10+ कुल्लू में घूमने की जगह : गर्मियों में घूमने लायक आदर्श स्थान
व्यास नदी के किनारे बसा कुल्लू भारत में हिमाचल प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। कुल्लू की प्राकृतिक भव्यता के कारण इसे देवताओं की भूमि भी कहा जाता है। चारों ओर फैली सुन्दर हरियाली पर्यटकों का मन मोह लेती है। सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण के अलावा एडवेंचर एक्टिविटी के लिए भी कुल्लू की वादियां बहुत ही खास है। आर्टिकल के माध्यम से कुल्लू में घूमने की जगह (Kullu me ghumne ki jagah) के बारे में जानकारी देंगे।
गर्मियों के मौसम में कुल्लू पर्यटकों के घूमने लायक मनपसंद टूरिस्ट प्लेस में से एक है। अगर आप गर्मी के मौसम में किसी ठंडे पर्यटन स्थल की तलाश कर रहे हैं तो निःसंदेह हिमाचल प्रदेश की कुल्लू वैली में घूमने का प्लान बना सकते हैं। कुल्लू की वादियां सेव के पेड़, चीड़ और देवदार के ऊंचे वृक्षों से घिरी हुई है।
कुल्लू अपने हिंदू मंदिर और सनातन संस्कृति के लिए खूब लोकप्रिय है। कुल्लू में प्रति वर्ष मनाए जाने वाला सात दिवसीय दशहरा पर्व दर्शनीय है जिसमे भगवान रघुनाथ जी की भव्य यात्रा निकाली जाती है। यह पर्व कुल्लू के लोगों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।
कुल्लू में घूमने की जगह | Kullu Me Ghumne Ki Jagah
1. बिजली महादेव मंदिर
कुल्लू में बिजली महादेव मंदिर हिंदुओ का प्राचीन मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित मंदिर में शिवलिंग की पूजा की जाती है। मंदिर कुल्लू से 14 किमी दूर मथान पहाड़ पर स्थित है। मंदिर में दर्शन करने के लिए भारी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए जाते है। मंदिर में सबसे आकर्षण मंदिर की 100 मीटर लंबी झंडे की छड़ है। मान्यता है की जब बादलों के गरजने से बिजली कड़कती है जो तरंगे दिखाई देती है वह भगवान शिव का आशीर्वाद है।
2. खीरगंगा
खीरगंगा खूबसूरत झरने के लिए जाना जाता है। ऊंचाई से गिरते पानी का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है। शाम के वक्त सूरज ढलते ही खीरगंगा का परिदृश्य देखने लायक रहता है। खीरगंगा की प्रकृति सुंदरता पर्यटकों का मन मोह लेती है। यह खूबसूरत स्थल कुल्लू से 21 किमी की दूरी पर पड़ता है।
3. कैसरधर
कैसरधर कुल्लू में पिकनिक स्पॉट के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। कैसरधर कुल्लू से 14 किमी की दूरी पर खजियार नामक स्थान पर स्थित है। देवदार के ऊंचे पेड़ इस जगह को खास बनाते है। पहाड़ों पर पैदल सुंदरता को निहारते हुए ट्रेकिंग करने लायक सबसे खास पर्यटन स्थल है। परिवार के साथ घूमने के लिए बहुत ही बढ़िया जगह है।
4. फ्रेंडशिप चोटी
5289 मीटर की ऊंचाई पर स्थित फ्रेंडशिप चोटी कुल्लू में ट्रेकिंग करने के लिए बढ़िया जगह है। फ्रेंडशिप चोटी पर ट्रेकिंग करने के लिए स्पोर्ट मैन बड़ी संख्या में ट्रेकिंग करते है। साथ ही ट्रेकिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है।
5. हनोगी माता मंदिर (Hanogi Mata Ka Mandir)
हनोगी माता मंदिर कुल्लू में हिंदुओ का एक छोटा सा मंदिर है। कुल्लू की वादियों में घूमने के बाद हनोगी माता मंदिर में दर्शन के लिए जा सकते हैं। कुल्लू में यह मंदिर बहुत ही आस्था का केंद्र है। मान्यता है की जो भी मुराद इस मंदिर में मांगी जाती है वह पूर्ण जरूर होती है। माता के मंदिर से चारो ओर का सुंदर नजारा देखने को मिलता है।
6. कुल्लू का वैष्णो देवी मंदिर
कटरा में स्थित मां वैष्णो देवी के सामान ही कुल्लू में माता वैष्णो देवी का छोटा सा मंदिर बना हुआ है। वैष्णो देवी मंदिर कुल्लू में महादेवी तीर्थ स्थल के लिए जाना जाता है। ब्यास नदी के किनारे स्थित मंदिर कुल्लू से 2 किमी की दूरी पर है।
7. तीर्थन घाटी
तीर्थन घाटी घाटी कुल्लू में घूमने लायक बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। तीर्थन वैली में चारो ओर फैली हरियाली पर्यटकों को सुकून का ऐहसास दिलाती है। घाटी की तलहटी में बहती नदी और झरने घाटी की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं।
कुल्लू के अन्य दर्शनीय स्थल
- देव टिब्बा
- गर्म पानी का कुंड मणिकर्ण
- चंद्रखानी पास
- सुल्तानपुर पैलेस
- भृगु झील
- नग्गर
कुल्लू घूमने का सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?
कुल्लू की वादियों में दिन बिताने के लिए सबसे अच्छा मौसम फरवरी से जून तक का रहता है। उत्तर भारत में फरवरी से जून तक महीना गर्मियों वाला रहता है। वही इस मौसम से कुल्लू का वातावरण ठंडा और सुकून दायक रहता है। गर्मियों की छुट्टियों में कुल्लू घूमने के लिए एक अच्छा विकल्प है।
यदि कुल्लू में गिरती बर्फबारी को देखना चाहते हैं तो सर्दियों के महीने दिसंबर या जनवरी के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं। वही मानसून सीजन में कुल्लू में काफी वर्षा होती है। जिस कारण जगह जगह पर भूस्खलन की संभावना रहती है जिससे रोड़ बंद हो जाते है। इसलिए बरसात के समय कुल्लू घूमने के लिए उपयुक्त नहीं है।
कुल्लू की यात्रा कैसे पहुंचे
ट्रेन से कुल्लू की यात्रा
कुल्लू ट्रेन द्वारा पहुंचने के कई रास्ते है। कुल्लू के नजदीक पठानकोट चंडीगढ़ और कालका रेलवे स्टेशन उपलब्ध है। अपने शहर से सुविधाजनक रेलवे स्टेशन पहुंचकर सड़क मार्ग द्वारा आसानी से कुल्लू तक पहुंच सकते हैं।
बस द्वारा कुल्लू कैसे जाएं
कुल्लू की वादियों की सुंदर वादियों में भ्रमण करने के लिए सड़क मार्ग द्वारा भी पहुंच जा सकता है। कुल्लू नेशनल हाईवे 3 से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क कुल्लू के सफर को सुगम बनाती है। दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, शिमला, देहरादून जैसे शहरों से कुल्लू के लिए सीधा सड़क मार्ग लगा हुआ है।
हवाई मार्ग द्वारा कुल्लू की यात्रा
हवाई जहाज द्वारा कुल्लू पहुंचने के लिए सबसे नजदीक हवाई अड्डा कुल्लू से 10 किमी दूर भुंतर नामक जगह पर बना हुआ है। दिल्ली से रोजाना घरेलू उड़ान संचालित की जाती है।
लोगों के सवाल
1. कुल्लू से मनाली की दूरी?
कुल्लू से मनाली 40 किमी दूर है पड़ता है। कुल्लू से मनाली बस द्वारा 1 से 01:30 पहुंचने मे लग जाते है।
2. कुल्लू मनाली कौन से प्रदेश में आता है?
कुल्लू मनाली भारत में हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित पर्यटन स्थल है। कुल्लू व्यास नदी के किनारे बसा सबसे ज्यादा पर्यटकों से घिरा रहता है।