास ही जयपुर का चिड़ियाघर बना हुआ है। पक्षियों और जानवरों को देखने के लिए जा सकते हैं।

म्यूज़ियम का टिकट : अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में पर्यटकों से टिकट शुल्क 50 रुपए है। स्टुडेंट का 20 रुपए टिकट है। म्यूज़ियम को एक घंटे में एक्सप्लोर कर पाएंगे।


10. गलता जी मंदिर (बंदर मंदिर) जयपुर - Jaipur Ka Galta ji Mandir 

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गलता जी मंदिर प्राचीन धार्मिक स्थल अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा हिंदू मंदिर के रूप में जाना जाता है। गलता जी मंदिर में हजारों साल पहले गालव ऋषि ने 100 वर्षो तक तपस्या की थी उनके ही नाम पर इस धार्मिक स्थल का नाम गलता जी रखा गया है। गलता जी मंदिर में बहुत से छोटे बड़े मंदिर और मंडप स्थापित है। मंदिर में आप बहते झरने का प्राकृतिक मनोरम दृश्य देख सकते हैं। मंदिर में बहते सात पवित्र कुंड बहुत ही पूजनीय माने जाते हैं। माना जाता है की कुंड में पानी का श्रोत पाताल से जाता है। बसा गलता जी मंदिर पर्यटकों के लिए बेहद खूबसूरत धार्मिक स्थलों में शुमार है।

कुंड में स्नान करना बहुत ही पवित्र माना जाता है। भक्त कुंड में स्नान करने के बाद मंदिरों में दर्शन करके आशीर्वाद प्राप्त करते है। मंदिर में आज भी 500 साल से दिव्य ज्योति जागृति होती आ रही है। मंदिर परिसर का कुछ भाग टूट गया है और कुछ भाग जीर्णोद्वार की अवस्था में है। मंदिर परिसर में अनेकों संख्या में बंदरों की जनजातियां निवास करती है इसलिए इस मंदिर को बंदर मंदिर भी कहा जाता है। अरावली पहाड़ियों पर स्थित मंदिर का निर्माण दीवान कृपाराम द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर में भगवान सूर्य देवता की उपासना की जाती है। जयपुर से लगभग 11 किलोमीटर की दूर पर स्थित है।


11. पिंक सिटी बाज़ार जयपुर में घूमने की जगह (Jaipur ki Pink City Market)

गुलाबी शहर के रूप में जाना जाने वाला जयपुर शहर पर्यटकों के खरीदारी करने के लिए उत्तम बाजार है। यहां पर हस्तशिल्प से बनी सुंदर वस्तुएं, राजस्थानी पगड़ी, हस्त निर्मित गहने और आभूषण, कपड़े, जूते चप्पल, साड़ी, सलवार सूट, रंग बिरंगी चूड़ियां, रंगीन चीनी मिट्टी के बर्तन, लकड़ी से बनी मूर्तियां, जयपुरिया संस्कृति को दर्शाने वाली जूतियां और कपड़े और अनेक जरूरी सामान की खरीदारी कर सकते हैं।


12. भानगढ़ का किला जयपुर (Bhangadh Kila Jaipur)

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भानगढ़ किला 15वी शताब्दी में बना अलवर जिले की सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के पास काकान वाड़ी पठार पर स्थित एक प्राचीन किला है। किला 2 किमी लंबी सीमा के बीच बना हुआ है। भानगढ़ किले को 1583 में आमेर के राजा भगवंत दास ने बनवाया था। बाद में किले का कुछ निर्माण करवा कर मानसिंह प्रथम ने अपने छोटे भाई माधोसिंह प्रथम को उपहार में दे दिया था। किले में प्रवेश करने के लिए पांच द्वार दिल्ली गेट, हनुमान गेट, अजमेरी गेट लाहौरी गेट, और फूलभरी गेट बने हुए हैं।

किले के अंदर भगवान शिव, हनुमान, मंगलादेवी, गोपीनाथ, केशव राय जैसे देवताओं के मंदिर स्थापित किए गए है। भानगढ़ किले का नामकरण माधोसिंह के पिता भान सिंह के नाम पर किया गया। आज के समय किले की देखरेख की जिम्मेदारी भारत सरकार द्वारा की जाती है। किले पर शोध करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम हमेशा मौजूद रहती है। किले के अंदर बहुत ही गुप्त सुरंग है जो काले चमगादड़ों से भरी हुई है।

आज के समय यह किला "भुतहा" किले के रूप में लोगो के बीच लोकप्रिय है। कहते है रात के समय इस किले में भूतो की आवाज आती है। और भूत घुमा करते है। इस बारे में बहुत से लोगो ने शोध किया पर अभी तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। सूर्यास्त के बाद इस किले में पर्यटकों को घूमने जाने के लिए अनुमति नहीं है।

जयपुर से भानगढ़ का रास्ता : भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। जयपुर शहर से किला 80 किमी दूर पड़ता है। जयपुर से बस द्वारा दौसा पहुंचने के बाद दौसा से बस, ऑटो रिक्शा से पहुंच सकते हैं। दौसा से भानगढ़ किले की दूरी 30 किमी रह जाती है। भानगढ़ किला गोला का बास गांव में स्थित है।

भानगढ़ किले की एंट्री शुल्क : किले में घूमने के लिए 20 रुपए एंट्री टिकट है।

 

13. खाटूश्याम मंदिर राजस्थान (Khatu Shyam Mandir Rajsthan me ghumne ki jagah)

Jaipur Me Ghumne Ki Jagah

खाटूश्याम मंदिर को मेंहदीपुर बालाजी जी के समान ही ख्याति प्राप्त है। यह मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित लगभग 1000 हजार साल प्राचीन मंदिर है। मंदिर का पुननिर्माण 1720 ई में महाराजा अभय सिंह द्वारा करवाया गया था।

मंदिर में भीम के पौत्र घटोत्कच के तीन पुत्रों में सबसे बड़े पुत्र बर्बरीक के सिर की पूजा की जाती है। जबकि बर्बरीक के धड़ की पूजा हरियाणा राज्य के एक जिले हिसार के एक गांव स्याह हड़वा में की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार खाटूश्याम मंदिर द्वापरयुग में भगवान कृष्ण की देन है। भगवान कृष्ण ने बर्बरीक की तपस्या से प्रसन्न होकर वरदान दिया था की कलयुग में उन्हें श्याम के नाम से पूजा जायेगा।

जयपुर से खाटूश्याम मंदिर की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। खाटूश्याम मंदिर पहुंचने के लिए बस, टैक्सी, जीप मिल जायेंगी। जिसमे आप अपने परिवार के साथ मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना कर सकते हैं। खाटूश्याम मंदिर में पूजा और दर्शन करने के लिए दूर दूर से लाखों की संख्या में भक्त जाते हैं। खाटूश्याम मंदिर भक्तो की आस्था का केंद्र है। कहते है खाटूश्याम दरबार में मांगी गई सभी मुरादे और मन्नते पूर्ण होती हैं।


14. भूतेश्वर नाथ मंदिर जयपुर

भूतेश्वर नाथ मंदिर जयपुर में हिंदुओ का प्रमुख धार्मिक मंदिर है। यह मंदिर विधायक नगर में स्थित है। नाहरगढ़ अभ्यारण से यह मंदिर 5 किलोमीटर की दूरी पर अरावली पहाड़ी पर स्थित है। इतिहासकारों के अनुसार कहा जाता है यह मंदिर 2100 साल पुराना है।

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। कहते हैं मंदिर में शिवलिंग की उत्पत्ति जमीन से हुई थी। शिवरात्रि के पावन अवसर पर मंदिर में दर्शन करने और जल चढ़ाने के लिए भक्तो की लंबी लाइन लगती है। मंदिर घने जंगल में होने के कारण रात को इस मंदिर में कोई पर्यटक नही रुकता।


15. महारानी की छतरी जयपुर (Maharani Ki Chatri Jaipur)

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जयपुर में महारानी की छतरी एक अंतिम संस्कार करने की जगह है। इस जगह को राजसी महिलाओं का अंतिम संस्कार करने के लिए बनाया गया था। महारानी की छतरी राजपूत शासन में बना अदभुत वास्तुशैली का उदाहरण है। इसे संगमरमर के पत्थर से निर्मित किया गया है। यह जयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है।

पर्यटकों के घूमने जाने के लिए सुबह 09:30 से शाम 04:30 तक खुला रहता है। होली के त्योहार को छोड़कर यह सभी दिन खुला रहता है। इसमें घूमने के लिए पर्यटकों से किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। पर्यटकों के घूमने के लिए यह जगह मुक्त है।


जयपुर घूमने का अच्छा मौसम क्या है? (Best Season to Visit Jaipur)

जैसा की आप जानते है। राजस्थान एक गर्म प्रदेश है। गर्मियों के मौसम में यहां का तापमान 35°C से 45°C तक पहुंच जाता है। इसलिए गर्मियों के मौसम में यहां पर बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है। इस कारण गर्मियों के मौसम में घूमने पर गर्मी की समस्या से गुजरना पड़ेगा। यदि आप जयपुर घूमने जानें की योजना बना रहे हैं तो जयपुर में घूमने का सबसे मौसम अक्टूबर से लेकर मार्च तक अच्छा रहता है।

अगर सर्दियों में घूमने जा रहे हैं तो अपने साथ गर्म कपड़े ले जाना न भूलें। इसके अलावा जयपुर में हाथी महोत्सव का बहुत ही महत्व है। होली के एक दिन पहले जयपुर में हाथी उत्सव मनाया जाता है। जिसे देखने के लिए बहुत से लोग जाते हैं। जयपुर में कम दूरी घूमने के लिए आप ई रिक्शा के द्वारा घूम सकते हैं। आप चाहे तो प्राइवेट टैक्सी बुक कर सकते हैं। जो जयपुर के आसपास जगहों में आसानी से घूम सकते हैं।


जयपुर कैसे पहुंचे? | How To Travel Jaipur

जयपुर राजस्थान की राजधानी होने के साथ साथ एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है। बिना परेशान हुए आप आसानी से जयपुर पहुंच सकते हैं।

बस से जयपुर कैसे पहुंचे? (Bus se jaipur Kaise Pahuche) 

जयपुर सड़क मार्ग द्वारा अच्छे से भारत के शहरों से जुड़ा हुआ है। आप अपने शहर से आसानी से जयपुर सार्वजनिक बस, टैक्सी, निजी वाहन द्वारा जयपुर पहुंच सकते हैं।


वायुमार्ग से जयपुर कैसे पहुंचे? (How To Reach Jaipur Through Aeroplane)

जयपुर राजधानी होने के कारण यहां विमान सेवा की सुविधा उपलब्ध है। जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट से दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई, चंडीगढ़, जैसे प्रमुख शहरों से विमान का संचालन होता रहता है। जयपुर घूमने जाने के लिए आप हवाई जहाज की टिकट बुक करके जा सकते हैं।


जयपुर ट्रेन से कैसे पहुंचे? (How To Reach Jaipur By Train) 

जयपुर ट्रेन द्वारा पहुंचना बहुत आसान है। जयपुर रेलवे स्टेशन (JP) में भारत के अलग अलग शहरों से रोजाना ट्रेनों का आवागमन होता रहता है। नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली से जयपुर के लिए रोजाना नियमित रूप से ट्रेन संचालित की जाती है।


जयपुर में रुकने के लिए जगह (Places To Stay Jaipur)

जयपुर में रुकने के लिए आपको कम बजट से लेकर महंगे बजट के आलीशान होटल मिल जायेंगे। आप चाहे तो होटल ऑनलाइन खोज कर बुक कर सकते हैं और ठहर सकते हैं। जयपुर रेलवे स्टेशन के आसपास कई सारे होटल मौजूद है। जिसमे कम पैसे में होटल में ठहरने के लिए रूम मिल जाते है। इसके अलावा सिंधी कैंप बस स्टैंड के आसपास 400 रूपए से 1000 रुपए में काफी साधारण होटल मिल जायेंगे। इसके आलावा आपको महंगे होटल में आप 2000 से 5000 तक के होटल मिल जायेंगे।


जयपुर शहर में किराए के वाहन

जयपुर की टूरिस्ट प्लेस को विजिट करने के लिए ऑटो रिक्शा या बैटरी वाले रिक्शा काफी संख्या में चलते हैं। एक स्थान से दूसरी जगह तक पहुंचने के लिए इन माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही जयपुर रेलवे स्टेशन के पास किराए पर दो पहिया वाहन ले सकते हैं। वाहन 400 रुपए में मिल जायेंगे। किराए पर वाहन लेने के लिए वैद्य ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है।


जयपुर का मशहूर भोजन (Famous Food Jaipur)

जयपुर खानपान के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। जयपुर में खाने के लिए आपको देशी धी से बनी मिठाई घेवर मिल जायेगा इसके अलावा जयपुर के अधिकांश होटल और रेस्टोरेंट में थाली सिस्टम चलाता है।

राजस्थानी थाली आपको 100 से 150 रुपए में मिल जायेगी। आपको राजस्थानी थाली दाल, सब्जी, रोटी, चावला, रायता, सलाद, पापड़ मिठाई व्यंजनों से सुसज्जित मिल जायेगी। साथ ही आप डाल बाटी चूरमा का स्वाद ले सकते हैं।

इसके अलावा चटपटा खाने का शौक रखते है। तो आलू चाट, छोले भटूरे, कचौड़ी, राजस्थानी मिर्ची पकोड़ा, आदि व्यंजनों का जायका ले सकते हैं। साथ ही लस्सी, कुल्फी, आइसक्रीम का आनंद ले सकते हैं।


जयपुर घूमने का कितना खर्चा आएगा? (Jaipur Me Ghumne Ka Kharcha)

आपने जान लिया की जयपुर के पर्यटन स्थल कौन से हैं अब जयपुर में घूमने का खर्चा कितना होगा यह जान लीजिए यदि आप जयपुर घूमने जाने की योजना बना रहे हैं तो जयपुर में घूमने की जगह के साथ आपको जयपुर में घूमने के खर्चे के बारे में भी अपनी योजना बनानी होगी। वैसे अनुमानित खर्चा आपको बता दूं जयपुर में 3 दिन घूमने  के लिए आपका 10000 से लेकर 15000 रुपए तक का खर्चा हो सकता है।


FAQs

1. जयपुर में क्या खास है?

जयपुर घूमने के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। जयपुर शहर में अनेकों राजपूत महाराजाओं ने किले, ऐतिहासिक इमारतों, भवनों का निर्माण करवाया है। जो घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है। इसके अलावा जयपुर अपने राजस्थानी पोशाक और संस्कृति के लिए जाना जाता है।

2. जयपुर से खाटूश्याम जी कितनी दूर है?

जयपुर से खाटूश्याम मंदिर पहुंचने के लिए 80 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। यह मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है।

3. जयपुर कब घूमने जाना चाहिए?

जयपुर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक माना जाता है। इस दौरान जयपुर का मौसम कूल रहता है। अक्टूबर से मार्च के बीच जयपुर में गर्मी नही पड़ती।

4. जयपुर कैसे घूमे?

जयपुर घूमने जाने पर यदि शाम को पहुंचे हैं तो स्टेशन से उतर कर रूम बुक कर आराम कर लें फिर सुबह आप जयपुर घूमने के लिए ई रिक्शा या कैब बुक करके जयपुर घूम सकते हैं। या फिर आप बस द्वारा जयपुर घूम सकते हैं। वाहन बुक करके घूमना आसान रहेगा क्योंकि बाद मे सभी जगह घुमाने के बाद आपके होटल तक भी छोड़ देंगे।


निष्कर्श (Conclusion)

जयपुर राजस्थान का ऐसा शहर है जिसे वास्तुशास्त्र के आधार पर विकसित किया गया है। जयपुर में घूमने की जगह (Jaipur Me Ghumne Ki Jagah) के तौर पर अनेकों ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृति से जुड़े स्थान है। वीकेंड का मजा लेने के लिए जयपुर शहर को एक्सप्लोर कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि यह लेख जयपुर के पर्यटन स्थलों के बारे आपकी जानकारी को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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