मैसूर में घूमने की जगह | मैसूर का दशहरा उत्सव
कर्नाटक राज्य में स्थित प्राचीन शहर मैसूर पर्यटन की दृष्टि से बहुत अहम है। मैसूर में घूमने के लिए भारी तादाद में पर्यटक मनोरंजन और मैसूर की संस्कृति से रूबरू होने के लिए जाते रहते है। मैसूर में होने वाला दशहरा पर्व जग जाहिर है जो पूरे भारत में अपनी अलग पहचान रखता है। मैसूर में घूमने की जगह के रूप में अनेकों संख्या में भव्य पैलेस, गार्डन, झील, नदी, वन्य जीव अभयारण्य, नहरें, प्राचीन धार्मिक मंदिर मौजूद है। अगर आप मैसूर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों से रूबरू होना चाहते हैं तो जानिए मैसूर में घूमने की जगह (Mysore Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में एक एक करके।
मैसूर में यदि आप नॉर्थ भारत से मैसूर घूमने के लिए जा रहे हैं। तो मैसूर में आपको कन्नड़ भाषा बोलने वाले लोग ज्यादातर मिलेंगे। लेकिन आपको मैसूर में भाषा को लेकर किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। क्योंकि मैसूर में अधिकतर लोग हिंदी भाषा को समझते है। मैसूर घूमने का प्लान बिना बेफिक्र के बना सकते हैं। मैसूर घूमने के लिए जा रहे हैं तो दशहरा पर्व महोत्सव पर जरूर जाएं। मैसूर का दशहरा देख कर आप जीवन पर्यंत अपनी मैसूर की यात्रा को भूल नही पायेंगे।
मैसूर में घूमने की जगह | Mysore Me Ghumne Ki Jagah
मैसूर शहर के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी
- मैसूर कर्नाटक राज्य की राजधानी बैंगलोर के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है। मैसूर में मनाया जाने वाला दशहरा महोत्सव पूरे भारत में प्रसिद्ध है। मैसूर में दशहरा पर्व 10 दिनों तक बड़े धूमधाम से हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
- मैसूर में टीपू सुल्तान का समर पैलेस पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- मैसूर पैलेस की भव्यता के कारण मैसूर में सबसे ज्यादा घूमने वाले पर्यटन स्थलों में शुमार है।
मैसूर में घूमने की जगह (Mysore Tourist Places In Hindi)
मैसूर में घूमने की यदि सोच रहे है तो लेख में बताएं गए मैसूर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में घूमने के लिए जा सकते हैं। वैसे मैसूर में घूमने के लिए बहुत से स्थल मौजूद है। लेकिन हम आपके लिए मैसूर के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की जानकारी देंगे।
1. मैसूर पैलेस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल (Mysore Mahal)
भारत के प्रमुख आकर्षण पर्यटन स्थल की बात की जाए तो मैसूर का भव्य पैलेस घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है। मैसूर शहर में पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा मैसूर भव्य पैलेस को देखा जाता है। भारत में सबसे बड़ा मैसूर महल जो मैसूर की भूमि में स्थित अत्यंत प्राचीन ऐतिहासिक महल है। जो देखने में बहुत ही रमणीय और आकर्षक लगता है। महल की बनवाट और भव्यता देखने वाले को मंत्र मुग्ध कर देती है।
सोने चांदी और आभूषण द्वारा सुसज्जित मैसूर महल का सिंहासन साल में केवल एक बार दशहरा पर्व के पावन अवसर पर आम जनता के देखने के लिए रखा जाता है। दशहरा के त्योहार में रोशनी से जगमगाता मैसूर पैलेस ऐसा लगता है। मानो जैसे स्वर्ग का नज़ारा दिख रहा हो।
मैसूर महल को देखने के लिए टिकट लगता है। भव्य महल में घूमने के लिए आप सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे के बीच में जा सकते हैं। मंदिर में स्वच्छता बनाए रखने के लिए आपको जूते चप्पल बाहर ही उतार कर जाना होता है।
2. जगमोहन पैलेस मैसूर (Jagmohan palace)
कला और साहित्य में रुचि रखने वाले पर्यटकों के घूमने लायक जगमोहन महल अच्छी जगहों में से एक है। जगमोहन महल में आप सुबह 9 बजे से 5 बजे के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं। महल की भव्यता को देखने के लिए पर्यटकों से प्रवेश शुल्क लिया जाता है। महल के अंदर घूमने के लिए बहुत ही कम रुपए का टिकट लगता है।
3. करण झील मैसूर में घूमने की जगह (Karan Jheel, Mysore)
करण झील अपने दोस्तो और परिवार के साथ घूमने लायक मैसूर में अच्छी जगहों में से एक है। शहर की आबोहवा से दूर करण झील के किनारे शांत वातावरण में अपने दोस्तो और परिवार के साथ आनंद उठा सकते हैं। चारो तरफ फैली हरियाली और कलरव करते पक्षी झील की सुंदरता को बनाए रखे हुए है। झील के किनारे बहती मंद मंद हवा रोम रोम को पुलकित कर देती है। शाम के वक्त समय व्यतीत करने के लिए आदर्श जगह है।
करण झील करीब एक सौ एकड़ में फैली चामुंडी पहाड़ी की तलहटी में बसी स्थानीय और विदेशी पर्यटकों के लिए पिकनिक स्पॉट के रूप में लोकप्रिय है। करण झील में नाव की सवारी का आनंद लेते हुए टाइम व्यतीत कर सकते हैं।
4. मैसूर चिड़ियाघर श्री चमराजेंद्रा जूलॉजिकल पार्क (Mysore Zoo)
मैसूर का चिड़ियाघर कर्नाटक राज्य का सबसे प्रसिद्ध चिड़ियाघर है। मैसूर के चिड़ियाघर का नाम श्री चमराजेंद्रा जूलॉजिकल पार्क है। जूलॉजिकल पार्क भारत के साथ ही विश्व के सबसे पुराने चिड़ियाघरों की सूची में शामिल है।
चिड़ियाघर का निर्माण महाराज चाम राजा वोडेयार के द्वारा 1892 में करवाया गया था। यह जू मैसूर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शुमार है। चिड़ियाघर में तरह तरह के जीव जंतु और पक्षियों को देख सकते हैं।चिड़ियाघर के अंदर ही झील बनी हुई है झील के किनारे बैठ कर टाइम पास कर सकते हैं और चिड़ियाघर में शेर, चीता, तेंदुआ, चीतल,भालू, हिरन, हाथी, गैंडे, दरियाई घोड़ा, दुसरे देशों में लाएं गए अनेकों प्रजाति के प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं।
Zoo Timing : मैसूर के चिड़ियाघर मंगलवार को छोड़कर सप्ताह के सभी रोज खुला रहता है। आप सुबह 9 बजे से 5 बजे के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं।
5. रेल म्यूजियम मैसूर की प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस (Rail Museum Mysore)
रेल म्यूजियम को भी काफ़ी ज्यादा पर्यटकों द्वारा पसंद किया जाता है। रेल म्यूजियम में 18वी शताब्दी में बने पुराने ज़माने के अनेकों मॉडल के रेल इंजन और रेलगाड़ी के डिब्बों को देख सकते हैं। यह म्यूज़ियम भारतीय रेलवे के विकास की कहानी प्रस्तुत करता है कैसे भारतीय रेलवे को समय समय पर अपग्रेड किया गया। रेल संग्रहालय का निर्माण 1979 में किया गया था।
मैसूर शहर में प्रसिद्ध संग्रहालय कृष्णराज सागर मार्ग पर स्थित है। रेल म्यूजियम बच्चों के घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। आप अपने बच्चो को घुमाने के लिए ले जा सकते हैं। रेल म्यूजियम में घुमाने से बच्चो का बौधिक विकास होगा।
Rail Museum Timing : मैसूर का रेल संग्रहालय पर्यटकों के घूमने के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे के बीच खुला रहता है। बीच में 2 घंटे के लिए बंद कर दिया जाता है। फिर 3 बजे से रात 7 बजे तक खुला रहता है।
6. मैसूर का दशहरा उत्सव (Mysore Famous Dussehra Festival)
मैसूर में मनाए जाने वाला दशहरा पर्व का उत्सव भारत में अन्य शहरों से अद्वितीय मनाया जाता है। दशहरा महोत्सव में मैसूर पैलेस को दुल्हन की तरह रंग बिरंगी लाइट लगा कर सजाया जाता है। रात की रोशनी में जब पैलेस में लाइट जलती है तो मैसूर पैलेस स्वर्ग के सामान दिखता हुआ प्रतीत होता है।
मैसूर के दशहरा को देखने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक दशहरा महोत्सव का गवाह बनते है। 10 रोज तक चलने वाले इस दशहरा महोत्सव में अनेक मेले आयोजित किए जाते है। और धार्मिक, सांस्कृतिक और पौराणिक कथाओं का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुति किया जाता है जिनसे मां चामुंडा देवी के रूप में महिषासुर मर्दन किया जाता है।
मैसूर उत्सव मनाने के पीछे सोच है बुराई को परास्त कर अच्छाई की विजय ध्वज को लहराना है। करीब दस दिन महोत्सव चलने के बाद महोत्सव समापन के आखिरी दिन 5 किमी की शोभा यात्रा निकाली जाती है। शोभा यात्रा में तरह तरह की झांकियां सजा कर बारात निकाली जाती है। लोग नाचते गाते हुए शोभा यात्रा में शामिल होते है।
हाथी देवी की मूर्ति को ढोल नगाड़े और बैंड बाजे के साथ लोग हर्ष और उल्लास से यात्रा को सफल बनाने का कार्य करते है। मैसूर में यह परंपरा कई सालो से चली आ रही है। भारत के किसी अन्य राज्य या शहर में इस तरह का पावन उत्सव देखने को नहीं मिलता। मैसूर में दशहरा महोत्सव पर कर्नाटक और मैसूर की संस्कृति और साहित्य को नजदीक से देखने का मौका मिलता है।
7. वृंदावन पार्क मैसूर (Vrindavan Garden Mysore)
वृंदावन पार्क मैसूर में फैमिली के साथ घूमने के लिए बहुत ही सुन्दर जगह है। कृष्णा सागर डैम के नजदीक कावेरी नदी के मुहाने पर बना बहुत ही लोकप्रिय उद्यान है। वृंदावन गार्डन को बनाने का मुख्य उद्देश्य कृष्णा सागर बांध की सुंदरता को बरकरार रखने के लिए निर्मित किया गया था। इसका निर्माण 1932 के समय सर मिर्जा इस्माइल के द्वारा करवाया गया।
गार्डेन में लगे अनेकों प्रजाति के फूल और पेड़ गार्डन की शोभा बढ़ाते है। गार्डेन में लगे पानी के फब्बारे, जमीन में उगी हरी घास घूमने आए पर्यटक वृंदावन उद्यान की सुंदरता को देखकर आश्चर्य चकित हो जाते है। शाम को आप अपने परिवार और बच्चों के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं। शाम को गार्डन में वाटर फाउंटेन डांस का शो दिखाया जाता हैं।
8. कृष्णराज सागर डैम (Krishnaraj Sagar Dam)
भारत की आजादी से पहले बने कृष्णा सागर बांध को 1932 में कृष्णराज वोडेयार के द्वारा निर्मित करवाया गया। बांध मैसूर शहर से करीब 15 किमी की दूरी पर बना हुआ है। कावेरी नदी पर बने कृष्णराज सागर बांध को देखने के लिए काफ़ी संख्या में पर्यटक जाते है।
बांध में मनोरंजन के कई साधन उपलब्ध हैं। डैम के पास ही तालाब में आप नाव की सवारी का आनंद उठा सकते हैं साथ ही बगल में बने वृंदावन पार्क में घूम सकते हैं। कृष्ण सागर बांध के ऊपर से देखने पर कावेरी नदी के बहते पानी को देखकर बहुत खुशी मिलती है।
9. चामुंडी पहाड़ या चामुंडेश्वरी मंदिर (Chamunde Shwari Temple Mysore)
चामुंडेश्वरी मंदिर चामुंडी पहाड़ की गोद में स्थित बहुत ही पुराना हिंदुओ का धार्मिक मंदिर है। सात खंड की ऊंचाई पर विराजमान मंदिर की चोटी से पूरे मैसूर शहर को देखा जा सकता है। चामुंडेश्वरी मंदिर में भक्तो की अपार गहरी श्रद्धा है। मां चामुंडेश्वरी माता दुर्गा का की एक अवतार है। माता के दर्शन करने के लिए हजारों की तादाद में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं।
यदि आप मैसूर में घूमने के लिए जाएं तो चामुंडेश्वरी मंदिर में माथा टेकने के लिए जरूर जाएं। माता चामुंडेश्वरी का मंदिर मैसूर से 12 किमी की दूरी पर स्थापित है। मां दुर्गा को समर्पित मंदिर 12वी शताब्दी में निर्मित प्राचीन मंदिर है। मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान मां चामुंडेश्वरी देवी की सोने की मूर्ति भक्तो के आकर्षण का केंद्र है। मंदिर में दर्शन करने के लिए आप निशुल्क जा सकते हैं। और माता से मन चाही मुराद मांग सकते हैं।
10. सैंट फिलोमेना चर्च (St Philomena Church Mysore)
सैंट फिलोमेना चर्च मैसूर में घूमने के लिए सबसे प्रसिद्ध धार्मिक जगहों में से एक है। सैंट फिलोमेना चर्च मैसूर में ईसाइयों का पवित्र चर्च माना जाता है। चर्च में भगवान ईसा मसीह के जीवन पर आधारित सुंदर पेंटिंग्स को दीवारों पर लगाया गया है। चर्च में घूमने गए पर्यटक पेंटिंग को देखकर ईसा मसीह के जीवन के बारे में और उनके ज्ञान और उपदेशों के बारे में बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलता है।
चर्च की रूपरेखा बहुत ही अद्भुत तरीके से तैयार की गई है। चर्च का निर्माण 1933 में कैथोलिक संत रोमन कैथोलिक पादरी फिलोमेना की याद में करवाया गया था। यह चर्च मैसूर से 2 किमी की दूरी पर स्थित है।
मैसूर के आसपास घूमने लायक पर्यटन स्थल
मैसूर शहर के आसपास 50 किलोमीटर के दायरे में घूमने लायक अनेकों पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल मौजूद है। यदि आप Mysore की यात्रा पर निकले हैं तो इन जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं। आप मैसूर पहुंच कर मैसूर के आसपास के पर्यटन स्थलों को भी देख सकेंगे जिसमे मैसूर से 40 किमी की दूरी पर स्थित सोमनाथ पुरा में प्राचीन केशव मंदिर है।
श्रवणबेलगोला मैसूर से 90 किमी दूर है यह जगह गोमतेश्वर स्तंभ के लिए प्रसिद्ध है। और नंजनगुड मैसूर से 20 किमी की दूरी पर दक्षिण का काशी कहा जाने वाला प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां पर भगवान श्री कांतेश्वर का प्रसिद्ध मंदिर बना हुआ है। आप इस जगहों पर घूमने के लिए जा सकते हैं। मैसूर के अलावा यह भी प्रसिद्ध स्थल है जो आपको पसंद आयेंगे।
मैसूर घूमने कब जाएं? - Best Time To Visit in Mysore
यदि दक्षिण भारत में मैसूर घूमने जाने की यात्रा का प्लान बना रहे हैं। तो आपको बता दे। मैसूर में घूमने लायक सबसे अच्छा समय सर्दियों का रहता है। उत्तर भारत की तरह दक्षिण भारत में सर्दियों में ज्यादा ठंड नही पड़ती है। बाकी आपके अपने समय पर निर्भर करता है।
यदि गर्मियों में घूमने का प्लान बना रहे है तो गर्मियों में भी घूम सकते हैं। चूंकि सर्दियों के मौसम में मैसूर में काफी संख्या में भारत के अलग अलग शहरों से पर्यटक जाते है। क्योंकि अक्टूबर से दिसंबर मैसूर पर्यटकों से भरा रहता है। सर्दियों में होने वाला दशहरा पर्व मैसूर में घूम धाम से मनाया जाता है।
जिसमे काफी संख्या में लोग दशहरा की छुट्टियों में मैसूर का उत्सव देखने के लिए जाते है। दशहरा पर्व में मैसूर में अनेकों सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। साथ ही मैसूर में प्रसिद्ध मेला भी लागत है। दशहरा से दिवाली तक मैसूर जगमग रहता है। इस दौरान मैसूर में रहने, घूमने और खाने का किराया महंगा हो जाता है।
मैसूर घूमने के लिए कैसे जाएं? (How To Reach Mysore)
मैसूर पहुंचने के कई रास्ते है। मैसूर शहर में पहुंचने के लिए बस, ट्रेन या हवाई जहाज द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। मैसूर चाहें तो अपनी सुविधानुसार निजी वाहन द्वारा डायरेक्ट पहुंच सकते है। या फिर बैंगलोर पहुंच कर मैसूर के लिए साधन पकड़ कर पहुंच सकते हैं।
बैंगलोर शहर से मैसूर की दूरी करीब 140 किलोमीटर की है। बैंगलौर के मैजिस्टिक बस स्टैंड से मैसूर के लिए रोजाना समय से कर्नाटक राज्य परिवहन की बस चलती रहती है। जो आपको 2 से 3 घंटे के अंदर मैसूर तक पहुंचा देती है।
रेल मार्ग से मैसूर कैसे पहुंचे? (How To Reach Mysore by Train)
मैसूर पहुंचने के लिए ट्रेन माध्यम एक सस्ता और अच्छा विकल्प है अपने शहर से सीधा मैसूर रेलवे स्टेशन के लिए टिकट बुक कर सकते। मैसूर का रेलवे स्टेशन भारत के अनेकों शहरों से जुड़ा हुआ है। यदि आपको सीधा मैसूर के लिए टिकट नहीं मिल रहा है तो अपने शहर से बैंगलोर के लिए रेलवे टिकट बुक कर सकते हैं।
बैंगलौर सिटी में मुख्यता दो रेलवे स्टेशन है। एक है यशवंतपुर रेलवे स्टेशन और दूसरा बैंगलोर सिटी रेलवे स्टेशन। यदि डायरेक्ट मैसूर के लिए ट्रेन नही मिलेगी तो निश्चित रूप से बैंगलोर के लिए ट्रेन मिल जायेगी क्योंकि बैंगलोर कर्नाटक की राजधानी होने के कारण यहां ट्रेनों का आवागमन भारी संख्या में होता रहता है। बैंगलोर पहुंच कर बस या टैक्सी के द्वारा मैसूर पहुंच सकते हैं।
मैसूर सड़क मार्ग से जाने का रास्ता (How To Reach Mysore by Road)
मैसूर शहर सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए अच्छी सड़के बनी हुई है। बहुतायत रूप से बसों का संचालन होता रहता है। मैसूर शहर में कर्नाटक के पड़ोसी राज्यों से बहुत बस चलती रहती हैं। राज्य परिवहन विभाग (KSRTC) की बसे नियमित रूप से चलती है। पुणे, कोल्हापुर, सोलापुर, शिरडी जैसे शहरों से रोजाना बस चलती हैं। जिनमें वोल्वो बस, साधारण बस, और स्लीपर बस शामिल है।
हवाई मार्ग से मैसूर पहुंचने का माध्यम (How To Reach Mysore by Air)
वैसे आपको बता दे हवाई मार्ग से मैसूर पहुंचने के लिए मैसूर में कोई एअरपोर्ट उपलब्ध नहीं है। लेकिन यदि भारत में मैसूर के लिए काफी दूर से यात्रा कर रहे हैं तो मैसूर हवाई जहाज से पहुंचने का एक रास्ता है। चाहें तो मैसूर के सबसे नजदीक का एयरपोर्ट बैंगलोर में केंपी गौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर सकते हैं। हवाई जहाज से बैगलोर पहुंच कर बस या टैक्सी बुक करके मैसूर पहुंच सकते हैं। भारत के लगभग सभी शहरों से बैंगलोर के हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए फ्लाइट्स में टिकट मिल जाती है। दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, पुणे, चंडीगढ़, भोपाल, जैसे शहरों से हर रोज हवाई जहाज उड़ान भरते रहते हैं।
मैसूर में कहां ठहरें? (Best Places To Stay in Mysore)
मैसूर में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको मैसूर में रुकने के लिए कोई दिक्कत नही होगी। मैसूर में रुकने लायक बहुत से होटल और रिसॉर्ट है। आपको कम कीमत में होटल में रुकने लायक रूम मिल जायेगा। अगर आप चार पहिया वाहन से मैसूर की टूरिस्ट जगहों को एक्सप्लोर करने के लिए गए है तो मैसूर में बहुत से प्रसिद्ध मोटल भी मौजूद है। जहां पर अपनी कार को बिना टेंशन के पार्क कर सकते हैं।
मैसूर का प्रसिद्ध भोजन क्या है?(Famous Food in Mysore)
दक्षिण भारत अपनी वेशभूषा और खान पान के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है। आपको दक्षिण भारत में मसालेदार और तीखा भोजन के अलावा नॉर्मल भोजन खाने के लिए मिल जायेगा। दक्षिण भारत में मैसूर की यात्रा पर निकले हैं तो मैसूर में खाने के लिए डोसा और सांभर मिल जायेगा वैसे उत्तर भारत में भी डोसा और सांभर खाने के लिए मिल जायेगा लेकिन मैसूर और दक्षिण भारत में बने डोसे का स्वाद लाजवाब है।
डोसा को कई तरह से बनाया जाता है। जिसमे मसाला डोसा, पेपर डोसा, नॉर्मल डोसा और भी अन्य डोसा की वरायटी है। इसके अलावा खाने के लिए इडली, उथप्पम, वाड़ा सांभर, चित्रन्ना, नींबू राइस, भज्जी जैसे व्यंजनों का स्वाद ले सकते है। स्वाद लेने के लिए और भी व्यंजन मिलते हैं जिसमे चावल, इमली से बना सांभर, पापड़, रायता, रूमाली चपाती, दाल, सब्जी का स्वाद ले सकेंगे।
मैसूर की यात्रा में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न : FAQ on Mysore Me Ghumne Ki Jagah
1. बैंगलौर से मैसूर कितना किलोमीटर है?
बैंगलोर शहर से मैसूर की दूरी करीब 140 किलोमीटर है। बैंगलौर के मैजिस्टिक बस स्टैंड से मैसूर के लिए रोजाना समय से कर्नाटक राज्य परिवहन की बस चलती रहती है। जो 2 से 3 घंटे के अंदर मैसूर तक पहुंचा देती है।
2. मैसूर में घूमने लायक क्या क्या चीज है?
मैसूर में घूमने लायक अनेकों पर्यटन स्थल, मंदिर, और प्रसिद्ध ऐतिहासिक महल शामिल हैं।
3. मैसूर से ऊटी की दूरी?
मैसूर घूमने के लिए गए हैं तो ऊटी की भी यात्रा कर सकते हैं। मैसूर से प्रकृति की गोद में बसे ऊटी की दूरी 130 किमी की है। अगर आराम से भी मैसूर से ऊटी जायेंगे तो 4 घंटे से में आसानी से पहुंच जाएंगे।
4. मैसूर किस नदी के किनारे पर बसा है?
मैसूर कावेरी नदी के किनारे पर बसा हुआ है।
5. मैसूर कहां है?
मैसूर भारत के कर्नाटक राज्य की राजधानी बैंगलोर शहर से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह कर्नाटक राज्य में बैंगलोर के बाद दूसरा बड़ा शहर है।
6. मैसूर पैलेस में घूमने के लिए प्रवेश शुल्क क्या है?
मैसूर पैलेस में घूमने जाने के लिए पर्यटकों द्वारा प्रति वयस्क व्यक्ति द्वारा 100 रुपए का टिकट मिलता है। और 10 साल से लेकर 18 साल के लोगों के लिए 50 रुपए का प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
7. मैसूर में घूमने के लिए कौन सा मौसम सही रहता है?
मैसूर में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर माह से फरवरी तक सही रहता है। लेकिन यदि आप मैसूर घूमने की योजना बनाई है। तो कोशिश करें की दशहरा के त्योहार के समय मैसूर में घूमने के लिए जाएं। दशहरा के त्योहार पर मैसूर में 10 दिनो तक दशहरा पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।